हमरा दु चार ठो दोस्त सब मिलकर, हमको फँसा दिया. बोला तुमरा बात सब बुड़बक जैसा लगता है, लेकिन कभी कभी बहुत निमन बात भी तुम कर जाते हो. काहे नहीं ब्लोग लिखते हो तुम. हम बोले, “पगला गए हो का! ई सब बड़ा लोग का काम है. देखते नहीं हो, आजकल बच्चन भैया कोनो बात मुँह से नहीं बोलते हैं. सब बतवे ब्लोग में लिखते हैं. साहरुख खान, आमिर खान जैसा इस्टार लोग ब्लोग लिखता है. ब्लोग का इस्पेलिंग देखो, उसमें भी B log है, माने बड़ा लोग. हम ठहरे देहाती भुच्च.”
मगर हमरा दोसतवा सब पगलाया हुआ था. बोला, “ गजब आदमी हो तुम यार! सारा दुनिया आज ब्लोग लिख रहा है, त तुम काहे पिछिया रहे हो. जो तनी मनी लिखना जानता है ऊ ब्लोग लिखता है, जो कविता का टाँग तोड़ने में उस्ताद है, ऊ कवि हो गया है, और त और सरकार को तो तुम दिन भर बइठ कर गरियाते रहते हो, त इहो गुन है तुमरे अंदर ब्लोगर बनने का.”
हमको बुझा रहा था कि सब हमको फँसाने का उपाय कर रहा है. हमको गोलघर पर चढा कर सब सहजे उतर जाएगा, अउर हम लटकले रह जाएंगे. हम सकल से बुड़बक लगते हैं,बाकि हैं नहीं. हम ऊ लोग के सामने एगो सर्त रख दिए. हम बोले कि हमको एक महीना का टाइम दो. हम तनी लोग का ब्लोग पढकर देखेंगे, इसका नियम कानून समझेंगे बूझेंगे, लोग का का बात लिखता है, लिखने का मतलब का है, केतना लोग पढता है ऊ सब बात, हमरा इस्कोप भी है कि नहीं, कहीं अइसन हो गया कि हमरा ब्लोग पढकर सब थू थू करने लगा, तब त हमरा बेस्ती खराब हो जाएगा. काहे से कि हमको देखना होगा कि हम केतना पानी में हैं.
एक महीना त बहुत आराम से बीत गया. लेकिन एक महीना में जो खेला हम देखे हैं, ऊ देखकर हमरा त मने घबरा गया है. का सोचे थे अउर का निकला, ई त बताने में डर लग रहा है. लोग हमको कहीं जाहिल न समझ ले. बाकी जाने दिजिये ई सब हाल देखकर त हम जाहिले ठीक हैं.
चलिए आज आप लोग से एतना बात बतिया के तनी मन हल्का हो गया है हमरा, तनी हिम्मत भी बना है. देखिए एही हिम्मत जोड़ के अगिला बार बताएंगे कि हम का देखे ब्लोग का संसार में. तब तक हमरा प्रनाम!!
मगर हमरा दोसतवा सब पगलाया हुआ था. बोला, “ गजब आदमी हो तुम यार! सारा दुनिया आज ब्लोग लिख रहा है, त तुम काहे पिछिया रहे हो. जो तनी मनी लिखना जानता है ऊ ब्लोग लिखता है, जो कविता का टाँग तोड़ने में उस्ताद है, ऊ कवि हो गया है, और त और सरकार को तो तुम दिन भर बइठ कर गरियाते रहते हो, त इहो गुन है तुमरे अंदर ब्लोगर बनने का.”
हमको बुझा रहा था कि सब हमको फँसाने का उपाय कर रहा है. हमको गोलघर पर चढा कर सब सहजे उतर जाएगा, अउर हम लटकले रह जाएंगे. हम सकल से बुड़बक लगते हैं,बाकि हैं नहीं. हम ऊ लोग के सामने एगो सर्त रख दिए. हम बोले कि हमको एक महीना का टाइम दो. हम तनी लोग का ब्लोग पढकर देखेंगे, इसका नियम कानून समझेंगे बूझेंगे, लोग का का बात लिखता है, लिखने का मतलब का है, केतना लोग पढता है ऊ सब बात, हमरा इस्कोप भी है कि नहीं, कहीं अइसन हो गया कि हमरा ब्लोग पढकर सब थू थू करने लगा, तब त हमरा बेस्ती खराब हो जाएगा. काहे से कि हमको देखना होगा कि हम केतना पानी में हैं.
