शनिवार, 12 फ़रवरी 2011

सम्वेदना के स्वर


बचपने से कुछ गंदा आदत हमको नहीं लगा या कहिये हमरी माता जी लगने नहीं दीं. जबर्दस्ती का कोनो सवाले पैदा नहीं हुआ. कहते हैं ना कि मना करने से आकर्सन अऊर बढ़ जाता है, इसलिए मनाही का सब्द हमरे परिवार में मना था. कभी इस्कूल कॉलेज से भागकर सिनेमा देखने नहीं गये, जो सिनेमा देखने का मन करता था मताजी देखा देती थीं. अब किताब पढ़ने का सौक पिताजी लगा दिये थे, मगर कभियो कोर्स का किताब के अंदर लुकाकर कोनो उपन्यास  चाहे नॉवेल नहीं पढ़े. माता जी कहती थीं कि जब पढने का मन नहीं है तो जबर्दस्ती हमरे कहने से पढने बईठ जाओगे तुम लोग मगर पढोगे नहीं. अब घोड़ा को पानी के पास जबर्दस्ती ले भी जाइये पानी तो अपना मर्जी से ही पियेगा. इसलिये अगर नॉवेल पढना है तो कोर्स का किताब बंद कर दो अऊर आराम से नॉवेल पढो. अब काहे कोई नॉवेल किताब में लुकाकर पढे.
अईसहिं किताब पढने के समय पन्ना पलटने के लिये बीच वाला उँगली को जीभ में लगाकर पन्ना पलटने का आदत कभी नहीं रहा. इसके पीछे भी एगो मजेदार बात है. कोनो जासूसी कहानी में किसी का मर्डर हो जाता है. पोस्ट मॉर्टेम में पता चलता है कि उसको जहर दिया गया है. लेकिन आदमी लाईब्रेरी में पढाई करते करते मर गया था, खाना खाया नहीं अऊर पानी जस का तस रखा था. बाद में जासूस महोदय पता लगाए कि उसको जीभ में उँगली लगाकर पन्ना पलटने का बीमारी था. बात खूनी को मालूम था अऊर खूनी उनके किताब में हर पन्ना के ऊपर कोना में जहर लगा दिया था. बस उँगली से जहर जीभ तक अऊर जीभ से पेट तक पहुँच गया. खून के समय कातिल भी नहीं था अऊर लाईब्रेरीका दरवाजा अंदर से बंद.
अब का मालूम कईसे हमरे दिमाग में बात बईठ गया कि कोई हमको मारना चाहेगा तो अईसे मार सकता है. बस हम कान को हाथ लगाए कि कभी पन्ना पलटने के लिये उँगली को जीभ से नहीं लगाएँगे. आज तक कायम हैं अपना आदत पर.
मगर अब किताब का जगह कम्प्यूटर गया, सब पन्ना पलतने का झंझट खतम हो गया. अब हमरे गुरूजी  गुलज़ार साहब कहते हैं कि
किताबें झाँकती है बंद अलमारी के शीशों से
बड़ी हसरत से तकती है

महीनों अब मुलाक़ातें नही होती

जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थी

अब अक्सर गुज़र जाती है कम्प्यूटर के पर
दों पर
बड़ी बैचेन रहती है किताबें

उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है
.

अऊर उँगली को जीभ से लगाकर पन्ना पलटने वाला आदत के बारे में कहते हैं कि
ज़ुबाँ पर ज़ायका आता था जो सफहे पलटने का
 अब उँगली क्लिक करने से बस इक
झपकी गुज़रती है
बहुत कुछ तह तह खुलता चला जाता है परदे पर
किताबों से जो ज़ाती राब्ता था कट गया है.

