tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post7111326284356269102..comments2024-02-20T15:42:35.518+05:30Comments on चला बिहारी ब्लॉगर बनने: कितना देती है??चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttp://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comBlogger57125tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-3851309771506143822012-10-08T13:18:58.247+05:302012-10-08T13:18:58.247+05:30बाऊ जी एगो कानपुर सहर का किस्सा हम बताते हैं , बहु...बाऊ जी एगो कानपुर सहर का किस्सा हम बताते हैं , बहुत छोटे थे हम और पिता जी के साथ मोटरसाईकिल पे कहीं जा रहे थे , एगो त्यौहार राहे ऊ दिन (ये नहीं बताएँगे कौन त्यौहार वर्ना लोग-बाग ऊके धरम से जोड़ के देखे लागत हैं) , एक सज्जन अपना बोलेरो मा कम से कम २० ठो जना का बिठाये और हर जन की गोदी मा दुई-दुई ठो चुटका बच्चा , एतना ही नहीं खुद डिरेवर साब की गोदी मा भी दुई ठो बच्चा , हम तो देखे के हिल गए , एगो गाडी मा पूरा मोहल्ला |<br />एक दूसरा किस्सा , कानपुर के ही पास औरैया जिला का (जहां हमारा परवरिस हुआ है), हमारे पिता जी का पास एगो मोटरसाईकिल राहे , कोई ७-८ साल पुरानी , बहुत चमका के रखते राहें उह्का , लेकिन पता नहीं एगो दिन का सूझा बोले "इत्ती बड़ी जगह तो है नहीं औरैया कि पइदल कहूँ न जा पाई , साइकिल भी है और फिर एही बहाने थोड़ी बर्जिस हुई जैहे , सोचत हन कि बेच देई ई मोटरसाईकिल ", और दो दिन के अंदर ऊ मोटरसाईकिल का अपने दफ्तर का एगो चपरासी का भेंट कर दिए |<br />(हमको शिक्षा दिए वो , कि आवश्यकता से अधिक संचय और प्रदर्शन दुइनो खराब है / औरैया वाकई इत्ती बड़ी जगह नहीं है कि कहूँ पैदल या साईकिल से न जाया जा सके)<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-21888123554340134272012-08-15T01:12:26.780+05:302012-08-15T01:12:26.780+05:30पटना,नोयडा और भावनगर ....तुलनात्मक और रोचक ....
...पटना,नोयडा और भावनगर ....तुलनात्मक और रोचक ....<br /> <br />"मन के कोने से..."<br />http://mannkekonese.blogspot.in/मन्टू कुमारhttps://www.blogger.com/profile/00562448036589467961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-25229056357210653352012-08-14T21:54:11.704+05:302012-08-14T21:54:11.704+05:30सही कहा आपने
आज गाड़ियाँ स्टेटस और हैसियत की प्रती...सही कहा आपने<br />आज गाड़ियाँ स्टेटस और हैसियत की प्रतीक बन गयी है ..<br />दिखावे से क्या मिलने को है ?<br />सादर !शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-89760707281261990972012-08-14T11:33:52.477+05:302012-08-14T11:33:52.477+05:30केतना दिन तो लगा दिए हैं आप वापस आने में, इतना दिन...केतना दिन तो लगा दिए हैं आप वापस आने में, इतना दिन जो नागा हुआ उसका ज़िम्दारी के लेगा.... औउर आज जो आये हैं तो बड़का बड़का गाडी सब का नाम गिनाने लगे, माने हमरे जईसा जो हीरो एटलस वाला आदमी हैं ऊ तो डेरायिये जाएगा न... हम तो ई साईकिल में जो तेल डाले पड़ता है उहो खातिर सोचते हैं, पेट्रोल भरावे का तो हैसियते नहीं है ... और रोडवा पर देखते हैं कि केतना लोग तो ऊ १२ सीटर वाला गाडी में भी अकेले उड़ान भरता है.... एक तो ओतना तेल बर्बाद कर रहा है, उसपर से ट्रैफिक जाम करवाता है... अरे जब अकेले जाना है तो बस से चले जाए, और जादे परेसानी है बस से तो मोटर साईकिल ले ले... खैर छोडिये ई सब बात, बाकी हम भी सोच रहे हैं ई बचत से एगो साईकिल में डाले वाला तेल का डब्बी खरीद लें... और जो इतना दिन के लिए बिला गए थे उसका भी भरपाई करना पड़ेगा, ई ब्लॉग कोनो पार्लियामेंट नहीं है कि जब मन हुआ आये जब मन हुआ तनि सुन हल्ला मचा के चल गए... औउर ई भी मत सोचियेगा कि हम फ़ालतू में इतना बड़का ठो का टिपिया के जा रहे हैं, लेम्चूस चाहिए इसके बदले में.... पोपिंस से कम में नहीं मानेंगे....Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-75812362879295563012012-08-13T08:32:33.028+05:302012-08-13T08:32:33.028+05:30पुनर्मिलन....स्वागत है आपका, भाई साहब !
