tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post188907398681858367..comments2024-02-20T15:42:35.518+05:30Comments on चला बिहारी ब्लॉगर बनने: कन्फ्यूज़नचला बिहारी ब्लॉगर बननेhttp://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comBlogger51125tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-18647649096543233112012-10-08T16:33:39.564+05:302012-10-08T16:33:39.564+05:30हमने देखी है उन् आँखों की महकती खुशबू ,
प्यार से छ...हमने देखी है उन् आँखों की महकती खुशबू ,<br />प्यार से छू के इसे रिश्ते का 'इल्जाम' न दो......अहा<br />.<br />पता नहीं बाऊ जी , आपको ऐसा लगता है कि नहीं लेकिन मुझे एक बात लगती है , गुलजार साब के बोलों को न जाने कितने बड़े बड़े दिगज्जो ने अपनी आवाज से सजाया है , लेकिन जब भी मैं उनको खुद गुलजार साब की आवाज में सुनता हूँ , सिहरन दौड़ जाती है , लगता है कि यही आवाज सबसे परफेक्ट है इन बोलों के लिए <br />चाहे वो 'बस्ते जैसी बस्ती' हो , या 'वो पुराना खम्भा' या फिर 'मेरा वो सामान लौटा दो' या कि 'इस मोड से जाते हैं' या 'लिजेंड्री - बल्लीमारा'.<br />हालाँकि आपने सुना जरूर होगा लेकिन मेरी गुजारिश पर आज एक बार और सुनिए(मेरी तरफ से तोहफा समझिए इसे और मैं इसे आपका आशीर्वाद समझूंगा)<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-91068494201981898162012-08-31T15:55:53.403+05:302012-08-31T15:55:53.403+05:30SALIL JI
MERA AAP SE KYA REESHTA HAI ?
MAI KYA JA...SALIL JI<br /><br />MERA AAP SE KYA REESHTA HAI ?<br />MAI KYA JAANOO !<br /><br />REESHTE KO SALAM !<br /><br />UDAY TAMHANE<br />BHOPAL.<br /> Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-4241060287459061062012-01-27T17:16:23.653+05:302012-01-27T17:16:23.653+05:30माफ़ कीजियेगा ...देर आये ..दुरुस्त आये ...!!
आपकी...माफ़ कीजियेगा ...देर आये ..दुरुस्त आये ...!!<br />आपकी लेखनी पढ़ते पढ़ते हम बिहारी बोलना सीख जायेंगे...<br />अब आपका ब्लॉग भी फौलो कर लिया है ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-17518810306314412772012-01-27T16:14:07.698+05:302012-01-27T16:14:07.698+05:30आपकी इस पोस्ट पर आने का पूरा श्रेय आदरणीय रश्मि ज...आपकी इस पोस्ट पर आने का पूरा श्रेय आदरणीय रश्मि जी की कलम को जाता है ..प्रत्येक शब्द स्नेहयुक्त अपनी भावनाओं की मिठास लिए हुए ..आभार सहित शुभकामनाएं ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-10975851502935164102012-01-15T11:05:47.169+05:302012-01-15T11:05:47.169+05:30:)इतनी मिठास पर कुछ कहने का मन नहीं :):)इतनी मिठास पर कुछ कहने का मन नहीं :)Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-92080114625155508312012-01-15T09:55:49.792+05:302012-01-15T09:55:49.792+05:30इतनी अच्छी पोस्ट पर बहुत देर से आ पायी। रिश्तों...इतनी अच्छी पोस्ट पर बहुत देर से आ पायी। रिश्तों की महक उनके सम्बोधन से ही है। बड़े पापा और छोटे पापा बोलकर बड़े कन्फ्यूज कर देते हैं लोगंअजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-30673565270459394862012-01-14T20:03:59.549+05:302012-01-14T20:03:59.549+05:30:):)Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-49092246012644791692012-01-14T16:07:15.571+05:302012-01-14T16:07:15.571+05:30bahut achchi prastuti.bahut achchi prastuti.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-13117469817128030932012-01-14T14:55:09.761+05:302012-01-14T14:55:09.761+05:30बहुत अच्छी सुंदर प्रस्तुति,मेरे ख्याल से संबोधन रि...बहुत अच्छी सुंदर प्रस्तुति,मेरे ख्याल से संबोधन रिश्तों के मर्यादाओं के अनुसार शोभा देता है,... <br />new post--<a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/dheerendra.html#links" rel="nofollow">काव्यान्जलि : हमदर्द.....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-425917475592558502012-01-14T09:02:15.342+05:302012-01-14T09:02:15.342+05:30प्यार को प्यार ही रहने दो कोइ नाम न दो!
