गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

प्रशंसक या प्रशंसिका ?

हाथ गोड़ का दरद से पहिलहीं परेसान थे, उसपर से माथा का दरद बन गया ई मोबाइल पर आने वाला एस.एम्.एस. कोई मकान खरीद लेने का जिद किये जा रहा है, कोई एकदम सस्ता कम्प्युटर खरीदने का सलाह दे रहा है, पंडित जी भबिस बांच रहे हैं, कोनो कोनों तो हमरे घर से दीमक अउर तिलचट्टा साफ़ करने पर तुला हुआ है. अरे भाई, एतने सौख है दीमक अउर तिलचट्टा मारने का तो देस से काहे नहीं सफाई करते हो दीमक का जो एतना साल से चाटे जा रहा देस को! हमको बख्स दो भाई, हमरी घरवाली बहुत सफाई पसंद है.

ई सब एस.एम्.एस. के चक्कर में केतना ऑफिस का जरूरी संदेस अउर बहुत सा दोस्त लोग का प्रेरक जीवन सूत्र भी ओही सब २ बीएचके/३ बीएचके में दब जाता है. एगो दोस्त तो एतना प्रेरणादायक हैं कि भोरे गुड मोर्निंग से लेकर, गुड आफ्टरनून, गुड ईभनिंग अउर रात को गुड नाईट के लिए भी मेसेज भेजते हैं. ऊ का कहते हैं डेल कार्नेगी अउर सिव खेडा के बाद हमरे ऊ दोस्त का नंबर आता है. इन फैक्ट उनका मेसेज पढ़ने के बाद हमको लगा कि हमरा तो सारा जिन्नगी ब्यर्थ हो गया अउर हमरे हर असफलता का कारण एही है कि उनका एस.एम्.एस. हमको बचपन से प्राप्त नहीं हुआ. नहीं तो हम भी पार्लियामेंट में बईठकर अंगूठा लगा रहे होते.

खैर, डॉक्टर बोला है कि ऊंगली अउर कलाई का ब्यायाम कीजिये, फायदा होगा. सो हम बइठ गए, ब्यायाम करने, मोबाइल हाथ में लेकर १७५ मेसेज डिलीट करने, इन्क्लूडिंग दोज ऑफ माई फ्रेंड’स. सायद इससे अच्छा ब्यायाम कोनों हो भी नहीं सकता था. फालतू का मेसेज मिटाते हुए एतना खुसी महसूस हो रहा था कि अगर पौराणिक सिनेमा के दैत्य होते, चाहे हिन्दी सिनेमा के खलनायक, तो अट्टहास लगा रहे होते, एक एक मेसेज के खतम होने पर.

अचानके एगो मेसेज पर नजर पड़ा. भेजने वाले का नाम के जगह नंबर था, मतलब हमरे लिस्ट से बाहर का कोइ अदमी था. लिखा था, “आपका ब्लॉग आपकी तरह क्यूट है – सुमन शर्मा.” हमरा हाथ रुक गया. तुरते हमरा नजर कमरा में लगा हुआ आदमकद आईना पर गया. हम अउर क्यूट! ऊ भी बुढापा में!! हाथ अपने आप बाल में फेरकर आईना के तरफ से नजर फेर लिए. अउर तब हमरे अंदर का एसीपी प्रद्युमन सोचने लगा कि इसको हमरा नंबर कहाँ से मिला, अगर इसको तारीफ़ करना था तो हमरे पोस्ट के ऊपर काहे नहीं किया, कमेन्ट में कोनों पोस्ट के बारे में कुछ काहे नहीं लिखा.

हम तुरत फोन लगाए सीनियर इन्स्पेक्टर अभिजीत को.. अपने चैतन्य बाबू. ऊ भी हैरान. हंसकर बोले, “आपके चाहने वाले बढते जा रहे हैं.” हम बोले, “मगर पता तो चले कि हैं कौन.” लीजिए, इन्स्पेक्टर साहब अउर एगो सक का कीड़ा डाल दिए दिमाग में, बोले, “कहीं कोई महिला तो नहीं.” हमरा तो मिजाजे सन्न हो गया. ई तो हम सोचबे नहीं किये थे. एक बार अउर आईना में मुंह देखे कि कोइ महिला हमको क्यूट काहे बोलेगी भाई, ऊ भी हमारा ब्लॉग का प्रोफाइल फोटो देखने के बाद. हम बोले, “हो सकता है. शशि दोनों के नाम होते हैं, सुमन भी कोमन नाम है. चलो फोन करके संदेह दूर करते हैं.”

