tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post8622236698050202496..comments2024-02-20T15:42:35.518+05:30Comments on चला बिहारी ब्लॉगर बनने: कृष्ण सखी - एक प्रतिक्रया चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttp://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comBlogger43125tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-23541260834769423652020-10-09T00:37:22.515+05:302020-10-09T00:37:22.515+05:30आज के इस महान दौर में जहाँ सब काम चुटकी बजाते हो ज...आज के इस महान दौर में जहाँ सब काम चुटकी बजाते हो जाने के भरम में लगे जनों के बीच कोई इतने धैर्य से पढ़ने वाला भी है| जो समीक्षा यहाँ दी गयी है उसको पढ़कर तो निश्चित ही पुस्तक को समग्रता से पढ़ने का मन बन रहा है | समीक्षक की दृष्टि उत्कृष्ट है क्योंकि जिस प्रकार से आवरण से लेकर प्राक्कथन,समर्पण आदि के वारे में उल्लेख किया गया है वह निश्चित ही विचारणीय है | प्राक्कथन से पाठक को एक दृष्टि मिलती है और पढ़ने की रूचि पैदा होती है | खैर ...! बधाई आप दोनों को ! कल्पना मनोरमा (Kalpana Manorama)https://www.blogger.com/profile/13345346701490294800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-51759298171021565862018-02-12T12:06:36.897+05:302018-02-12T12:06:36.897+05:30
आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं! <br />आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-4447556494441498092017-12-16T22:46:29.070+05:302017-12-16T22:46:29.070+05:30बहुत ही बढ़ियाँ समीक्षा की है सर आपनेबहुत ही बढ़ियाँ समीक्षा की है सर आपनेउपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/10812825248810502735noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-53821020307788833452017-11-21T14:55:44.718+05:302017-11-21T14:55:44.718+05:30पुस्तक के लिए जिज्ञासा बढ़ा रहे हैं आपकी समीक्षा मा...पुस्तक के लिए जिज्ञासा बढ़ा रहे हैं आपकी समीक्षा मामा जी प्रतिभा जी की लेखनी ऐसी है लगभग सभी उनके प्रशंसक है उनमे छोटी सी जगह मेरी भी है जितनी मेहनत प्रतिभा जी ने की है उसी तरह आपने बहुत ही मेहनत से पुस्तक की समीक्षा तैयार की है <br />मेरी और से प्रतिभा जी और आप को हार्दिक शुभकामनाएँ !संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-88074714097812632532017-10-15T21:07:52.671+05:302017-10-15T21:07:52.671+05:30जी, आपका अनुमान गलत कैसे हो सकता है!जी, आपका अनुमान गलत कैसे हो सकता है!SKThttps://www.blogger.com/profile/10729740101109115803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-91832160419684085082017-10-02T01:30:29.501+05:302017-10-02T01:30:29.501+05:30बहुत दिनों के बाद आपको यहाँ देख कर बहुत प्रसन्नता ...बहुत दिनों के बाद आपको यहाँ देख कर बहुत प्रसन्नता हुई ,आभारी हूँ !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-49541169974152484822017-10-01T14:41:54.572+05:302017-10-01T14:41:54.572+05:30शत शत बधाई, सुन्दर समीक्षा। अवसर पाकर पढ़ना है।शत शत बधाई, सुन्दर समीक्षा। अवसर पाकर पढ़ना है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-59254618353541809552017-09-27T00:02:20.715+05:302017-09-27T00:02:20.715+05:30सदा जी, लिखते समय ,मन के लेखन में समाये अंश से हम...सदा जी, लिखते समय ,मन के लेखन में समाये अंश से हम एक दूसरे का आंशिक परस पा लेते हैं वही है इस आत्मिकता का मूल.<br /> प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-25303733290173877962017-09-26T21:52:00.686+05:302017-09-26T21:52:00.686+05:30सलिल ,तुम्हारे लिये जो कहना है,यहाँ के सीमित स्थान...सलिल ,तुम्हारे लिये जो कहना है,यहाँ के सीमित स्थान में संभव नहीं अपने ब्लाग और फ़ेस-बुक पर लिख रही हूँ .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-63298573227816245642017-09-26T14:25:59.085+05:302017-09-26T14:25:59.085+05:30अपने जब भी जिस विषय में लिखा है पढ़कर मन सदैव नतमस...अपने जब भी जिस विषय में लिखा है पढ़कर मन सदैव नतमस्तक हुआ है ... और आज तो आपने आदरणीय प्रतिभा जी की 'कृष्ण सखी' की समीक्षा की है ... जिसमें कोई चूक कैसे हो सकती थी .... जैसे आपने यहाँ कहा - कि घटनाएं शब्दों के नहीं, चित्रों के माध्यम से मस्तिष्क में स्थान बनाती जाती हैं.... वैसे ही कृष्ण सखी को पढ़ने की जिज्ञासा हम सबको हो रही है तो आपने इस उपन्यास के बारे इतना सहज, सरल, सटीक लिखा है कि ऐसा होना स्वाभाविक है .... जितने लोग इस समीक्षा को पढ़ेंगे या जिन्होंने भी इसे पढ़ा है वो अवश्य कृष्ण सखी से मिलना भी चाहेंगे ... प्रतिभा जी को ब्लॉग पर भी नियमित पढ़ा है और उनकी स्नेहिल टिप्पणियों से मन सदैव अभिभूत रहा है आज एक बार फिर कुछ भुला बिसरा याद आया कृष्ण सखी के साथ ही .... बधाई सहित अनंत शुभकामनायें आप दोनों को .... सादरसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-75104016843842312182017-09-26T10:52:35.577+05:302017-09-26T10:52:35.577+05:30सचमुच मेरा सौभाग्य है -इतनी संतुलित परीक्षण और पा...