tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post1708574556955666307..comments2024-02-20T15:42:35.518+05:30Comments on चला बिहारी ब्लॉगर बनने: कहानी फ़िल्मी नहीं है!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttp://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comBlogger47125tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-12214609808023921532012-10-08T21:21:22.471+05:302012-10-08T21:21:22.471+05:30हमारे जीवन में रोज कितनी ही कहानियाँ होती है जो सि...हमारे जीवन में रोज कितनी ही कहानियाँ होती है जो सिनेमा की कहानियाँ नहीं होती है | कुछ अच्छी , कुछ बुरी |<br />ये तेरे मेरे दुःख ,<br />ये छोटी मोटी खुशियाँ ,<br />यही कहानी होती है ,<br />बच्चन जी की फिल्मों में ,<br />चल न मिलकर फिल्म बनाये || :)<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-73333414436904985892011-06-14T20:30:29.412+05:302011-06-14T20:30:29.412+05:30जल्द स्वस्थ होने के लिए शुभकामनाये और नये लैप टॉप ...जल्द स्वस्थ होने के लिए शुभकामनाये और नये लैप टॉप की बधाई |संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-79840799604823150262011-06-04T12:18:48.217+05:302011-06-04T12:18:48.217+05:30इ दुनिया एगो रंगमंच और हम सब नौटंकी वाले.
पर्दा एक...इ दुनिया एगो रंगमंच और हम सब नौटंकी वाले.<br />पर्दा एक दिन गिरबे करी.<br />लेकिन पर्दा गिरले के पहिले तक सबके इ नौटंकी के पात्र निभायेक बा.<br />ईश्वर से प्रार्थना बा की आपके तबियत जल्दी थीक हो.musafirhttps://www.blogger.com/profile/11319471665081550579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-7878980488069875332011-06-02T14:16:20.497+05:302011-06-02T14:16:20.497+05:30दुख की बात है ... आशा है अब आपकी तबीयत ठीक होगी .....दुख की बात है ... आशा है अब आपकी तबीयत ठीक होगी ... <br />निराशा सी होती है जब ऐसे प्रसंद अपने आस पास ही नज़र आते हैं ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-41540281049729513222011-06-02T09:06:11.863+05:302011-06-02T09:06:11.863+05:30बहुत ही दुखद और मार्मिक प्रस्तुती!बहुत ही दुखद और मार्मिक प्रस्तुती!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-82772257793943442582011-06-01T10:19:44.466+05:302011-06-01T10:19:44.466+05:30एक अल्कोहोलिक के साथ जीना सिर्फ कहने भर का जीना है...एक अल्कोहोलिक के साथ जीना सिर्फ कहने भर का जीना है, सिर्फ दिखने भर का साथ है... तिल-तिल कर मरने से ज्यादा आसान लगता है एक बार का मरना. नतीजा ...दि ग्रेट एस्केप. <br />एक बेहद मर्मान्तक दास्तान!!SKThttps://www.blogger.com/profile/10729740101109115803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-275124412659700802011-05-31T17:33:35.140+05:302011-05-31T17:33:35.140+05:30मार्मिक कथा!!मार्मिक कथा!!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-81256604360821333632011-05-30T09:54:25.400+05:302011-05-30T09:54:25.400+05:30kahani ka ant marmik raha lekin filmi nahi lagtikahani ka ant marmik raha lekin filmi nahi lagtiSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-67369994766573153232011-05-29T08:43:59.615+05:302011-05-29T08:43:59.615+05:30अक्सर ऐसा होता है कि आप बीती को चाहे जितने भी अच्छ...अक्सर ऐसा होता है कि आप बीती को चाहे जितने भी अच्छे ढंग से लिखा जाय लोग कहानी की तरह ही पढ़ते हैं। भोग कर महसूस करना और पढ़कर महसूस करना दोनो में बहुत फर्क है।<br />आप का दर्द जल्दी से ठीक हो..।देवेन्द्र पाण्डेयhttp://devendra-bechainaatma.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-32491511056160834122011-05-28T18:23:36.030+05:302011-05-28T18:23:36.030+05:30अरे सलिल भाई, जल्दी से ठीक हो जाइए । साखी फिर से ...अरे सलिल भाई, जल्दी से ठीक हो जाइए । साखी फिर से जमने लगी है। आप वहां आएंगे तभी उसमें जान आएगी। <br />*<br />जो आपने देखा वही तो जीवन है। जब हमारे सामने घटता है तब ही हम यकीन कर पाते हैं। अन्यथा तो जो कहीं और घट रहा होता है वह हमारे लिए कहानी किस्सा ही होता है न।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-64488348245403950882011-05-28T15:14:45.730+05:302011-05-28T15:14:45.730+05:30फिल्में-कहानियाँ सब कहीं न कहीं से तो उपजती ही हैं...फिल्में-कहानियाँ सब कहीं न कहीं से तो उपजती ही हैं।<br />कहूँ क्या, मौन हूँ। <br />संजय जी से सहमत।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-20767451867906604412011-05-28T11:04:54.225+05:302011-05-28T11:04:54.225+05:30dukhbhari baaten man ko bojhil kar gayeen.....aap ...dukhbhari baaten man ko bojhil kar gayeen.....aap swasth rahen yahi kamna hai....mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-31993079968561428382011-05-28T09:56:36.584+05:302011-05-28T09:56:36.584+05:30वाकई चिन्ताजनक जीवन से युँ मुख मोड़ लेना...मार्मिक ...वाकई चिन्ताजनक जीवन से युँ मुख मोड़ लेना...मार्मिक प्रस्तुतिउपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-90319935743902804412011-05-28T00:04:42.526+05:302011-05-28T00:04:42.526+05:30आपके पोस्ट को प्रिडिक्ट करना मुश्किल होता है.... म...आपके पोस्ट को प्रिडिक्ट करना मुश्किल होता है.... मन भर आया है....<br />कामना है कि आप शीघ्र स्वस्थ्य हो...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-81263730562742211592011-05-28T00:01:30.214+05:302011-05-28T00:01:30.214+05:30ओहो...
