tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post6055225132943585433..comments2024-02-20T15:42:35.518+05:30Comments on चला बिहारी ब्लॉगर बनने: विवेक शर्मा, भिखारी और भिखारी का ताजमहल!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttp://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comBlogger39125tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-49719094151560142872012-10-08T02:39:25.984+05:302012-10-08T02:39:25.984+05:30बहुत अच्छी कविता थी चचा |
साथ ही विवेक जी के बारे ...बहुत अच्छी कविता थी चचा |<br />साथ ही विवेक जी के बारे में भी जानने को मिला , वर्ना मैं तो उन्हें निर्देशक के तौर पे ही जानता था |<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-68143790979838695642010-10-01T19:54:55.104+05:302010-10-01T19:54:55.104+05:30सलिल जी,पता नहीं क्यों , पहली बार लगा कि जीवन मे ए...सलिल जी,पता नहीं क्यों , पहली बार लगा कि जीवन मे एक सच्चे व्यक्ति से मेरी बातचीत हो रही है, आपकी सलाह मेरे लिए निस्संदेह अत्यधिक उपयोगी है, 'संवेदना के स्वर ' का तो अनुशरण करने लगा हूँ मैं. पेशे से शिक्षक हूँ , केंद्रीय विद्यालय मे , विज्ञानं पढ़ाता हूँ , पर कई शौक हैं मेरे , कभी इप्टा से भी जुड़ा रहा था .नक्र मे ही हूँ , इतना तो पता चल ही गया होगा, प्योर balliatik हूँ.तो आपकी चला बिहारी की भाषा मेरे लिए जीवन दायिनी है, पुरानी यादें , pure nostalgic !. आपकी कविता ...पोटली मे .........<br />"तेरी ये ज़िद थी इसे सिल के ही दम लेगी तू!<br />बूढ़ी आँखों से दिखाई तुझे कम देता था<br />सुई कितनी दफा उंगली में चुभी थी तेरी<br />उंगलियों से तेरी कितनी दफा बहा था ख़ून.<br />कौन सा इसमें ख़ज़ाना था गिरा जाता था<br />कौन सी दुनिया की दौलत थी लुटी जाती थी."<br />शानदार पंक्तियाँ हैं ,सहेज कर रक्खी जानी चाहियें. शायद इतनी संवेदना तो 'संवेदना के स्वर मे भी नहीं . मेरा साधुवाद.रूपhttps://www.blogger.com/profile/14926598063271878468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-90854437220956887602010-09-12T13:11:59.380+05:302010-09-12T13:11:59.380+05:30आज जब तू नहीं दुनिया में तो आता है ख़याल
दौलत-ए-दो-...आज जब तू नहीं दुनिया में तो आता है ख़याल<br />दौलत-ए-दो-जहाँ से बढके पोटली है मेरी<br />संगेमरमर की नहीं यादगार, क्या ग़म है<br />सोई पैबंद के पीछे मेरी मुमताज़ महल.<br /><br />पोटली में लगे पैबंद हैं दौलत मेरी.<br />.......एक कटु सत्य को बहुत ही सहजता से उकेरा है आपने .... गहन संवेदनाभरी प्रस्तुति हेतु धन्यवाद ...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-54695592414606370692010-09-09T12:51:43.748+05:302010-09-09T12:51:43.748+05:30अच्छा लगा पढना इनके बारे में...अच्छा लगा पढना इनके बारे में...Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-14200108691627554452010-09-09T11:07:12.548+05:302010-09-09T11:07:12.548+05:30प्रिय सलिल जी,
आपकी लेखनी को मेरा प्रणाम!
अत्यंत...प्रिय सलिल जी, <br />आपकी लेखनी को मेरा प्रणाम! <br />अत्यंत संवेदनशील रचना है "भिखारी का ताजमहल" ... मानो एक-एक शब्द को आंसुओं में डुबोकर लिखा है आपने...<br />शब्दों की भावपूर्ण अभिव्यक्ति....<br />शलभ गुप्ताShalabh Guptahttps://www.blogger.com/profile/02245717578974444324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-34173038087595043332010-09-08T20:17:08.821+05:302010-09-08T20:17:08.821+05:30bahut hee sundar kavita ke liye badhayibahut hee sundar kavita ke liye badhayiVIJAY KUMAR VERMAhttps://www.blogger.com/profile/06898153601484427791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-29277291466186461452010-09-08T20:01:19.658+05:302010-09-08T20:01:19.658+05:30.