कमी महसूस ...पुनर्मिलन....स्वागत है आपका, भाई साहब !<br />कमी महसूस हो रही थी आपकी।<br /><br />गाड़ियों के बारे में तथाकथित बड़े लोग ‘हम दो, हमारे चार‘ के फार्मूले को अपना कर स्वयं को ‘बड़ा‘ महसूस करते हैं, जो वे होते नहीं है।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-25709046375393747912012-08-12T22:28:14.083+05:302012-08-12T22:28:14.083+05:30सुन्दर, उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...सुन्दर, उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-43367313305757347982012-08-10T17:40:40.015+05:302012-08-10T17:40:40.015+05:30आपको कृष्णजन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँआपको कृष्णजन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँRohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-28882535882092566992012-08-10T17:07:03.860+05:302012-08-10T17:07:03.860+05:30रोचक अंदाजरोचक अंदाजसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-59554197104794776542012-08-10T16:24:39.147+05:302012-08-10T16:24:39.147+05:30यहाँ गाड़ी खरीदने की मनोवृत्ति पर भी कुछ अध्ययन हु...यहाँ गाड़ी खरीदने की मनोवृत्ति पर भी कुछ अध्ययन हुए हैं, एक निष्कर्ष यह भी था कि इंसान गाड़ी से अपनी सामर्थ्यप्रदर्शन करता है। वैसे दूसरा निष्कर्ष यह भी था कि एसयूवी खरीदने वाले अन्यों से दबंग होते हैं मगर वह तब की बात है जब एसयूवी आम नहीं थीं।<br /><br />कारपूलिंग को प्रचलित बनाने पर काफ़ी संसाधन लगाये जा रहे हैं। इस प्रयास को सफल बनाने के लिये शायद भावनगर से कुछ सीखना पड़ॆगा।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-31577673413155952842012-08-10T09:36:09.232+05:302012-08-10T09:36:09.232+05:30हम तो कोई कमेंट नही कर सकते--बस इतना ही कि "म...हम तो कोई कमेंट नही कर सकते--बस इतना ही कि "मस्त " पोस्ट हैअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-47710085639624090552012-08-10T08:48:53.812+05:302012-08-10T08:48:53.812+05:30पंडित जी!