सचमुच मेरा सौभाग्य है -इतनी संतुलित परीक्षण और पारदर्शी परिणमन वाली गहन दृष्टि से मेरी रचना को परखनेवाला हो उससे भी बड़ी बात वन्दना जी द्वारा हर पक्ष का समुचित महत्व-निर्धारण - मैं अभिभूत हूँ .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-18603499626045623562017-09-26T10:39:40.579+05:302017-09-26T10:39:40.579+05:30सलिल में कितने गुण हैं मैं तो विस्मित हूँ .सलिल में कितने गुण हैं मैं तो विस्मित हूँ .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-78243229506685426702017-09-26T10:38:07.983+05:302017-09-26T10:38:07.983+05:30मैं आभारी हूँ .मैं आभारी हूँ .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-52197902072852794122017-09-26T10:37:39.678+05:302017-09-26T10:37:39.678+05:30संगीता जी,यह उपन्यास लिखते समय आप मेरे साथ रहीं थी...संगीता जी,यह उपन्यास लिखते समय आप मेरे साथ रहीं थीं- आज फिर आपकी शुभाशंसा मन को मुदित कर गई .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-65876875167458291692017-09-26T10:34:01.889+05:302017-09-26T10:34:01.889+05:30आखिर को आपके चाचा हैं !आखिर को आपके चाचा हैं !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-13446991545155687312017-09-26T10:33:18.596+05:302017-09-26T10:33:18.596+05:30सुशील जी बहुतों को उत्तर दे कर आपने मेरा बहुत सा क...सुशील जी बहुतों को उत्तर दे कर आपने मेरा बहुत सा काम बचा दिया -धन्यवाद .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-24681281018012516982017-09-26T10:31:36.657+05:302017-09-26T10:31:36.657+05:30आपसे संवाद हमेशा चला है और प्रोत्साहन सदा मिला है....आपसे संवाद हमेशा चला है और प्रोत्साहन सदा मिला है.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-29941261101694624172017-09-26T10:30:03.148+05:302017-09-26T10:30:03.148+05:30संक्षेप में बड़ी बात कह दी आपने -सत्य वचन .संक्षेप में बड़ी बात कह दी आपने -सत्य वचन .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-8096931772276524842017-09-26T10:29:02.499+05:302017-09-26T10:29:02.499+05:30आपकी शुभकामनाएँ और प्रेरक वचन सदा से पाती रही हूँ ...आपकी शुभकामनाएँ और प्रेरक वचन सदा से पाती रही हूँ - आभारी हूँ .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-31867455389298660682017-09-26T10:25:08.623+05:302017-09-26T10:25:08.623+05:30चलो ,ये बात तो आपने सीधी-सादी शैली में कह दी -वैसे...चलो ,ये बात तो आपने सीधी-सादी शैली में कह दी -वैसे तो व्यंग्य ही चलता है .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-89362631938460693922017-09-26T10:23:46.379+05:302017-09-26T10:23:46.379+05:30देवेन्द्र जी ,पढेंगे तो मुझे पता लगे ऐसा कुछ कहेंग...देवेन्द्र जी ,पढेंगे तो मुझे पता लगे ऐसा कुछ कहेंगे तो न ! प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-67180206499918285662017-09-26T10:22:10.293+05:302017-09-26T10:22:10.293+05:30त्यागी जी (मेरा अनुमान ठीक है न?)आपने लाख टके की ब...त्यागी जी (मेरा अनुमान ठीक है न?)आपने लाख टके की बात कही है .धन्यवाद प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-12149819235257753242017-09-26T10:20:10.410+05:302017-09-26T10:20:10.410+05:30प्रिय गिरिजा,पढञ कर मौन मत साध लेना ,जैसा लगे कहना...प्रिय गिरिजा,पढञ कर मौन मत साध लेना ,जैसा लगे कहना ज़रूर .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-3013627519846449932017-09-26T10:18:05.305+05:302017-09-26T10:18:05.305+05:30आप के वक्तव्य से मुझे ऊर्जा मिलती हैइतना मान और ने...आप के वक्तव्य से मुझे ऊर्जा मिलती हैइतना मान और नेह देने के लिये मैं आभारी हूँ .अर्चना जी.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-32267681488752560452017-09-25T18:44:19.570+05:302017-09-25T18:44:19.570+05:30सबसे पहले तो विस्तृत समीक्षा हेतु आपको बधाई. उपन्य...सबसे पहले तो विस्तृत समीक्षा हेतु आपको बधाई. उपन्यास लिखना लेखक का शगल है. पढ़ना पाठक का, लेकिन आज की व्यस्तत्म ज़िन्दगी में यदी इतने वृहद उपन्यास को न केवल कोई समय दे कर पढ़े, फिर उस पर इतनी सारगर्भित और महत्वपूर्ण समीक्षा लिखे, तो ये उस लेखक का सौभाग्य है, वो चाहे कितना भी बड़ा लेखक ही क्यों न हो. बड़ा हमेशा पाठक होता है जो पुस्तक को पढ़ कर लेखक की छवि निर्मित करता है. और उससे भी बड़ा समीक्षक होता है, जो पुस्तक को पढ़ के उसके बारे में लिख के उन पाठकों का मार्गदर्शन करता है जिन्होंने किताब ली नहीं है. बधाई लेखक, समीक्षक दोनों को.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.com