tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post2222740284042849682..comments2024-02-20T15:42:35.518+05:30Comments on चला बिहारी ब्लॉगर बनने: काला कागाचला बिहारी ब्लॉगर बननेhttp://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-91533398511136925062012-10-08T00:31:58.129+05:302012-10-08T00:31:58.129+05:30बहुत अच्छा लिखा है :)
सादरबहुत अच्छा लिखा है :)<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-79473480747954221822012-02-25T19:58:37.424+05:302012-02-25T19:58:37.424+05:30गहन अभिवयक्ति......गहन अभिवयक्ति......विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-83922748526206234432012-02-25T12:48:56.372+05:302012-02-25T12:48:56.372+05:30बहुत संवेदनशील संस्मरण ...बहुत संवेदनशील संस्मरण ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-4993034096457536422010-07-11T12:39:08.376+05:302010-07-11T12:39:08.376+05:30स्तुति ने जो कहा, हम भी वैसा ही कुछ कहने वाले थे.....स्तुति ने जो कहा, हम भी वैसा ही कुछ कहने वाले थे... :)<br /><br />और अभी तो आज फ्री वक्त में आपका बाकी सब पोस्ट पढ़ रहे हैं, जो छुट गया था हमसे :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-46501128062746035052010-07-10T19:19:20.571+05:302010-07-10T19:19:20.571+05:30साधु कहीं भी
एक बार ही
हैं पुकारते और बढ़ जाते
शशि...साधु कहीं भी<br />एक बार ही<br />हैं पुकारते और बढ़ जाते<br />शशि सोचती काला कागा भूखा आज रहेगा दिन भर.<br /><br />यह किस्सा नवीन जी से सुन चुके थे, लेकिन आपने तो इसे बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया है ...दूसरी ओर इस प्रसंग में कही गई कविता तो बहुत पसंद आई ।मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-65542240604431926902010-07-09T11:52:03.178+05:302010-07-09T11:52:03.178+05:30अरे मैं तो रह ही गई !!!!!!
नमस्ते बाबूजी, देर से आ...अरे मैं तो रह ही गई !!!!!!<br />नमस्ते बाबूजी, देर से आने के लिए माफ़ी चाहती हूँ ! <br />वैसे हर बार की ही तरह इस बार भी बहुत अच्छा लिखा है ! मैं इस वक़्त बालकनी में हूँ और बाहर कोवे बहुत शोर कर रहे है लेकिन ये शरारती कोवे है रोटी नहीं खाते चोच मारते है ! लेकिन इन सभी को जब अपने इस एक टांग वाले भाई के बारे में पता चलेगा तो हाल पूछने ज़रूर जायेंगे ! प्यार की भाषा हर कोई समझता है कोई ज़ल्दी तो कोई देर से ! <br />और हाँ बाबूजी आपको हमसे कुछ भी बोलने के लिए क्या सोचना पड़ेगा की मुझे बुरा लगा या अच्छा ???? मेरी पोस्ट पर आपकी कही ये बात पसंद नहीं आई ! अब ऐसे ही तो बाबूजी बोला नहीं है आपको !soni garg goyalhttps://www.blogger.com/profile/04213856425345615300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-32595390829219163162010-07-09T08:02:23.312+05:302010-07-09T08:02:23.312+05:30आपने भी बड़े प्यार से लिखा है सीधे दिल में उतर गई....आपने भी बड़े प्यार से लिखा है सीधे दिल में उतर गई. आपका ब्लाग मैंने अपने मित्रों को भी पढवाया. आपकी जो भासा है न बहुत ही प्यारी है। काश हम भी बोलन सीख सकें.संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/00532701630756687682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-30537799176149683392010-07-09T00:20:29.555+05:302010-07-09T00:20:29.555+05:30बहुत बढ़िया किस्सा सुनाया बहुत खूब बेहतरीन अच्छा ल...