हमरे दुआरे भी छौ साल से एगो हाथी खडा है,...पंडित जी!<br />हमरे दुआरे भी छौ साल से एगो हाथी खडा है, नाम है 'स्विफ्ट'!! अब त हम भी अपनी बिटिया की फरमाइश पर स्कूटी किनेंगे!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-8515228134076612272012-08-10T08:36:16.562+05:302012-08-10T08:36:16.562+05:30हे ब्लागिंग भी शुरू कर दिए ..हम तो निसाखातिर थे कि...हे ब्लागिंग भी शुरू कर दिए ..हम तो निसाखातिर थे कि अब तो बिहारी बाबू कुछ दिन सुस्तायेगें ....<br />अभिषेक कमाल का लिखते हैं आखिर भतीजा केकर हैं ? :-) <br />उनका गाडी वाला ब्लॉग देखकर हमरा भी आँख चौड़ा गयी थी ......<br />पटना और भावनगर का अंतर साफ़ है -रियासतें और सामंती ठाठ बाट तो रग में रग में है बिहारी बासिंदों के ...<br />एक ठो आपौ न खरीद लें बाबू -हमका नीक लागे!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-72985558811282062452012-08-08T22:09:28.620+05:302012-08-08T22:09:28.620+05:30अविनाश , सेठ नहीं शेठ ब्रदर्स :) वाह रे कायम चूर्ण...अविनाश , सेठ नहीं शेठ ब्रदर्स :) वाह रे कायम चूर्णashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-54194398926766000982012-08-08T21:48:07.447+05:302012-08-08T21:48:07.447+05:30टाइटल और आखिरी लाइन से मुस्कान आ गयी चेहरे पर :)टाइटल और आखिरी लाइन से मुस्कान आ गयी चेहरे पर :)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-85505863189649333062012-08-08T19:51:20.386+05:302012-08-08T19:51:20.386+05:30आपका आगमन मेरा सौभाग्य!!आपका आगमन मेरा सौभाग्य!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-67244104083494017432012-08-08T17:45:53.950+05:302012-08-08T17:45:53.950+05:30सलिल जी आपको फिर से देखकर समझ गया कि भावनगर ने आपक...सलिल जी आपको फिर से देखकर समझ गया कि भावनगर ने आपको भाव से अपना लिया... आपका यह पोस्ट केवल पेट्रोल तक सीमित नहीं है...बल्कि मुझे यह जीवन के सभी क्षेत्रों में लगता है... सरकार और सरकार से बाहर.... राष्ट्रपति आवास पर खर्चा से लेकर मंत्रियों के ताम झाम.... ये सब आपके पोस्ट के हिस्से हैं... क्या कोई ऐसा व्यक्ति नेतृत्व में नहीं आ सकता जो कहे कि जबतक देश के हर एक एक आदमी को जीवन की जरुरत भर चीज़ें नहीं मिलती तब तक ये ताम झाम स्थगित.....लेकिन ऐसा हो न सकेगा...अफ़सोस.... बहुत कुछ कहता आपका यह लेख...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-5093394753788450142012-08-08T15:52:41.636+05:302012-08-08T15:52:41.636+05:30मेरे अनुसार तो गाड़ी का काम एक स्थान से दूसरे स्था...मेरे अनुसार तो गाड़ी का काम एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना भर है। <br />हम तो सोच रहे हैं कि रिटायर होने के बाद कार का झंझट न ही पालें। महीने में एक दो बार जो बाहर जाना होगा तो टैक्सी या औटो का उपयोग करें। देखिए, क्या होता है। पैट्रोल फूँकने से बचें तो बेहतर।<br />भावनगर वाले शायद पुरानी गुजराती परम्परा निभा रहे हैं जहाँ पैसे का आदर होता था और उन्हें झूठी शान के लिए न खर्च कर और पैसा कमाने के लिए उपयोग किया जाता था। वे सदा से निवेशक रहे हैं।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-45774023447379443062012-08-08T14:36:03.752+05:302012-08-08T14:36:03.752+05:30रोचक विश्लेषण है... :)रोचक विश्लेषण है... :)डा. गायत्री गुप्ता 'गुंजन'https://www.blogger.com/profile/04502207807795556896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-66986212694276512672012-08-08T14:00:37.153+05:302012-08-08T14:00:37.153+05:30कोनो दुपहिया के ऊपर चार-गो से कम सवारी नज़रे नहीं ...कोनो दुपहिया के ऊपर चार-गो से कम सवारी नज़रे नहीं आता है.अहमदाबाद में भी ऐसा ही नज़ारा दिखता है.<br /><br />एक एक से एक उम्रदराज औरतों को टू व्हीलर चलाते देखा है...एक जगह तो बिलकुल सजी संवरी दो औरतें और दो बच्चे किसी शादी में जा रहे थे...भारी साड़ी..