tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post3694256079398929683..comments2024-02-20T15:42:35.518+05:30Comments on चला बिहारी ब्लॉगर बनने: फरिश्ते आके उनके जिस्म पर खुशबू लगाते हैं!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttp://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comBlogger49125tag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-69704349882453412192021-04-13T00:07:34.387+05:302021-04-13T00:07:34.387+05:30क्या बात है !लाजवाब👌👌👌🙏🙏🙏क्या बात है !लाजवाब👌👌👌🙏🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-47887500237585895152021-04-12T22:53:16.212+05:302021-04-12T22:53:16.212+05:30वाह!!!
बहुत सटीक एवं बिना कृत्रिमता के बहुत ही सार...वाह!!!<br />बहुत सटीक एवं बिना कृत्रिमता के बहुत ही सारगर्भित संदेश छोड़ता लाजवाब आलेख...।<br />Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-48775974590079110022021-04-12T19:17:56.621+05:302021-04-12T19:17:56.621+05:30बहुत ही सारगर्भित विषय पर उम्दा लेख, सादर शुभकामना...बहुत ही सारगर्भित विषय पर उम्दा लेख, सादर शुभकामनाएं ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-54535645675658247742021-04-12T15:26:37.947+05:302021-04-12T15:26:37.947+05:30अद्भुत। शब्द कम पड़ रहे... निःशब्द के साथ स्तब्ध भी...अद्भुत। शब्द कम पड़ रहे... निःशब्द के साथ स्तब्ध भी हूँ।<br /><br />प्रणाम सर।<br />सादर।<br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-32821777639746587572021-04-12T07:15:16.993+05:302021-04-12T07:15:16.993+05:30सलिल की लेखनी का कमाल कब कहाँ से कहाँ बहा ले जाए ...सलिल की लेखनी का कमाल कब कहाँ से कहाँ बहा ले जाए से मन के सूक्ष्म तार झनझना दे - और संयोजन बिलकुल अनायास-अनगढ लगे पर गहरे उतर जाये.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-62561175643310157872012-10-08T05:14:24.893+05:302012-10-08T05:14:24.893+05:30पूरा लेख अच्छा था लेकिन अंत बहुत ही सुन्दर था |
स...पूरा लेख अच्छा था लेकिन अंत बहुत ही सुन्दर था |<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-62334439449316003352010-12-29T19:39:50.418+05:302010-12-29T19:39:50.418+05:30मैदान में कुश्ती...धूप...कुहासा...छोटकी बेटी...एक्...मैदान में कुश्ती...धूप...कुहासा...छोटकी बेटी...एक्साइटमेंट...सेंटा...बड़की को बुक्स...बेग़म परवीन सुल्ताना...सिरीमती...लाल टोपी...गठरी जैसा आदमी...कचरा बीनने वाला बच्चा...<br /><br />मुग्ध कर दिया आपने, अंत में व्यथित भी।<br />आप का गद्य पढ़ते समय ऐसा लगता है जैसे कोई कविता पढ़ रहा हूं।<br />... कविता जैसा प्रवाह, कविता जैसा भावपूर्ण।...<br />ऐसा भी लगता है जैसे विद्यानिवास मिश्र जी या हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का कोई ललित निबंध पढ़ रहा हूं।<br />...कलात्मक लेखन का उत्कृष्ट उदाहरण।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-88841448991620558052010-12-28T23:00:50.510+05:302010-12-28T23:00:50.510+05:30बहुत ही अच्छा लिखा है। यह सामाजिक विषमता है। सेंटा...बहुत ही अच्छा लिखा है। यह सामाजिक विषमता है। सेंटा भी गरीब बच्चों को कहां देता है गिफ्ट। गरीबों के लिए तो सेंटा भी महज एक सपना है और 50 फीसदी तो इस बारें में जानते भी नहीं हैं।वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-56302068285952306332010-12-28T21:51:32.078+05:302010-12-28T21:51:32.078+05:30Behatareen post....kalpana aur yatharth ka sundar ...Behatareen post....kalpana aur yatharth ka sundar prastutikaran....पूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-5485356484369356432010-12-28T20:46:43.863+05:302010-12-28T20:46:43.863+05:30...