बहुत बढ़िया किस्सा सुनाया बहुत खूब बेहतरीन अच्छा लगापंकज मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/05619749578471029423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-60514788448679599192010-07-08T22:52:02.664+05:302010-07-08T22:52:02.664+05:30mazedar baaten achchi lagi.mazedar baaten achchi lagi.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-86856674400511086372010-07-08T14:40:29.493+05:302010-07-08T14:40:29.493+05:30खूब लिखा अपने अंदाजे-बयां में...बेहतरीन.खूब लिखा अपने अंदाजे-बयां में...बेहतरीन.Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-78606514272812934972010-07-08T12:13:45.478+05:302010-07-08T12:13:45.478+05:30बहुत खूब...अपनी माटी की बोली-भाषा पढ़कर अच्छा लगा...बहुत खूब...अपनी माटी की बोली-भाषा पढ़कर अच्छा लगा.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-21276129956243817642010-07-08T12:13:41.820+05:302010-07-08T12:13:41.820+05:30बहुत खूब...अपनी माटी की बोली-भाषा पढ़कर अच्छा लगा...बहुत खूब...अपनी माटी की बोली-भाषा पढ़कर अच्छा लगा.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-23240857045175516142010-07-08T12:13:13.427+05:302010-07-08T12:13:13.427+05:30बहुत खूब...अपनी माटी की बोली-भाषा पढ़कर अच्छा लगा...बहुत खूब...अपनी माटी की बोली-भाषा पढ़कर अच्छा लगा.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-7966438856965096952010-07-07T20:11:30.342+05:302010-07-07T20:11:30.342+05:30@मनोज कुमारः
का कीजिएगा, कलकतिया कौआ है... चा, बिस...@मनोज कुमारः<br />का कीजिएगा, कलकतिया कौआ है... चा, बिस्कुट अऊर बीड़ी के अलावा कुछो नीमन नहीं बुझाएगा उसको.<br />@ मुकेश कुमार सिन्हाः<br />आपका बात से नीमन हमको कुच्छो नहीं लगता है.<br />@ नवीन जीः<br />का बात करते हैं नवीन जी! तब त हमरा कबिता के हिसाब से ऊ साधु से यायावर हो गया!<br />@ दिगमबर नासवाः<br />आपका सराहना हमको बल देता है. कबिताई हमरे बस का बात नहीं है, तुकबंदी कर लेते हैं. सच कह रहे हैं, ई मॉडेस्टी नहीं है.<br />@शिवम मिश्राः<br />आपका एही भरोसा चाहिए समाज में, तब्बे जाकर जान आएगा.<br />@ अपनत्वः<br />एकदम ठीक...ठीक...एही छोटा छोटा पल हाथ में थामे हैं कि अगिला पीढ़ी को देकर उऋन हो सकें.<br />@एस के टीः <br />निदा साहब का दोहा, ऊ भी हमरे पोस्ट के लिए... धन्न हो गए हम.<br />@ साजिदः<br />सुक्रिया भाई जान!<br />@ स्तुति पाण्डेः<br />हमको भी एही बतिया बोला था कोई कि तुमरा सेंटीमेंट तुमको कमजोर बनाता है. त हम बोले कि एही हमरा ताकत है, तुमको त कमजोरिओ का पता नहीं है अऊर ताकतो नहीं जानते हो!<br />@ सुमनः<br />बहुत दिन बाद दर्सन दिए आप! किर्तार्थ हुए हम.चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-5241717181422929942010-07-07T17:09:58.266+05:302010-07-07T17:09:58.266+05:30ये तो सच है प्यार की भाषा हर कोई समझता है .... और ...ये तो सच है प्यार की भाषा हर कोई समझता है .... और निरीह प्राणी तो प्यार के बदले अपनी मूक भाषा से बहुत कुछ दे जाता है ... जैसे आपको इतनी मधुर कविता रचने का श्रेय ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-80977219709012454092010-07-07T13:46:59.904+05:302010-07-07T13:46:59.904+05:30सलिल भाई! शशि उदास है इन दिंनों क्योंकि पिछले दिनो...सलिल भाई! शशि उदास है इन दिंनों क्योंकि पिछले दिनों करीब 15 दिनों के लिये हम सब छुट्टीयां मनाने चंड़ीगढ से बाहर चले गये थे, लौटे है तब से काला कागा नहीं दिख रहा है.उसकी एक टांग भी खराब थी. <br /><br />सचमुच साधु सा अन्दाज़ था उसका.<br />मै भी आफिस के लिये लंच ले जाते वक्त उसे मिस करता हूं अपने दिल में, और शशि की आखों मे भी!!<br /> <br />नवीनNaveen Rawathttps://www.blogger.com/profile/03453691466368177707noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-20630985234584050492010-07-07T13:26:34.863+05:302010-07-07T13:26:34.863+05:30फिर एक दिन वो