गहनों और गज़रों से सजी औरतों को टूव्हीलर पर देख बड़ी मुश्किल से तस्वीर उतारने की अपनी इच्छा को रोका.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-61704656082026789622012-08-08T13:59:26.807+05:302012-08-08T13:59:26.807+05:30कोनो दुपहिया के ऊपर चार-गो से कम सवारी नज़रे नहीं ...कोनो दुपहिया के ऊपर चार-गो से कम सवारी नज़रे नहीं आता है.<br />अहमदाबाद में भी ऐसा ही नज़ारा दिखता है.<br /><br />एक एक से एक उम्रदराज औरतों को टू व्हीलर चलाते देखा है...एक जगह तो बिलकुल सजी संवरी दो औरतें और दो बच्चे किसी शादी में जा रहे थे...भारी साड़ी..गहनों और गज़रों से सजी औरतों को टूव्हीलर पर देख बड़ी मुश्किल से तस्वीर उतारने की अपनी इच्छा को रोका.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-83090771321487142832012-08-08T07:00:46.327+05:302012-08-08T07:00:46.327+05:30हम तो ठहरे 'बेकार' आदमी, हमारे लिए सब चौपह...हम तो ठहरे 'बेकार' आदमी, हमारे लिए सब चौपहिया एक बराबर| लेकिन आधी दुनिया को स्कूटी\एक्टिवा चलाते देखकर अच्छा लगता है|आप कहेंगे कि ख्याल टकराते हैं, इस विषय पर एक पोस्ट लिखने की भी सोची थी बल्कि शुरू भी की थी फिर अपनी रेपुटेशन(:)) और चुटकी लेने की आदत याद आ गयी और इरादा परमानेंट मार्कर से काट दिया|पता चलता कि गए थे तारीफ़ करने और प्रमोद मुथालिक की तरह पिंक पिंक ढेर लग गया:)<br />मुद्दा बहुत सीरियस है सलिल भाई, एक तरफ बत्तीस रूपये रोज कमाने वाला गरीबी रेखा से ऊपर और दूसरी तरफ सत्तर रूपये में पांच किमी सिर्फ चलने का खर्चा, भौंडा शक्ति प्रदर्शन नहीं तो और क्या है? फिर से याद आता है नमक हराम का सीन जिसमें काका का बिग बी से उसके एक पैग की कीमत पूछना और उतने में गरीब के घर की कितनी जून रोटी को याद करना और फिर उस शराब को खून समझना| <br />वापिसी पर स्वागत भी और धन्यवाद भी|संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-85636463505094278932012-08-08T02:04:45.664+05:302012-08-08T02:04:45.664+05:30बेहद ज्वलंत मुद्दा लेकर आपकी वापसी हुई है... आपका ...बेहद ज्वलंत मुद्दा लेकर आपकी वापसी हुई है... आपका स्वागत है.. एक कमी सी खलती थी आपकीलोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-41579980695067401872012-08-07T23:49:54.970+05:302012-08-07T23:49:54.970+05:30yahi aan baan aur shaan ki nishaani haiyahi aan baan aur shaan ki nishaani haiRamakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-82114466175070842312012-08-07T23:47:44.942+05:302012-08-07T23:47:44.942+05:30तीन शहर और चार पहियों वाली गाड़ी से लेकर दुपहिया क...तीन शहर और चार पहियों वाली गाड़ी से लेकर दुपहिया का भावनगर में चलन बहुत कुछ कहता है...इसमें तीन शहरों की संस्कृति भी है,तीन शहरों का रहन-सहन भी है और तीन शहरों की लुभावनी रवानगी भी है...इस रवानगी की रफ्तार में माइलेज़ की फिक्र करवाने के लिए धन्यवाद...हमेशा की तरह रोचक भी और प्रेरक भी।मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-76775302021978895432012-08-07T23:47:39.571+05:302012-08-07T23:47:39.571+05:30पिछले दिनों जयपुर गए थे। वहां छात्राओं को स्कूटर च...पिछले दिनों जयपुर गए थे। वहां छात्राओं को स्कूटर चलाते देखे तो अपने राज्य का याद आ गया। आज आपका लेख उस समय की याद ताज़ा करा गया जहां हम अभियो सामंती परिवेस में जीने को बाध्य है। इसको परंपरा का नाम देकर टाल सकते हैं लेकिन कही न कहीं हमारे पिछरे पन की निसानी है, इसको इंकारो नहीं कर सकते।<br />नोलेरो और सूमो के साथ हनहनाते हुए चलना सामंतों की निसानी हो सकती है लेइक्न स्विइफ़्ट पर चलना तरक्की की। कही न कहीं लग रहा है कि हम अभियों तरक्की नहीं कर पाए।<br />वैसे अंतराल के बाद आपका नेट पर आना सुखद लगा। आप सक्रिय रहते हैं तो हमें भी ऊर्जा मिलती है वरना इन दिनों मुझे भी विरक्ति सी होने लगी थी।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com