अब हमरे गुरूजी हैं, तो उनका बात हम काटिये नहीं सकते हैं. उनके मुँह से तो जो निकल जाता है नज़्म है हमरे लिये. मगर कम्प्यूटर पर किताब पढने के पक्ष में हम भी नहीं हैं. हम पहिले भी बोले थे कि हमरे परिबार में किसी को भी जन्मदिन पर किताब तोहफा में देने का परम्परा रहा है, कम्प्यूटर पर मिलने वाला किताब के कारन हो परम्परा लुप्त हो जाएगा बुझाता है.
अब देखिये पिछला साल आज ही के दिन 12 फरवरी 2010 को हमरा जन्मदिन था. अऊर हमरे प्रिय चैतन्य बाबू बोले,सलिल भाई! आज मैं आपको एक ब्लॉग गिफ्ट कर रहा हूँ! हैप्पी बर्थ डे टु यू! और जन्म हुआ सम्वेदना के स्वर का. गिफ्ट भले हमको दिये हों, मगर हम दोनों का है. आज एक साल का हो गया सम्वेदना के स्वर!

74 टिप्‍पणियां:

  1. सलिल भाई ,

    आपको और सम्वेदना के स्वर दोनों को हमारी ओर से जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  2. आपको जन्मदिन की बधाई
    संवेदना के स्वर को पहले जन्मदिन की बधाई
    उस उपन्यास और उसके लेखक को बधाई जिसकी वजह से आपकी गन्दी आदत छूटी :)
    और आखिर में इतनी खूबसूरत पोस्ट की बधाई .
    अब तो पार्टी बनती है

    जवाब देंहटाएं
  3. प्रिय बन्धु सलिल ! शुभ प्रभातं !!!
    ब्राह्म मुहूर्त में ही विदित हुआ कि आज के ही दिन आपने बड़े आश्चर्य से इस विश्व को अपनी नन्हीं और नयी आँखों से देखा था ....तब से निरंतर ......ऑब्जरवेशन की jo lat lagee vah abhee tak banee huyee hai aapkee ......bahut-bahut badhaayee ho aaryaavart की इस dharaa pr padaarpan karne के liye.

    जवाब देंहटाएं
  4. थूक से पन्ना पलटने की आदत हो या नोट गिनने की .....या गिनते-गिनते नोट को मुह में दबा लेने की .....इन कृत्यों से ज़हर से मौत भले ही न हो ...पर घातक संक्रमण के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता ......और देखने में भी तो कितना घ्रिणास्पद लगता है ......लोगों को आपने जाने-अनजाने एक चिकित्सकीय सन्देश दे दिया है ...हमारे पूरे हॉस्पिटल की ओर से आपको धन्यवाद ! लगता है हसपिटले में जन्म हुआ था का ....ओहू के रिन चुकाए दे रहे हैं आज के दिन . एक धन्यवाद अउर ले लीजिये हमरिओ तरफ से भी

    जवाब देंहटाएं
  5. ओहो, चूक हो गई हमसे। अकेले आपही को हैप्पी बड्डे कह दिया। आपको व “सम्वेदना के स्वर!” को हमारी तरफ़ से नज्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें।
    किताबों के बारे में आपने जो कहा उससे अक्षरश: सहमत। पुस्तक को पुस्तक रूप में पढ़ने और डिजीटल रूप में पढ़ने में वही अंतर है जो आम को चूस कर खाने में और काटकर चम्मच से खाने में। किताबों की कमी के चलते ही हम इस नैट की दुनिया में उलझे, पहला प्यार अब भी कागज पर छपे शब्द ही हैं। वो सोंधी सी महक जो हार्ड कापी में आती है, वो यहाँ नहीं पाते। थूक लगाकर पन्ना न पलटने का लाजिक बहुत जबरदस्त लगा, वैसे सावधान रहना अच्छा ही है, safty saves:))

    जवाब देंहटाएं
  6. जन्मदिन की बहुत बधाई !
    ब्लॉग की एक वर्षीय यात्रा की भी बधाई स्वीकार करें !
    गुलज़ार साहब की नज्म के लिए आभार !

    जवाब देंहटाएं
  7. खतरनाक प्लाट था भाई .... ऐसा कुछ सोचना पड़ेगा

    जवाब देंहटाएं
  8. Happy Birthday 2 u.Happy Birthday 2 u. Happy Birthday 2 Salil ji. Happy Birthday 2 u.(singing 4 u) aur jasusi novel me IBNE SAFI Ka yaad dila diye aap.......(ye jo dots likhta hun main. Ye never ending sign hai. Bahut kuchh kaha unlikha bhi rah jata hai.