@-Sarvat-
Indeed his blog is very decent and i....<br /><br />@-Sarvat-<br /><br />Indeed his blog is very decent and impressive.<br />.<br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-85722778767909510082010-09-08T11:54:40.686+05:302010-09-08T11:54:40.686+05:30बहुत दिनों बाद पढने को मिली आपकी पोस्ट पढ़ कर अच्छा...बहुत दिनों बाद पढने को मिली आपकी पोस्ट पढ़ कर अच्छा लगा !soni garg goyalhttps://www.blogger.com/profile/04213856425345615300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-64711045817381446772010-09-08T11:27:35.281+05:302010-09-08T11:27:35.281+05:30bohat hi achchi panktiyan hai Salil ji...Aapne mer...bohat hi achchi panktiyan hai Salil ji...Aapne mer hausla badhaya...dil se aabhari hoon:)<br /><br />vivek sharmavivek sharmahttps://www.blogger.com/profile/07370114778983955707noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-38460624765326881732010-09-08T08:26:33.664+05:302010-09-08T08:26:33.664+05:30मैं पहली बार आपके ब्लॉग तक आया हूँ. भोजपुरी में एक...मैं पहली बार आपके ब्लॉग तक आया हूँ. भोजपुरी में एक सार्थक ब्लॉग देकर आपने एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किया है. चूंकि मैं गोरखपुर से हूँ, भोजपुरी से बखूबी वाकिफ हूँ. भोजपुरी भाषा में पहला ब्लॉग है जहां भंडैती नहीं है. वरना फूहड़ हास्य या अश्लीलता ही परोसे जा रहे हैं ऐसे ब्लोग्स पर. <br />ताजमहल, आपके ताजमहल ने साहिर के ताजमहल की याद दिला दी. मेरे पास शब्द नहीं इस रचना की प्रशंसा के लिए. एक शब्द में बोलूँ तो ---शानदार.<br />मुझे आपकी मेल आई.डी. दरकार थी जो आपके प्रोफाइल या ब्लॉग पर भी नहीं मिली. मजबूरन कमेन्ट बॉक्स का सहारा ले रहा हूँ. मैं अपनी मेल आई.डी.और फोन नम्बर यहाँ अंकित कर रहा हूँ ताकि आपसे सम्पर्क के माध्यम मुझे प्राप्त हो सकें.<br />sarwatjml63@gmail.com sarwat.jamal@yahoo.com <br />09696318229 09792525923 <br />आशा है आप मुझे सम्पर्क सूत्र से अवगत कराएंगे.सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-29087331860496164492010-09-08T03:52:44.509+05:302010-09-08T03:52:44.509+05:30इंटरनेट की गति प्रकाश के बराबर!!!!!!!!!! :)
कविता ...इंटरनेट की गति प्रकाश के बराबर!!!!!!!!!! :)<br />कविता ने तो मन को तडपा दिया.. पूरे से शायद ना पहुंचा होऊं लेकिन काफी हद तक आपकी भावनाओं को महसूस कर पाया..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-24969943515738564702010-09-07T23:02:25.566+05:302010-09-07T23:02:25.566+05:30chacha ji kavita bahut achhi hai, aur vivek ji ka ...chacha ji kavita bahut achhi hai, aur vivek ji ka blog bhi padha...ab padhte rahgunga :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-58421456749368791482010-09-07T10:21:51.898+05:302010-09-07T10:21:51.898+05:30sensible .....
pranamsensible .....<br /><br /><br />pranamसञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-19600859088024028902010-09-07T09:59:45.639+05:302010-09-07T09:59:45.639+05:30बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार कविता ...बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार कविता जो काबिले तारीफ़ है! हर एक पंक्तियाँ लाजवाब है! बधाई!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-58395541799352131532010-09-06T21:44:12.242+05:302010-09-06T21:44:12.242+05:30कहने का अंदाज़ तो आपका भी कुछ कम नहीं है! ...और आप...कहने का अंदाज़ तो आपका भी कुछ कम नहीं है! ...और आपका वो टाट का ताजमहल तो संगेमरमर के ताजमहल से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत है!!SKThttps://www.blogger.com/profile/10729740101109115803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-61046029091850439632010-09-06T20:55:43.090+05:302010-09-06T20:55:43.090+05:30बहुत ही संवेदनशील कविता है...