एक महीना त बहुत आराम से बीत गया. लेकिन एक महीना में जो खेला हम देखे हैं, ऊ देखकर हमरा त मने घबरा गया है. का सोचे थे अउर का निकला, ई त बताने में डर लग रहा है. लोग हमको कहीं जाहिल न समझ ले. बाकी जाने दिजिये ई सब हाल देखकर त हम जाहिले ठीक हैं.
चलिए आज आप लोग से एतना बात बतिया के तनी मन हल्का हो गया है हमरा, तनी हिम्मत भी बना है. देखिए एही हिम्मत जोड़ के अगिला बार बताएंगे कि हम का देखे ब्लोग का संसार में. तब तक हमरा प्रनाम!!
अबे,
जवाब देंहटाएंतुम भी अब ब्लाग की दुनिया मे आ गये ?
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपका स्वागत है ब्लॉग की मजेदार दुनिया में..
जवाब देंहटाएंइ बिहारी महामूर्खराज तोहर इ ब्लोगजगत मे स्वागत करे छे। बहुत दिन से आपन जोड़ीदार तलाश करत रहिए अब अंहा के रूप मे हमारा के जोड़ीदार मिल गेले चलह अब हमरा जाए के समय भया गेले पर आपन कलमवा के रोकिए नहीं ताबे तो दुसर पोस्ट पर अंहा से मुलाक़ात होते।
जवाब देंहटाएंलगे रहो बबुआ !
जवाब देंहटाएंआपका स्वागत अच्छे अच्छे लोग कर रहे हैं अतः उम्मीद है कुछ अच्छा और भला करते रहोगे इस घर का ! मैं इनपर व्यग्य नहीं कर रहा बल्कि सम्मान सहित मुबारक बाद दे रहा हूँ इन अनामियों को कि वे अपने आपको उल्टा सीधा लिख रहे हैं कम से कम भ्रम में तो नहीं जी रहे हैं ! शुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएंbahut acchaa likhate ho, continue rakho babua....,hindi bhashaa ko tum ek naye mukam par le jaaoge.....
जवाब देंहटाएंकल 05/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बेहतरीन ...
जवाब देंहटाएंबहुते बढ़िया किये जो आप भी ब्लोगियाने आ गए ... अरे बहुत मजा है इ ब्लॉग दुनिया में ...
जवाब देंहटाएंअब जब ओखली में माथा ढुकाइए दिए हैं, त देखेंगे कि केतना मूसर पड़ता है हमरा मूड़ी पर...
जवाब देंहटाएं.
हमरी पसंदीदा लाईनें हैं जी ये |
शुभकामनाएं
सादर
-आकाश
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जवाब देंहटाएंB log का मतलब जानकर बहुत हंसा ,धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंपरिहास - पूर्ण , प्रशंसनीय - प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंतब स्वागत नहीं किये रहे, अब कर रहे हैं, प्रणाम स्वीकारें।
जवाब देंहटाएं:) बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंबहुते विलम्ब से हम आए न
जवाब देंहटाएंढ़ेरों आशीष संग असीम शुभकामनाएँ धर लें
आपकी लेखनी को नमन
ब्लाग शुरु हुआ तो ऐसा हुआ कि जरा सा अन्तराल होने पर ही हल्ला हो जाता है कि कहाँ हैं आप ,कि ब्लाग पर कबसे नही लिखा ..कि इन्तजार है नई पोस्ट का ...ऐसी लोकप्रियता और कहाँ . कुछ बात है आपके लेखन में ..इसमें बहुत बड़ा योग आपकी मीठी बोली का है
जवाब देंहटाएंआपकी भाषा और सहजता पाठकों पर अपना पूरा प्रभाव छोड़ती है ..यही विशेषता है आपकी ..
जवाब देंहटाएंVery nice.
जवाब देंहटाएंYou may also like: Whatsapp plus vs gbwhatsapp & Games like stick war legacy