    जवाब देंहटाएं
  9. सबसे पहले तो हमें आपकी माताजी से रश्क हो रहा है। हाय ऐसी माँ और ऐसी फैमिली मुझे क्यों न मिली।

    गुलजार जी के नज्मोँ का एक बहुत ही बेहतरीन मंचन मैने भोपाल में देखा था विवेचना रंगमंडल जबलपुर के कलाकारों द्वारा। उसमे ये नज्म भी शामिल थी। वैसे भी ये मुझे बहुत पसंद है। मैं खुद किताबों का विकट शौकीन हूँ। आपने ब्लॉग का पहला पोस्ट मैने किताबों पर ही लिखा था।

    आपको और संवेदना के स्वर को जन्मदिन की शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  10. Happy Birthday 2 u.Happy Birthday 2 u. Happy Birthday 2 Salil ji. Happy Birthday 2 u.(singing 4 u) aur jasusi novel me IBNE SAFI Ka yaad dila diye aap.......(ye jo dots likhta hun main. Ye never ending sign hai. Bahut kuchh kaha unlikha bhi rah jata hai.

    जवाब देंहटाएं
  11. Happy Birthday 2 u.Happy Birthday 2 u. Happy Birthday 2 Salil ji. Happy Birthday 2 u.(singing 4 u) aur jasusi novel me IBNE SAFI Ka yaad dila diye aap.......(ye jo dots likhta hun main. Ye never ending sign hai. Bahut kuchh kaha unlikha bhi rah jata hai.

    जवाब देंहटाएं
  12. Happy Birthday 2 u.Happy Birthday 2 u. Happy Birthday 2 Salil ji. Happy Birthday 2 u.(singing 4 u) aur jasusi novel me IBNE SAFI Ka yaad dila diye aap.......(ye jo dots likhta hun main. Ye never ending sign hai. Bahut kuchh kaha unlikha bhi rah jata hai.

    जवाब देंहटाएं
  13. Happy Birthday 2 u.Happy Birthday 2 u. Happy Birthday 2 Salil ji. Happy Birthday 2 u.(singing 4 u) aur jasusi novel me IBNE SAFI Ka yaad dila diye aap.......(ye jo dots likhta hun main. Ye never ending sign hai. Bahut kuchh kaha unlikha bhi rah jata hai.

    जवाब देंहटाएं
  14. Happy Birthday 2 u.Happy Birthday 2 u. Happy Birthday 2 Salil ji. Happy Birthday 2 u.(singing 4 u) aur jasusi novel me IBNE SAFI Ka yaad dila diye aap.......(ye jo dots likhta hun main. Ye never ending sign hai. Bahut kuchh kaha unlikha bhi rah jata hai.

    जवाब देंहटाएं
  15. Happy Birthday 2 u.Happy Birthday 2 u. Happy Birthday 2 Salil ji. Happy Birthday 2 u.(singing 4 u) aur jasusi novel me IBNE SAFI Ka yaad dila diye aap.......(ye jo dots likhta hun main. Ye never ending sign hai. Bahut kuchh kaha unlikha bhi rah jata hai.

    जवाब देंहटाएं
  16. Happy Birthday 2 u.Happy Birthday 2 u. Happy Birthday 2 Salil ji. Happy Birthday 2 u.(singing 4 u) aur jasusi novel me IBNE SAFI Ka yaad dila diye aap.......(ye jo dots likhta hun main. Ye never ending sign hai. Bahut kuchh kaha unlikha bhi rah jata hai.

    जवाब देंहटाएं
  17. सलिल वर्मा, जी आदत.. मुस्कुराने की ओर से जन्मदिन की ढेरो शुभकामनाये..

    जवाब देंहटाएं
  18. जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  19. जन्मदिन की बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत ..............बधाई और शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  20. जनमदिन की बधाई और शुभकामनाएं !
    जनमदिन की बधाई और शुभकामनाएं !
    जनमदिन की बधाई और शुभकामनाएं !
    जनमदिन की बधाई और शुभकामनाएं !
    जनमदिन की बधाई और शुभकामनाएं !
    जनमदिन की बधाई और शुभकामनाएं !
    जनमदिन की बधाई और शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  21. आज आपके और संवेदना के जन्‍मदिन से आपकी और संवेदना की 365 दिन की एक नई यात्रा फिर से शुरू होती है। आपकी ये यात्रा मंगलमय और खुशियों से भरी हो।

    जवाब देंहटाएं
  22. जन्मदिन की बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत ..............बधाई और शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  23. आपको और सम्वेदना के स्वर दोनों को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  24. मेरे और मेरे परिवार के तरफ से आपको बहुत बहुत शुभकामना.....