विवेक जैन vivj2000.blogspot.comओहो...<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-54174789500528386822011-05-27T20:27:56.205+05:302011-05-27T20:27:56.205+05:30सलिल भाई,
जीवन सिनेमा ही तो है.
आप जीवन को किस नज़...सलिल भाई,<br />जीवन सिनेमा ही तो है.<br />आप जीवन को किस नज़र से देखते हैं ,यह माईने रखता है.<br />सिनेमा देखते रहीये,पर director को याद रखिये.<br />गीता का सन्देश भी यही है कि द्रष्टा बन जाईये.<br /><br />आप के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ.विशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-39740378565592633142011-05-27T11:39:56.874+05:302011-05-27T11:39:56.874+05:30आह ...... स्वेदननाएँ मर गई है... आंसू सूख गए है..आह ...... स्वेदननाएँ मर गई है... आंसू सूख गए है..दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-7207014865418962952011-05-27T10:57:15.328+05:302011-05-27T10:57:15.328+05:30इस एक ही दुखद घटना ने आपको विचलित कर दिया और वेदना...इस एक ही दुखद घटना ने आपको विचलित कर दिया और वेदना को सशक्त रूप से व्यक्त भी कर दिया । कुछ नीचे उतर कर देखें तो ऐसी दुखद घटनाएं यहाँ वहाँ मिलती रहतीं हैं । और सचमुच वे इसी तरह फिल्मी नहीं होती । क्योंकि फिल्मों में कोई करुण कथा रस मानी जाती है ।जबकि वास्तविक रूप में ये घटनाएं अन्तर को चीत्कार से भर देतीं हैं । एक लेखक जब नीचे उतरता है तो अपनी करुणा व पीडा को दूसरों के लिये इसी तरह रस बना कर प्रस्तुत करता है । रचना सदा की तरह प्रभाव छोड रही है ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-67270206527702232112011-05-27T00:48:49.143+05:302011-05-27T00:48:49.143+05:30जिन्दगी एक लम्बी कहानी है,जिसमें बहुत सी कहानियाँ ...जिन्दगी एक लम्बी कहानी है,जिसमें बहुत सी कहानियाँ जुड़ी होती हैं...कुछ सुखद और कुछ दुखद। इस कहानी का अंत दुखद था...सुखांत कहानी का इंतजार रहेगा। हमेशा की तरह जिन्दगी के आस-पास से ली गई एक संवेनात्मक अनुभूति...मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-57891688042313614092011-05-27T00:04:27.853+05:302011-05-27T00:04:27.853+05:30अब का कहें...कुछ कहने लायक कभी छोड़ें हैं आप? हमेश...अब का कहें...कुछ कहने लायक कभी छोड़ें हैं आप? हमेशा आँखों में नीर भर जाते हैं...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-67582835374464052482011-05-27T00:00:49.031+05:302011-05-27T00:00:49.031+05:30पूरी ईमानदारी से अपने अपनी बात कही है। इसके लिए बध...पूरी ईमानदारी से अपने अपनी बात कही है। इसके लिए बधाई। अब बिटिया कैसी है। <br /><br /><br />मैं इस ब्लॉग को फालो कर रहा हूं। अगर आप चाहे तो ऐसा ही कर सकते हैं।पंकज मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/05619749578471029423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-30758216621631334622011-05-26T21:50:25.610+05:302011-05-26T21:50:25.610+05:30ओह!
बहुत दुखद!ओह!<br />बहुत दुखद!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-6176851615456253612011-05-26T18:51:23.769+05:302011-05-26T18:51:23.769+05:30हमारे आसपास की जिन्दगिया ही तो कहानी बनाती है |
बि...हमारे आसपास की जिन्दगिया ही तो कहानी बनाती है |<br />बिटिया का ध्यान रखियेगा |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-88362177445914446702011-05-26T17:16:35.084+05:302011-05-26T17:16:35.084+05:30बहुत ही दुखद.... और कुछ नहीं कह सकता...बहुत ही दुखद.... और कुछ नहीं कह सकता...लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-37174861156570738212011-05-26T15:49:36.040+05:302011-05-26T15:49:36.040+05:30dukhant.......
pranam.dukhant.......<br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.com