फोन किये, घंटी बजता रहा, कोई जवाब नहीं. मोबाइल से किये, लैंडलाइन से किये. मगर उधर से कोनों जवाब नहीं. अब सस्पेंस बढ़ने लगा. एतना सस्पेंस तो हम ब्लॉग पर अपने प्रियजन के धारावाहिक कहानी में भी नहीं झेल पाते हैं. ओहाँ तो कम से कम क्रमशः लिखा होता है, इहाँ तो कुच्छो नहीं. हम मेसेज का जवाब मेसेज से दे दिए कि आप जो भी हैं ज़रा सामने तो आओ छलिये. अउर फोन तो उठा लिया करें.

दोसरा दिन फिर हम फोन करते रहे, घंटी बजता रहा अउर जवाब नहीं. मोबाइल में देखे कि एगो मेसेज आया हुआ था, “अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखिये.” हमको लगा कि हम पगला जाएंगे. भाई मेरे अगर तुम पुरुस हो तो हमरे पोस्ट पर कमेन्ट करो कि स्वास्थ्य का ख्याल रखें. अउर महिला हैं तो काहे मेसेज कर रही हैं जब बात से परहेज है.

कल ऑफिस से लौटते टाइम मेट्रो में अचानक फिर से दिमाग में ओही सवाल परेसान करने लगा. फोन मिलाए. घंटी बजता रहा अउर अचानक उधर से मरदाना आवाज सुनाई दिया. हम एकदम से खीझ गए अपने ऊपर, काहे कि ऊ चैतन्य जी का आवाज था. जल्दी में उनका नंबर मिला दिए. ऊ बोले, “घबरा क्यों रहे हैं सर! मैं सुमन शर्मा ही बोल रहा हूँ. आपने सही नंबर मिलाया है.”

“लेकिन ये नंबर...”

“आपको बताया था कि नया फोन लिया है मैंने, लेकिन उसके साथ नया कनेक्शन मिला है, ये नहीं बताया आपको. जब एक्टिवेट हुआ तो सोचा मजाक कर लूं आपके साथ.”

हम दोनों हँस दिए. हमरा माथा हल्का हुआ.

(आभार: इस पोस्ट को टाइप करने के लिए मैं आभारी हूँ अपने मित्र सुधीर जी का)

61 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा मजाक था. आपकी तो नींद उड़ गई होगी .

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  2. पोस्ट त हमहूं टाइप कर देते ... खाली मैसेजबा मेल कर देने भर से आपका काम चल जाता, एक ठो आ - भार हमरो भेटाइए जाता। ...

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  3. ई ब्लाग सच्ची में भी बहुतै क्यूट - क्यूट हवे .....

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  4. मैसेज के भूल-भुलैया से बहरिया गए हों तो हाल-चाल हमहूं पूछिए लें ...।
    कैसन है अभी .. तबियत। बहुत दिन से कोई पोस्ट उस्ट नहीं देख रहे थे लग रहा था कि कुछ गड़बड़ है। लेकिन ई थोड़े मालूम था कि आप एस.एम.एस. के गड़बड़ गोटाला में फंसे हुए हैं।
    सवास्थ्य का खियाल भी रखिएगा।

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  5. हा हा हा ..मेरी तो हंसी ही नहीं रुक रही ...आप आइना में अपना चेहरा देखते हुए नजर आ रहे हैं....
    वैसे ब्लॉग सच में क्यूट है और अपने स्वास्थ्य का ध्यान भी रखियेगा.

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  6. क्या लिखा है गजबै है...सच में इन मैसेज का तो हाल यही है...
    गुडनाइट से गुड मार्निंग तक... और अंत में क्या हाल हुआ होगा आपका मजा आ रहा है सोचकर...खीझ गए ना...
    अपना ध्यान रखिएगा...

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  7. यथार्थमय सुन्दर पोस्ट
    अपने स्वास्थ्य का ध्यान भी रखियेगा.....

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  8. hohohohoohho....i to bahut mazedar khissa ho gaya.. mast mazaak hua.... :) waise koi cute kahe to khush hona chahiye....matha thode fodna chahiye.... :D

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  9. अंगूठे की कसरत का ढंग अच्छा लगा आपकी पोस्ट देख कर तो यही दिल कहता है दुनिया में ........................मगर आपका अन्दजें वयां और....

