tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post5348033428021364574..comments2024-02-20T15:42:35.518+05:30Comments on चला बिहारी ब्लॉगर बनने: मैं हूँ ना!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttp://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comBlogger65125tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-91602219044445870482018-04-20T18:52:24.580+05:302018-04-20T18:52:24.580+05:30चारो खाने चित्त हो गए हम तो! अब हम ब्लश कर रहे हैं...चारो खाने चित्त हो गए हम तो! अब हम ब्लश कर रहे हैं कि उस दिन आपकी लघुकथा पर क्या क्या कह यह सोचकर कि वह आपकी पहली लघुकथा है। 2012 में तो मैं लघुकथा का ल भी नहीं जानती थी। <br />आपने अपने अंदर कितने रुस्तम छिपा रखा है।<br />मुझे बहुत अच्छी लगी यह।अर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-21620813019247962532014-05-04T11:46:46.838+05:302014-05-04T11:46:46.838+05:30आत्मिक प्रेम डूब कर किया गया प्रेम है जो भीतर की छ...आत्मिक प्रेम डूब कर किया गया प्रेम है जो भीतर की छवि को बाहर साकार करता है .संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-89040697940405394452012-10-08T05:48:25.613+05:302012-10-08T05:48:25.613+05:30सुबह का पौने छौ बज रहा है और यकीन मानिये मेरी आँखो...सुबह का पौने छौ बज रहा है और यकीन मानिये मेरी आँखों में नींद का एक कतरा भी नहीं है | दिल अभी और इसी तरह आपको पढ़ना चाहता है लेकिन रात ने ही साथ छोड़ दिया |<br />मुझे याद है कि मैंने आपसे कहा था कि आज भर में आपका 'पूरा ब्लॉग' पढ़ डालूँगा लेकिन मैं कच्ची जुबान का निकला , सिर्फ ७५ पोस्ट पढ़ पाया मैं | क्षमा चाहता हूँ :(<br />बाऊ जी , मजबूरी है , सुबह कॉलेज जाना है , एक - आध घंटा सो लेता हूँ उस से पहले |<br />आपने भले ही बहुत संजीदा बातों को बेहद चुटीले अंदाज में कहा हो और मैं भले ही उनको पढ़कर कितना भी प्रसन्न हुआ हूँ , लेकिन पता नहीं क्यूँ जाते समय मेरी आँखें कुछ गीली सी हैं , क्यूँ , पता नहीं , उस खुशी को मैं सिर्फ महसूस कर पा रहा हूँ , बता नहीं पा रहा हूँ |<br />अभी के लिए शायद मेरी सीमायें यहीं तक थीं , चलता हूँ <br />जल्द लौटूंगा |<br />आपका आशीष चाहिए |<br />प्रणाम |<br /><br />सादर<br />-आकाशAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-58057730312073395862012-10-08T05:35:43.734+05:302012-10-08T05:35:43.734+05:30बाऊ जी (देखिये हम कहाँ से कहाँ तक आ गए , कल सुबह ह...बाऊ जी (देखिये हम कहाँ से कहाँ तक आ गए , कल सुबह ही सर से शुरू किये थे , कल रात तक चचा और आज सुबह फाइनली बाऊ जी , आप ऊँगली पकडाइये पहुंचा हम खुद पकड़ लेंगे ) , अपने लघु कथा का पहला प्रयास किया था , एकबारगी किसी को यकीन ही नहीं होगा , लेकिन इसके साथ में आपका नाम जुड़ा है न , यकीन करना ही पड़ेगा |<br />और एक बात अंत में दिया हुआ "राही मासूम रजा" इश्टाइल विवरण भी बहुत बढ़िया है |<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-54490579295813336082012-10-07T10:04:08.451+05:302012-10-07T10:04:08.451+05:30पहले सुना, फिर पढा! दुनिया से जाने वाले दिल से कब ...पहले सुना, फिर पढा! दुनिया से जाने वाले दिल से कब जाते हैं भला!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-82297130311252123082012-10-04T09:43:19.159+05:302012-10-04T09:43:19.159+05:30भावों की बेहतरीन अभिव्यक्ति
जीवन की सच्चाइयों से ...भावों की बेहतरीन अभिव्यक्ति <br />जीवन की सच्चाइयों से जूझते व्यक्तित्व का अत्यंत सुंदर मनोवैज्ञानिक विश्लेषण और चित्रण किया है आप ने <br />अति उत्तम !!इस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-12513800482724322082012-10-04T09:36:39.451+05:302012-10-04T09:36:39.451+05:30Bahut Khub...Bahut Khub...Surinder Singhhttp://www.singhstylestudio.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-74309124522894544352012-10-03T21:59:57.150+05:302012-10-03T21:59:57.150+05:30बहुत अच्छी और बड़ी सच्ची सी कहानी है सलिल जी. बधाई...बहुत अच्छी और बड़ी सच्ची सी कहानी है सलिल जी. बधाई.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-25626558273435122602012-10-02T17:50:58.802+05:302012-10-02T17:50:58.802+05:30man ko chhuti hui ........bahut hi achchhi kahani ...man ko chhuti hui ........bahut hi achchhi kahani .उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-64928179181128814782012-10-01T13:48:30.794+05:302012-10-01T13:48:30.794+05:30क्या जी! कहानी ने तो पढ़ते पढ़ते आंखों की ह्यूमिडि...क्या जी! कहानी ने तो पढ़ते पढ़ते आंखों की ह्यूमिडिटी बढ़ा दी! Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-40929902265000294182012-09-30T13:46:23.592+05:302012-09-30T13:46:23.592+05:30क्या कहूँ?