कागा आया
साथ में दो साथी भी आए
लगता ...फिर एक दिन वो<br />कागा आया<br />साथ में दो साथी भी आए<br />लगता है कि सालगिरह थी कागा की और पार्टी दी थी. <br />अच्छा लिखा आप ने !The Straight pathhttps://www.blogger.com/profile/06718150451299029345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-33774006756062515952010-07-07T11:20:02.396+05:302010-07-07T11:20:02.396+05:30Bihari babu hame pata hai, aap jaise kuchh log pya...Bihari babu hame pata hai, aap jaise kuchh log pyar ki bhasha samajhte hain.......aur ye aapke saare posts se jhalakta bhi hai......<br /><br />upar se apne kauwe ki kahani badi pyare dhang se kahi.....<br /><br />post to as usual mast hai, ek baar me padhne layak!!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-36584005083350167552010-07-07T08:13:48.293+05:302010-07-07T08:13:48.293+05:30बड़ा सेंटिया के पोस्ट लिखे हैं (ठेले हैं लिखना उचि...बड़ा सेंटिया के पोस्ट लिखे हैं (ठेले हैं लिखना उचित नहीं लगा)। हमरा बालकनी में जे कौआ आता है ऊ त रोटी देख कर मुंहे घुरा लेता है। भोरे-भोरे दू गो बिस्कुट खा कर मन भर गया त औरो दोस सब को काऊं काऊं कर के नेयोतिया गया है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-77257845851294845422010-07-07T02:21:48.823+05:302010-07-07T02:21:48.823+05:30हमहू बहुत सेंटीमेंटल हैं...फिलिम सीरियल देखते देखत...हमहू बहुत सेंटीमेंटल हैं...फिलिम सीरियल देखते देखते टप टप लोर चूने लगता है. लोग बोलता है की एतना सेंटी पाना लेके कहाँ जाओगी..थोडा कठोर बनो, लेकिन कैसे कठोर बन जाएँ :(Stuti Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13636096522724161754noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-84450133043972728402010-07-06T23:36:21.466+05:302010-07-06T23:36:21.466+05:30ye chote chote sansmran bahut kuch thama jate hai ...ye chote chote sansmran bahut kuch thama jate hai jeevan ko...........Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-13079648824707380492010-07-06T22:21:07.910+05:302010-07-06T22:21:07.910+05:30बहुत ही बढ़िया किस्सा सुनाया आज आपने ! वैसे काला क...बहुत ही बढ़िया किस्सा सुनाया आज आपने ! वैसे काला कागा भूखा नहीं रहा होगा ............इंसानियत अभी इतनी भी नहीं मरी है.........अभी तो काफी जान बाकी है !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-53078896965777378812010-07-06T20:56:06.275+05:302010-07-06T20:56:06.275+05:30वाह! इन लाइनों में तो आपने गजब ही ढा दिया:
साधु कह...वाह! इन लाइनों में तो आपने गजब ही ढा दिया:<br />साधु कहीं भी<br />एक बार ही<br />हैं पुकारते और बढ़ जाते।<br />साधुवाद।<br />निदा फ़ाज़ली का एक दोहा याद आ रहा है:<br />सातों दिन भगवान के, क्या मंगल क्या पीर।<br />जिस दिन सोया देर तक, भूखा रहे फकीर।।SKThttps://www.blogger.com/profile/10729740101109115803noreply@blogger.com