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  10. बढ़िया रहा यह भी...:) पर खुश होना चाहिए ना....इतनी परेशानी किस बात की...:)

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  11. एस.एम.एस. का यह किस्सा सस्पेंस से भरपूर है। एक सांस में पढ़ना पड़ा या यूं कहें कि बिना पलक झपकाए पढ़ना पड़ा।

    कल रात एक स्थानीय कवि गोष्ठी में गया था। एक नए युवा कवि प्रतुल वैष्णव ने अपना परिचय दिया और एक किताब दिखाते हुए कहा कि इसमें उनकी एक कविता छपी है। मैंने मुखपृष्ठ पर नज़र डाली,लिखा था - काव्य मंदाकिनी 2008, प्रकाशक भारतीय वांग्मय पीठ कलकत्ता, अतिथि संपादक आचार्य संजीव वर्मा सलिल।

    आपका नाम देखकर मुझे बेहद खुशी हुई, मैंने तुरंत कहा- इन्हें तो मैं जानता हूं, ब्लॉगिंग के माध्यम से।

    मुझे यूं लगता रहा जैसे आप भी उस कवि गोष्ठी में उपस्थित हैं।

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  12. 'dostana' me to itna chalta hai..........bhaijee..
    hum bhi suspence me sochne lage..........koun surma hain.....lekin yahan to jigri nikle........

    badhiya vyayam........

    pranam.

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  13. ई ल ..हमको खबरे नहीं है ....का हुआ है भाई ...सुधीर जी से टाइप करवाना पडा है ....आप ठीक त हैं न ! बाकी .....आप न ! ऐसा-ऐसा खीसा कबार के लाते हैं के साँस ऊपर वाला ऊपर आ नीचे वाला नीचे ढुका जाता है....लाइन पर लाने में थोड़ा मसक्कत करना पड़ता है.

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  14. चैतन्य बाबू तो है ही मज़ेदार!!
    शानदार पोस्ट!!

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  15. सु.मो.पाठक के एक चरित्र ’रमा कांत’ का एक पसंदीदा डायलाग याद आ रहा है, यहाँ लिखने से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है।

    सलिल भाई, आप से ऐसा मजाक करने का बदला चैतन्यजी से लिया जायेगा। अगले महीने फ़िर से हमें भेजा जा रहा है पंचकूला, प्रशिक्षण के लिये। देख लेंगे चैतन्य जी को:))

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  16. क्‍यूट संदेश आने के पहले तक के हिस्‍से में अधिक जान है.

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  17. इससे पता चलता है कि आप सचमुच में क्‍यूट हैं। और यह भी कि आपको अपने स्‍वास्‍थ्‍य का ख्‍याल रखना चाहिए। यह भी कि केवल घर ही नहीं मोबाइल फोन को भी साफ सुथरा रखना चाहिए।

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  18. बढिया। वैसे हम भी बिहार से ही हैँ।बेगूसराय से

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  19. यह एस एम एस प्रकरण भी मज़ेदार रहा ... वैसे क्यूट तो सच हैं आप ...आपसे मिल चुके हैं तो यह तो कह ही सकती हूँ ..

    क्या हुआ है आपको ? अपने स्वास्थ्य का ख़याल करें ...शुभकामनायें

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  20. @महेंद्र वर्मा जी:
    एक बार उनका नाम देखकर मैं भी घबरा गया था कि मैं तो कभी सलिल वर्मा लिखता ही नहीं (कमेन्ट के क्रम में) फिर ध्यान से देखा तो संजीव वर्मा सलिल नाम दिखा.
    उन जैसे साहित्यकार के नाम से आपने मुझे जोड़कर याद किया, यही मेरा सौभाग्य है. स्नेह है आपका!