और हर चीज़ का समय न...बहुत ही संवेदनशील कविता है...<br /><br />और हर चीज़ का समय नियत है अब तो ये विश्वास और पक्का हो गया....मुझे भी एक पोस्ट जो मैने अपना ब्लॉग शुरू करने से पहले...किसी और ब्लॉग के लिए लिखा था, उसे भी अपने ब्लॉग तक लाने में एक साल लग गए...अब अगली पोस्ट वही पोस्ट होगी.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-9360660503853755672010-09-06T20:24:07.837+05:302010-09-06T20:24:07.837+05:30संवेदनाओं की इतनी सूक्ष्म अभिव्यक्ति बहुत कम देखने...संवेदनाओं की इतनी सूक्ष्म अभिव्यक्ति बहुत कम देखने को मिलती है। यही पकड़ आम आदमी और कवि के बीच के भेद को रेखांकित करती है। देखते तो सभी हैं लेकिन चीजों को देखने का नज़रिया अलग होता है। प्रस्तावना और कविता दोनो ह्रदय स्पर्शी हैं.<br />..आभार।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-50553195949113451552010-09-06T19:28:21.743+05:302010-09-06T19:28:21.743+05:30तेरी ये ज़िद थी इसे सिल के ही दम लेगी तू!
बूढ़ी आँखो...तेरी ये ज़िद थी इसे सिल के ही दम लेगी तू!<br />बूढ़ी आँखों से दिखाई तुझे कम देता था<br />सुई कितनी दफा उंगली में चुभी थी तेरी<br />उंगलियों से तेरी कितनी दफा बहा था ख़ून.<br />कौन सा इसमें ख़ज़ाना था गिरा जाता था<br />कौन सी दुनिया की दौलत थी लुटी जाती थी.<br /><br />सुन्दर , लेख शुरू में तो समझा था की आज आप भी चिटठा चर्चा करने उतर गए!पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-6576291974719075262010-09-06T19:21:35.093+05:302010-09-06T19:21:35.093+05:30वाह भाई वाह...बहुत खूब लिखा है आपने...बेहतरीन...इस...वाह भाई वाह...बहुत खूब लिखा है आपने...बेहतरीन...इस्मत चुगताई जी एक कहानी में जिसमें एक भिखारिन का चौला बन्दर उठा कर ले जाते हैं और उसमें से चीजे निकाल निकाल कर फैंकते हैं जिन्हें पब्लिक देख कर हंसती है क्यूँ के वो सारा फ़ालतू का सामान होता है...चीजों का यूँ मज़ाक बनता देख कर शर्मिंदगी से भिखारिन मर जाती है...<br />बेहतरीन<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-62529203311325852842010-09-06T17:43:28.750+05:302010-09-06T17:43:28.750+05:30आदमी का अपना यदि कुछ है,तो बस अनुभव ही है। जिसके भ...आदमी का अपना यदि कुछ है,तो बस अनुभव ही है। जिसके भीतर करूणा होगी,वही इन छोटी-छोटी बातों में जीवन के तत्व ढूंढ पाता है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-16277630783874119922010-09-06T16:07:23.156+05:302010-09-06T16:07:23.156+05:30bahoot hi sunder kavitabahoot hi sunder kavitaउपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-37746446739911819712010-09-06T15:11:44.564+05:302010-09-06T15:11:44.564+05:30बहुत संवेदनशील रचना .... ये बस महसूस करने वाली बात...बहुत संवेदनशील रचना .... ये बस महसूस करने वाली बात है ... वैसे तो ताज महल भी किस के पास रहता है ... पर ये झोला और इसमें लगे पैबंद .... हथेलियों से सिलि भावनाएँ जो इस पत्थर से ज़्यादा अहमियत रखती है ... जिसमे जुड़ाव है ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-14421871413478135242010-09-06T14:54:27.221+05:302010-09-06T14:54:27.221+05:30kavita bahut achhi lagikavita bahut achhi lagiशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-89101372778291927722010-09-06T12:34:47.974+05:302010-09-06T12:34:47.974+05:30very touching lines...very touching lines...ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-59006903375060417232010-09-06T10:35:25.868+05:302010-09-06T10:35:25.868+05:30kavita betahe achi haikavita betahe achi haiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/06103561008261738704noreply@blogger.com