Philip Larkin said,
"What will ...क्या कहूँ? <br /><br />Philip Larkin said,<br /><br />"What will survive of us is love." :)<br /><br />Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-39374743595739101342012-09-30T11:57:31.136+05:302012-09-30T11:57:31.136+05:30इसे पढकर तो ऐसा कतई नहीं कहा जा सकता कि यह पहली कह...इसे पढकर तो ऐसा कतई नहीं कहा जा सकता कि यह पहली कहानी है. बहुत सुंदर कहानी सीधे दिल को छू जाती कई. गज़ब का अंदाजे बयाँ. मुबारक हो.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-7734761342640317852012-09-30T09:20:38.468+05:302012-09-30T09:20:38.468+05:30आपके मनोविज्ञान का एक यह पहलू भी है जो मुझे उलझन म...आपके मनोविज्ञान का एक यह पहलू भी है जो मुझे उलझन में डाल देता है!उस घर की याद आयी जहाँ किसी का साया अब भी आता हुआ लगता है ....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-46574985225750639612012-09-29T00:15:58.231+05:302012-09-29T00:15:58.231+05:30लगता ही नहीं पहली कहानी है.कितनी आसानी से इतना गूढ...लगता ही नहीं पहली कहानी है.कितनी आसानी से इतना गूढ़ संदेश दे दिया - सराहनीय!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-6453641761095416382012-09-28T23:11:04.771+05:302012-09-28T23:11:04.771+05:30...सलिल जी मन को भा गई यह कहानी......सलिल जी मन को भा गई यह कहानी...मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-90399972638766790972012-09-28T22:10:40.810+05:302012-09-28T22:10:40.810+05:30पहला प्रयास और इतना शानदार....मेरी शुभकामनाएंपहला प्रयास और इतना शानदार....मेरी शुभकामनाएंरश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-43615926176260469962012-09-28T20:22:16.552+05:302012-09-28T20:22:16.552+05:30पहले सोचा बीबी को भी पढ़वा देता हूँ ये सुंदर लघु क...पहले सोचा बीबी को भी पढ़वा देता हूँ ये सुंदर लघु कथा फिर सोचा रहने दो मैं थोडे़ मैं हूँ ना :)).सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-46471279619802893162012-09-28T18:41:52.135+05:302012-09-28T18:41:52.135+05:30बहुत अच्छी लगी ये लघु कथा. सच में जो चले जाते हैं,...बहुत अच्छी लगी ये लघु कथा. सच में जो चले जाते हैं, वो हमेशा के लिए हमारे अस्तित्व से जुड़ जाते हैं. muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-38955887206051252602012-09-28T16:10:54.580+05:302012-09-28T16:10:54.580+05:30@ शर्म आती है और एम्बैरेस्मेंट महसूस होती है..
लो ...@ शर्म आती है और एम्बैरेस्मेंट महसूस होती है..<br />लो जी ! ये तो उलटा ही मामला हो गया जब मै ब्लॉग जगत में नई थी और किसी को टिप्पणी देती थी तो लगता था की पता नहीं जिसे टिप्पणी दी जा रही है उसके लिए उसका कोई महत्व भी है की नहीं उसे पढता भी है की नहीं , यहाँ तो बड़े बड़े लोग है और मै आम सी महिला , फिर संजय जी को सभी को जवाब देते देखा तो बड़ा अच्छा लगा और खुद भी वैसा ही करने लगी | मुझे तो लगता है की जवाब देने से टिप्पणी देने वाले को और भी अच्छा लगता है और एक संवाद भी कायम हो जाता है , हा हर बार तो नहीं किन्तु कभी कभी तो उसकी जरुरत लगती है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-19555743456149858012012-09-28T15:06:16.280+05:302012-09-28T15:06:16.280+05:30आत्मिक प्रेम की गहराई में डूबी सुंदर कहानी अंत तक ...आत्मिक प्रेम की गहराई में डूबी सुंदर कहानी अंत तक रोचकता प्रवाह बनाए <br />रखने में सफल,इस उत्कृष्ट कहानी लेखन के लिये सलिल जी,हार्दिक बधाई,,,,<br /><br />RECENT POST <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/09/blog-post_26.html#links" rel="nofollow">: गीत,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-34955078967149847982012-09-28T12:47:01.758+05:302012-09-28T12:47:01.758+05:30सचमुच अच्छी लघु कथा प्रयास सार्थक है लिखते रहें सचमुच अच्छी लघु कथा प्रयास सार्थक है लिखते रहें राजेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02628010904084953893noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-57931152830345390312012-09-28T10:36:40.127+05:302012-09-28T10:36:40.127+05:30चर्चा मंच से यहाँ पहुंच गई ,एक रोचक कहानी मिली ,पढ...चर्चा मंच से यहाँ पहुंच गई ,एक रोचक कहानी मिली ,पढ़ने को !!विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-9132906115247214202012-09-28T05:45:10.634+05:302012-09-28T05:45:10.634+05:30आत्मिक प्रेम डूब कर किया गया प्रेम है जो भीतर की...आत्मिक प्रेम डूब कर किया गया प्रेम है जो भीतर की छवि को बाहर साकार करता है . सुनील के प्रति अंजना का गहन प्रेम उसके साथ साया सा चलता है !<br />बहुत प्यारी सी कहानी !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-83234418082594243462012-09-28T05:43:05.880+05:302012-09-28T05:43:05.880+05:30खूब याद दिलाया ...दूरदर्शन के स्वर्णिम दिनों की या...खूब याद दिलाया ...दूरदर्शन के स्वर्णिम दिनों की याद !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-89644409223847377162012-09-28T03:33:05.363+05:302012-09-28T03:33:05.363+05:30बहुत ही प्यारी कहानी....बहुत ही प्यारी कहानी....लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.com