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  21. हा हा हा बहुत ही मजा आया आपकी सिचुएशन की कल्पना मात्र से। और हां ये फोन पर व्यापार करने वालों से हम भी खासे परेशान हैं। एक दिन रुद्राक्ष बेचने वाली किसी कंपनी से एक महिला का फोन आया। हमको उसकी आवाज ठीक से नहीं आ रही थी, उसे बार-बार हल्लो बोलना पड़ रहा। उस पर हमने कह दिया कि हमको कोई रुद्राक्ष नहीं चाहिए। वो इतना खींज गई कि फोन रखने से पहले हमसे बोली कि पहले अपने कान साफ करवाओ फिर रुद्राक्ष खरीदना हो तो बताना। हम खूब हंसे उसके फोन काटने के बाद।

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  22. ब्लाग तो आपका क्युट है ही । रही SMS महिमा तो ये ससुरी सबकी नींद ऐसे ही डिस्टर्ब करती रहती है ।

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  23. क्यूट तो आप हैं सर ! लेकिन आपसे क्यूट है आपका ब्लॉग.. गुदगुदा देता है... इनबाक्स खाली हुआ कि नहीं... एक दिन हमको भी खाली करना है इनबाक्स... लेकिन दो तीन मेसेज के बाद इतने बोर हो जाते हैं.. थक जाते हैं कि बस परे रख देते हैं इस विचार को..

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  24. सबसे पहले मैंने आपकी पोस्ट पढ़ी और मै खुश थी चलो सबसे पहले मेरा कमेन्ट होगा |बिजली धोका दे गई |फिर देखा तो इतने तो इतने कमेन्ट आ गये की एक और सुन्दर पोस्ट बन जाये आपकी इस रहस्यमयी ?सुन्दर पोस्ट की ही तरह |
    शीघ्र ही स्वास्थ लाभ हो |
    शुभकामनाये |

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  25. वर्मा जी, ऊँगली की कसरत को बोला है तो रोज़ एक पोस्ट लिखो ताकि हम पाठकों का भी भला हो...पोस्ट पढ़ कर मजा आ गया. माथा हल्का हुआ, तसल्ली हुई ....मगर कलाई का दर्द भी कुछ हल्का हुआ कि नहीं?

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  26. सलिल जी जरूर पहले तो आपके मन में लड्डू फूटा होगा...हर किसी के फूटता है...दूसरा एस एम् एस आने पर दूसरा लड्डू फूटा होगा...आप ये लड्डू वाला एड देखें हैं न टी.वी. पर जिसमें एक चोर पकड़ा जाता है और उसके लूट के माल का एक हिस्सा अचानक ही एक इंसान के हाथ लग जाता है...हम सभी मन ही मन क्यूट दिखना चाहते हैं...सच है आप और आपकी पोस्ट दोनों बहुत क्यूट हैं...

    नीरज

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  27. भाई वाह! मजाके में सही , ई बुढ़ापा में कौनो सुमन शर्मा तो मिली , बधाई हो. मेसेज मिटाते रहिये, एक्सेरसाइज़ अपने आप हो जाएगी !

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  28. :)
    ये भी खूब रही।
    और आपका लिखना इसे और बेहतर बना देता है। :)
    स्वास्थ्य का ध्यान रखियेगा।

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  29. सुधीर जी को मेरी ओर से शुक्रिया कह दिजियेगा...और चैतन्य जी का आभार.....

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  30. :) :) :) :)
    मेरी तो हंसी रुक ही नहीं रही है

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  31. डॉक्टर बोला है कि ऊंगली अउर कलाई का ब्यायाम कीजिये, फायदा होगा. सो हम बइठ गए, ब्यायाम करने, मोबाइल हाथ में लेकर १७५ मेसेज डिलीट करने, इन्क्लूडिंग दोज ऑफ माई फ्रेंड’स. सायद इससे अच्छा ब्यायाम कोनों हो भी नहीं सकता था.

    यह अच्छा व्यायाम बताया आपने...
    रोचक लेख के लिए आपको हार्दिक बधाई।

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  32. यशवंत की मार्फ़त आपका सन्देश मिला और यह आलेख पढ़ कर आपके स्वास्थ्य के सम्बन्ध में चिंता हुयी.मैं तो सभी के लिए स्वास्थ्यवर्धक स्तुतियें सार्वजनिक करने वाला था उसी बीच रेलवे के भ्रष्ट सर्जन और आर.एस.एस. कार्यकर्ता का आपने भी गोदियाल जी के साथ-साथ समर्थन कर दिया.अतः वह विचार त्याग दिया. वैसे गोदियाल जी तथा एक विदेश स्थित ब्लागर को स्वास्थ्य संबंधी छोटी स्तुति ई.मेल की थी.वे दोनों आर.एस.एस.कार्यकर्ता निकले.यह उन लोगों का फर्ज है जब आपने उनका समर्थन किया तो वे आपको वह स्तुति फॉरवर्ड कर दें.