बहुत संवेदनशील पोस्ट...बहुत संवेदनशील पोस्टDarshan Lal Bawejahttps://www.blogger.com/profile/10949400799195504029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-22000117990979429682010-12-28T16:36:43.388+05:302010-12-28T16:36:43.388+05:30भोरे भोरे का टाइम होंठ पर मुस्कराहट पसार गया...लेक...भोरे भोरे का टाइम होंठ पर मुस्कराहट पसार गया...लेकिन हमरा मन कह रहा था कि इ संटा ऐसे ही नहीं जायेगा...सो देखिये फाईनली हमरा संका सही होइए न गया...<br /><br />आप कहें और ऐसे ही कहें..ई त होता नहीं है..<br /><br />का जाने ई गट्ठर ढ़ोने वाला अधनंगा बच्चा सब पर संटा कब रहम बरसायेगा...<br /><br />वैसे अब तो भाईजी ई साल शुभकामना कहने सुनने का भी मन नहीं कर रहा..का होगा सुभकामना कह के...मंहगाई घुसखोरी हिंसा आतंकवाद कुच्छो जदी कम हो जाता हमरे शुभकामना कहने से त हम ता अभिये इसी पल से बैठ जाते शुभकामना का जाप करने...<br /><br />कलेंडर बदलने के सिवाय और रह ही क्या गया है..न्यू इयर में..का हैपी हैपी कहें.. <br /><br /><br /><br />(बेटवा आपको भैया कह के संबोधित करता है ???)रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-65754244948165469972010-12-28T13:49:27.982+05:302010-12-28T13:49:27.982+05:30कहें तो क्या और ना कहें तो क्यूँ?
अंत तक आत़े आत़े...कहें तो क्या और ना कहें तो क्यूँ?<br />अंत तक आत़े आत़े फिर वही...Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-45191478741476454752010-12-27T23:38:00.852+05:302010-12-27T23:38:00.852+05:30बड़े खुशनुमा अहसास लिए यह पोस्ट पढ़ रही थी.....छुटक...बड़े खुशनुमा अहसास लिए यह पोस्ट पढ़ रही थी.....छुटकी बिटिया को ढेर सारे गिफ्ट...बेटी को किताबें ...बेटे को इतने बड़े गायकों को सुनने का अवसर....<br />उस सैंटा की टोपी पहने बच्चे को भी उस दिन कुछ तो अच्छा मिला ही होगा...कम से कम भरपेट भोजन...यही सोच तसल्ली दे लेते हैं,मन कोrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-70644792742038898432010-12-27T22:59:58.907+05:302010-12-27T22:59:58.907+05:30saralta aur sahajta ke saath likha lekh bahut achc...saralta aur sahajta ke saath likha lekh bahut achcha laga.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-63263423481454527062010-12-27T22:15:10.368+05:302010-12-27T22:15:10.368+05:30सलिल जी ,
जब पढ़ा करते थे तब ऐसे अंत वाली 'प्र...सलिल जी ,<br /> जब पढ़ा करते थे तब ऐसे अंत वाली 'प्रसाद' जी की रचनाओं को सुखांत और दुखांत की तर्ज़ पर 'प्रसादांत' कहते थे... खुशी के साथ-साथ दुःख की एक छाया भी...rajani kanthttps://www.blogger.com/profile/01145447936051209759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-11017565418655113562010-12-27T21:11:34.562+05:302010-12-27T21:11:34.562+05:30अद्-भुत प्रस्तुति ...क्रिसमस पर सांता क्ल़ॉज़ का इ...अद्-भुत प्रस्तुति ...क्रिसमस पर सांता क्ल़ॉज़ का इतिहास और धूप व कुहासे की कुश्ती ...फिर अंत में समाज की विषमता को दर्शाता निर्मम सत्य ...बेहद हृदय स्पर्शी रचना !!! क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएँमनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-66068929288207435512010-12-27T16:37:46.748+05:302010-12-27T16:37:46.748+05:30सलिल जी,
गरीब बच्चों के भाग्य में सेंटा की लाल टो...सलिल जी,<br />गरीब बच्चों के भाग्य में सेंटा की लाल टोपी भी आ जाय तो बहुत है !<br />उनके लिए तो सेंटा बस सपने में ही आता है !<br />आपकी लेखनी को नमन !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-61318965657395028182010-12-27T13:58:46.321+05:302010-12-27T13:58:46.321+05:30kahan se kahan pahuncha dete hain aap to....