यही तो अपु...प्यार को प्यार ही रहने दो कोइ नाम न दो!<br />यही तो अपुन के जीवन की भी फिलासफी रही है सलिल बाबू !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-65310925122528403492012-01-13T18:14:22.038+05:302012-01-13T18:14:22.038+05:30रिश्तो को नया अर्थ देती रचना.... काश ऐसा कन्फ्यूज़...रिश्तो को नया अर्थ देती रचना.... काश ऐसा कन्फ्यूज़न सबके जीवन में हो...मेरे भावhttps://www.blogger.com/profile/16447582860551511850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-74768602155874971962012-01-13T05:47:47.970+05:302012-01-13T05:47:47.970+05:30दादा,हमहू अपने पिताजी को भइया कहिथ है ,बचपने ते !
...दादा,हमहू अपने पिताजी को भइया कहिथ है ,बचपने ते !<br />बच्चे वहै तो सीखथ हैं जऊन उनके आस-पास ह्वाथ !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-75343508981407753512012-01-12T22:55:37.688+05:302012-01-12T22:55:37.688+05:30सही अवलोकन! निशब्द कर दिया आपने..!सही अवलोकन! निशब्द कर दिया आपने..!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-21175970454497953402012-01-12T19:16:42.197+05:302012-01-12T19:16:42.197+05:30किसी परिवार में रिश्तों के नामों में ऐसी विविधता द...किसी परिवार में रिश्तों के नामों में ऐसी विविधता दिखे तो समझना चाहिए कि वह संयुक्त परिवार है और कम से कम तीन पीढि़यों के सदस्य प्रेमपूर्वक साथ-साथ रहते हैं।<br />.......................<br />कुछ रिश्ते<br />जैसे साथ हों फरिश्ते<br />और कुछ रिश्ते<br />सिर्फ रिसते रहते हैं।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-77022869002202002042012-01-12T18:38:15.480+05:302012-01-12T18:38:15.480+05:30देवर-भाभी के रिस्ता के नाम के साथ जो मिठास है, भैय...देवर-भाभी के रिस्ता के नाम के साथ जो मिठास है, भैया-दीदी के नाम के साथ जो स्नेह का खुसबू है, सब रूह से महसूस त किया जा सकता है, <br /><br /><br />वाह...क्या लिखते हैं आप? अद्भुत...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-50084292101358322422012-01-12T15:34:44.710+05:302012-01-12T15:34:44.710+05:30हमारे अंचल में भी ऐसा ही होता है... हमारे साथ खुद ...हमारे अंचल में भी ऐसा ही होता है... हमारे साथ खुद आपकी बेटी के जैसा एक शानदार अनुभव जुदा है... हम छोटे थे परीक्षा में रोल नंबर, नाम. पिता का नाम मैडमजी को भी भरना होता था... वो हमसे पूछी की तुम्हारे पिताजी का नाम क्या है.. हम सहज उनको उत्तर दे दिए - हमारे पिताजी का नाम पिताजी है... उन्हें समझ आये तो पूछती हैं की तुम्हे छोड़कर बाकि के लोग उन्हें क्या बोलते हैं.. तब हम जवाब दिए की उन्हें पूरा गाँव पिताजी ही बोलता है...<br />हमारे दादाजी को गाँव के सभी लोग पिताजी कहते हैं... इस घटना को सोचकर हमें आज भी खूब हंसी आती है...लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-17460942973208521142012-01-12T13:43:35.939+05:302012-01-12T13:43:35.939+05:30main bhi apni dadi ko bau kah kar bulati thi...main bhi apni dadi ko bau kah kar bulati thi...sonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-16999408564707200742012-01-12T10:25:40.206+05:302012-01-12T10:25:40.206+05:30जैसा बोयेंगे वैसा ही काटेंगे ....