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  33. arey rey bhed khol diya jaldi hi....ham to riv. me likhne wale the ki vo sms bhejne wale ham hi the.....khair ab kya kare...no. bhi nahi varna majaak ko lambaaaaaaaa kar dete....ha.ha.ha. bhaisahab bahut acchha prakaran.

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  34. चक्कर पे चक्कर घनचक्कर पोस्ट कोई लिखा मेसेज कोई भेजा टाईप का धन्यवाद कोई ले गया ?
    मेरे लिए क्या बचा -उन्ह दोस्त ने इन दिनों मेसेज भेजने का काम बंद कर दिया है क्या ? भई पढ़ तो लेता ही था ..ई आने वाले हर मेसेज का जवाब कौनो जरुरी तो नाय ....अब वू अगर उनका हो तो बात औरो है क्यों सलिल बाबू -हमको अवध छोड़वा ही देब का भैया -बिहारी लोगन इत्ता सुन्दर ,संस्मरण इत्ता सुन्दर ,इत्ता सुन्दर भोजपुरी ...सब मधुरम मधुरम ...अब जो कुछ है वहीं है ... सच्ची !

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  35. अनामिका जी !!! यह मजाक तो लम्बा चलने वाला था, लेकिन वो क्या हुआ कि चैतन्य जी के पास अचानक सलिल जी का फोन नए नंबर पर तब आ गया जब वे ऑफिस के काम से व्यस्त थे और मजाक वाली बात उनके मन से निकल गई और वे फोन को उठा कर सलिल जी का हाल-चाल पूछने लगे।

    सलिल जी इस तरह के कुछ और संस्मरण लिखवाने के लिए हम भी कुछ मजाक सोचते हैं।

    बहुत अच्छा लगता है आपको पढ़ना...एक सुकून मिलता है...आपको पढ़ कर।

    सुधीर जी का धन्यवाद कि टाइप कर यह पोस्ट हम तक पहुँचाने में सहयोग दिया।

    स्वास्थ्य का ध्यान रखिए।

    शुभकामनाएँ

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  36. आप त एकदम अईसा मशाला कभी-कभी पेश करते हैं कि मनवा ई सोचे लागेला कि इ सब आपके दिमाग में कहां से आवेला।विनती बा अबकी तनी झझकार के लिखी कि मन पर तनि चोट पहुंचे।आज के लोग के डिमांड इहे रहत बा-"कमरिया करे लपालप जिला टाप लागेलू" जइसन मशालेदार पोस्ट के।आज कल मौसम बदल रहल बा एही पर एगो शेर सुन लीं-

    "बदलते चेहरों के मौसम में ये जरूरी है,
    नजर के सामने हर बक्त आईना रखना।"
    तोहरा पोस्ट पर हम मोहा गइल बानी।धन्यवाद।

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  37. वाह यह भी खूब रही ... पर हुज़ूर अपना ख्याल रखें ...

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  38. :) :) :)

    अच्छी रही दाऊ ! अइसा-अइसा झटका मिलता रहता है त मिजाज टनटनाया रहता है ।

    आप अपना खयाल रखियेगा । बहुत दिन से सुन रहे हैं आपके तबियत के बारे में … थोड़ा सीरियसली आराम कीजिये कुछ दिन !

    नमन !

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  39. निःसन्देह आपसे यह तो सीखा ही जासकता है कि छोटी सी बात को इतने व्यापक व रोचक ढंग से कैसे कहा जासकता है । हालाँकि काफी कठिन है ।
    मैंने एक अपने मुँहबोले भाई से इस ब्लाग का जिक्र करते हुए पढने का आग्रह किया तो वे बोले कि अरे ये तो वही हैं न संजीव वर्मा सलिल । मैं तो अच्छी तरह जानता हूँ । इनके साथ मेरी रचनाएं आती रहतीं हैं ।मुझे विश्वास तो नही हुआ । अभी श्री महेन्द्र जी की टिप्पणी पढ कर फिर असमंजस हुआ पर नीचे आपकी टिप्पणी पढ कर आश्वस्ति मिली ।

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  40. चार दिन बाद आयी हूँ चार दिन बाद मजाक भी कोई मजाक रह जाता है सब तो आश्वस्त हो गये हैं तो मैं भी आश्वस्त हूँ या फिर अगली पोस्ट मे पता चलेगा। लेकिन परसों तो दिल्ली के लिये निकल रही हूँ। शुभकामनाये।