hats...kahan se kahan pahuncha dete hain aap to....<br /><br />hats of to you...sachhi me.....<br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-67342765141802901532010-12-27T01:13:18.984+05:302010-12-27T01:13:18.984+05:30सरकार आखिर का बात ने सारी उमंग ढीली कर दी। आज एक औ...सरकार आखिर का बात ने सारी उमंग ढीली कर दी। आज एक और ब्लॉग पर ऐसे बच्चों की तश्वीर देखीं... कचरे के ढेर से कचरा बटोरते हुए।लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-74994398528664319832010-12-26T20:04:29.489+05:302010-12-26T20:04:29.489+05:30अब तो आपका पोस्ट पढ़ने से पाहिले ही समझ जाते हैं ह...अब तो आपका पोस्ट पढ़ने से पाहिले ही समझ जाते हैं हम की अंत में कुछ न कुछ तो जरुर गोलमाल होगा...देखिये सब ने वही कहा की अंत में लाकर एकदम पटक दिया आपने...<br /><br />अच्छा वैसे एक बात...<br />चचा कुहासा से हमको कितना प्रेम है आपको क्या बताएं...और जारा का धुप तो मेरे लिए भी बहोत खास होता है लेकिन वो दिन भी अच्छा लगता है जब धुप न निकले..और कुहासा के साथ साथ हल्का धुप..मजा आ जाता है..abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-58822252790080403912010-12-26T17:17:35.879+05:302010-12-26T17:17:35.879+05:30सलिल जी आपकी पोस्ट को पढ़ कर नहीं कह रहा लेकिन मेर...सलिल जी आपकी पोस्ट को पढ़ कर नहीं कह रहा लेकिन मेरे छोटे बेटे ने पूछा कि पापा सैंटा अंकल उन बच्चो को मन जिनके पास शर्ट नहीं होते..घर नहीं होते.. उनको शर्ट, घर क्यों नहीं देते.. और पापा आप भी उनकी मदद क्यों नहीं करते.. मेरे आँखों में छुपे हुए आंसू थे... उसकी नज़र में मैं एक स्वार्थी पिता हूँ जो केवल अपने बच्चो की मदद करता है... सैंटा संत को बाज़ार खूब भुना रहा है... १०० रुपया दिहाड़ी पर माल, रेस्त्र आदि पर सैंटा लाल ड्रेस में मनोरंजन करते मिलते हैं.. कभी उनकी आँखों में देखिये.. दर्द दिखता है.. आपकी पोस्ट ने दूसरी बार इसी मुद्दे पर रुला दिया..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-67151005765057128662010-12-26T10:38:21.063+05:302010-12-26T10:38:21.063+05:30मेरी क्रिसमस, हेप्पी क्रिसमस...
उस अन्तिम बच्चे के...मेरी क्रिसमस, हेप्पी क्रिसमस...<br />उस अन्तिम बच्चे के लिये भी.Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-33956736979353341132010-12-26T08:50:44.290+05:302010-12-26T08:50:44.290+05:30सलिल जी बहुतै बढ़िया लागल ई पोस्ट. धूप अवुर कुहा...सलिल जी बहुतै बढ़िया लागल ई पोस्ट. धूप अवुर कुहासा के उठापटक से शुरू भइल ई पोस्ट आके सांता पर रुक गईल. सांता कै मतलब भी शायदै ई बचवा लोग जानत होखे........उका तै दो रोटी कै जुगाड़ पुरे दिन में हो जाये तै बहुतै बात बाये . छुटकी कै चुल्बनापन और ख़ुशी बहुतै बढ़िया लागल.उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-4245257816822794992010-12-26T05:48:29.499+05:302010-12-26T05:48:29.499+05:30धूप और कुहरे की कुश्ती ...काश धूप की तरह हमेशा सत्...धूप और कुहरे की कुश्ती ...काश धूप की तरह हमेशा सत्य ही जीते ,<br />सुबह साढ़े नौ बजे भोरे-भोरे होता है ,नहीं मालूम था .. <br />बेटे और बेटी दोनों ने ही खुशखबरी दे दी ...<br />आखिरी पंक्तियों पर अटक कर ही रह गए ...कल सुबह ही बहुत से बच्चे दरवाजे पर आवाज़ लगा रहे थे ...कुछ समझ नहीं आता ऐसे मौकों पर क्या करे ... !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6405180837273731982.post-79430105697761692862010-12-25T23:54:43.978+05:302010-12-25T23:54:43.978+05:30sab saanta bhi ameeron ke liye hote hain bichare g...sab saanta bhi ameeron ke liye hote hain bichare gareeb ke liye koi saanta bhi nahi banta. <br /><br />sunder prastuti.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.com