इसलिए शब्दों पर ...जैसा बोयेंगे वैसा ही काटेंगे ....इसलिए शब्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है हर शब्द एक रिश्ते को ही नहीं बल्कि एक अहसास को भी अभिव्यक्ति देता है ...! इस प्रासंगिक पोस्ट के लिए आपको ढेरों शुभकामनाएं ......!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-57803903942761576082012-01-11T23:47:54.931+05:302012-01-11T23:47:54.931+05:30ये बडे रोचक प्रसंग हैं । हमारे पास के कस्बा में एक...ये बडे रोचक प्रसंग हैं । हमारे पास के कस्बा में एक शिक्षिका थीं-बेटीबाई वे बतातीं थीं कि बचपन में जैसा कि लडकियों को प्यार से कहा जाता है सब उन्हें बेटी कहते थे । बाद में उनका नाम बेटी ही पड गया बेटीबाई । भैया भी बेटी कहने लगे-बेटी जीजी । उनके छात्र-छात्राएं कहते--बेटी बहन जी । जब शादी हुई तो पतिदेव पुकारते --अरे बेटी कहाँ हो । और उनका बेटा माँ का नाम पूछे जाने पर जब माँ का नाम बताता--तब पूछने वाला मुस्कराए बिना नही रह पाता था ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-78278829405553156922012-01-11T22:23:16.998+05:302012-01-11T22:23:16.998+05:30ये बहुत कॉमन है. आपने बड़े रोचक तरीके से प्रस्तुत ...ये बहुत कॉमन है. आपने बड़े रोचक तरीके से प्रस्तुत किया. हम भी बहुत सालों तक अपने भैया को 'नाम से ही' बुलाते थे. बाद में 'मेरे भैया' कहने लगे.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-71019986982768006122012-01-11T21:59:07.802+05:302012-01-11T21:59:07.802+05:30बिहारियों का नाम रौशन करने के लिए आभार.... !!बिहारियों का नाम रौशन करने के लिए आभार.... !!विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-53598918556992288772012-01-11T15:44:27.898+05:302012-01-11T15:44:27.898+05:30joint family ka sach , badhiya .joint family ka sach , badhiya .रूपhttps://www.blogger.com/profile/14926598063271878468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-84009828493898531152012-01-11T15:03:03.992+05:302012-01-11T15:03:03.992+05:30यह समस्या तो बहुत आम है...कई घरों में बच्चे अपनी म...यह समस्या तो बहुत आम है...कई घरों में बच्चे अपनी माँ को नाम लेकर बुलाते देखे जाते हैं.या फिर भाभी,चाची आदि.यूँ बच्चों को सिखाने के उद्देश्य से पति अप्तनी आपस में मम्मी पापा के संबोधन भी करते देखे जाते हैं:)इससे बच्चा तो सीख जाता है पर उनके लिए बाद तक भी यह आदत छुड़ाना बहुत मुश्किल होता है :)shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-62886733324181209312012-01-11T15:00:36.491+05:302012-01-11T15:00:36.491+05:30सामान्य से विवरण को आप रोचक और उद्देश्यपूर्ण बना द...सामान्य से विवरण को आप रोचक और उद्देश्यपूर्ण बना देते है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-7025585208290724242012-01-11T14:51:17.856+05:302012-01-11T14:51:17.856+05:30पंजाबी बोलने वाले कई घरों में माँ को भाभी बोलते है...पंजाबी बोलने वाले कई घरों में माँ को भाभी बोलते हैं और भाभी को भरजाई ... <br />गज़ब का ताना बाना बुना है आपने रिश्तों का .... मज़ा आ गया ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com