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  41. वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आपकी तरी की जाये उतनी कम होगी
    आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अपने अपना कीमती वक़्त मेरे लिए निकला इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्वाद देना चाहुगा में आपको
    बस शिकायत है तो १ की आप अभी तक मेरे ब्लॉग में सम्लित नहीं हुए और नहीं आपका मुझे सहयोग प्राप्त हुआ है जिसका मैं हक दर था
    अब मैं आशा करता हु की आगे मुझे आप शिकायत का मोका नहीं देगे
    आपका मित्र दिनेश पारीक

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  42. वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आपकी तारीफ की जाये उतनी कम होगी
    आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अपने अपना कीमती वक़्त मेरे लिए निकला इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्वाद देना चाहुगा में आपको
    बस शिकायत है तो १ की आप अभी तक मेरे ब्लॉग में सम्लित नहीं हुए और नहीं आपका मुझे सहयोग प्राप्त हुआ है जिसका मैं हक दर था
    अब मैं आशा करता हु की आगे मुझे आप शिकायत का मोका नहीं देगे
    आपका मित्र दिनेश पारीक

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  43. ek arse se hasana muskurana bhool gayee thee.........aur aaj
    oof pet me dard ho raha hai.......ha ha ha ha ..........
    tum douno hee bahut cute ho........

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  44. इतना क्यूट मजाक और क्यूट पोस्ट बहुत देर से पढ़ पाए ...
    अच्छा रहा संस्मरण ...
    मगर इ नहीं बुझाया की आपको हुआ का था ...
    स्वस्थ्य का ख्याल रखें !

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  45. salil bhai ji
    kya likhte hain aap gazab ka . jo bhi likhte hain vah apni chhap man par jaroor chhod jaata hai .
    maja aagaya .chaitany bhai ji ko to main badhai hi dungi itana suspens banane ke liye thoda aap pareshan jarur hue par aapko bahit hi achha laga hoga .ab aap itne qute hain hi to aise maisajej to aapke pass aayenge hi .
    han! aapke swasthy ke baare me mujhe bhi nahi pata tha kyonki main bhi aaj kal kam kam hi net par aa rahi hun.gat decembar se hi aapna bhi swasthy theek nahi hai.
    atah post to inhi se karva deti hun par comments jab tabiyat thodi theek lagti hai tabhi do -char tippniyan de pati hun .lagatar nahi baith sakti .
    atah tippni dene me vilamb ho to dil se xhma chahti hun.
    bhai ji apne swasthy ka dhyan rakhiyega.
    shubh -kamnaaye
    sadar naman
    poonam

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  46. लो मै भी हंस दी पोस्ट पर नही अपनी बेवाकूफी पर सच कहूँ मुझे आपका नाम आज आपके कमेन्ट से पता चला। सलिल , आपका गुस्सा जायज़ है लेकिन आपको पता है कि जो अपना हो उसे नाम ले कर कुछ कहने की जरूरत नही होती। फिर मुझे सच मे पता नही था कि आपका नाम सलिल है आप कहते कि बिहारी बाबू हूँ तो जरूर समझ जाती ओह राम मेरे पास आये लेकिन ये हतभागी उसे पहचान न सकी?????????? । सच कहने मे हिचक नही मुझे ये कमेन्ट पढ कर सप्श्ट हुया। तो क्या अब दी को माफ नही करोगे? उम्र का तकाजा है या लापरवाही कि आपका नाम आज पता चला।। मै भी उस समय चकरा गयी थी कि सलिल नाम से कौन से ब्लाग के मालिक हैं तो एक ही सलिल याद आये आचार्य सैल लेकिन उम्र के हिसाब से वो नही लगे और संकोच वश कुछ पूछ भी न सकी। अपनी बेवाकूफी बताते हुये शर्म नही आ रही मुझे क्यों कि मै कितनी लापरवाह हूँ ये भेद खुलना ही चाहिये। संजय जी की टिप्पणी से तो और भी शर्मसार हो गयी। दोनो से माफी माँगती हूँ अगली बार मिली तो सामने आते ही कान पकड लूँगी बस्! श्गुभकामनायें, आशीर्वाद।

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  47. आइना में देख के बालों में हाथ फेरे ,, ऊ भी ई उम्र में |

    बहुत मजेदार संस्मरण|

    सादर

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