    जवाब देंहटाएं
  25. सलिल जी
    आपको और सम्वेदना के स्वर केा जन्मदिन की दिली मुबारकबाद
    ईश्वर करे ये दिन आपके जीपन मे सैकडो बार आये

    जवाब देंहटाएं

  26. सलिल भाई ,
    डरा दिया यार ...आज से ऊँगली से पन्ना पलटना बंद ! अभी नहीं मरना हमें :-(

    चैतन्य उन चंद लोगों में से एक हैं जिन्हें पढ़कर लगता है कुछ सीख रहे हैं ! संवेदना के स्वर पर लिखा एक एक लेख संग्रहणीय होता है ! सो आपके जन्मदिन पर दिया वह तोहफा आपके लिए वाकई अमूल्य था और रहेगा !

    आज आपका जन्मदिन है और मुझे गर्व है कि मैं आपके परिवार का एक सदस्य हूँ ...

    तुम जियो हज़ारों साल ....

    जवाब देंहटाएं
  27. आपको तथा ’संवेदना के स्वर’को जन्मदिन की बधाई, गठरी भर भर के

    जवाब देंहटाएं
  28. आपको जन्मदिन की बधाई। कागज की पुस्तकें थोड़ी रूठ गयी मेरे कम्प्यूटर प्रेम से, मनाना पड़ेगा।

    जवाब देंहटाएं
  29. daddooooooooooooooooooooooooooooooooo.....................happppppppy budddday dadduuuuuuuuu.............many many many many many many happy returns of the day........aapko bi aur samvedna ke swar ko bi.....hihihi.....jug jug jiyo dono......


    aur gulzar chachu ki jo nazm post kiye ho.....kyun buddy ke din murder karte ho....!

    जवाब देंहटाएं
  30. संजय भास्‍कर जी ने 12 बार और रूप जी ने 11 बार आपको बधाई दी है। सलिल भाई हम तो आपको जितने साल बीत गए और जितने आने वाले हैं यानी (हम हजार तो नहीं कहेंगे पर) सौ साल की बधाईयां इसी एक टिप्‍पणी में दे देते हैं। आप तो बैंक में ही हैं न,सो एक जन्‍मदिन बधाई का खाता भी खोल लीजिए। हमारी बधाईयां उसमें जमा कर लीजिए। और हर साल एक निकालते जाइए। हां खडकसिंह से बचाकर रखें।
    *
    जन्‍मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
    *

    जवाब देंहटाएं
  31. जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  32. सलिल जी को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाये और सम्वेदना के स्वर को भी |

    @अब देखिये न पिछला साल आज ही के दिन 12 फरवरी 2010 को हमरा जन्मदिन था.

    देखिये का संजोग है पिछली बार भी आप जन्मदिन १२ फ़रवारिये को ही पड़ा अरे वाह का बात है |

    और शिवम जी को पोस्ट पर देखे की आप कहा रहे थे की ई भी कोई उमर है जन्मदिन मानने का, ल जी इस बात का जवाब तो आप को हमारी ई पोस्ट ही देगी समय हो तो एक बार आजे देख ले कि

    " हम लोग जैसे उमर वाले जन्मदिन काहे , और कईसे मनाये | "

    http://mangopeople-anshu.blogspot.com/2010/11/mangopeople.html

    और हा कभी भी बाहर चाय पिये तो ध्यान रखे की चाय उलटे हाथ से पिये और लिफाफा बंद करते समय उको भी कभी चिब से चाट कर ना बंद करे बड़ा खतरा है | गुलजार जी की ई रचना पढ़ाने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  33. अरे ..त आज आपका हैप्पी बरडे है....

    बहुत बहुत शुभकामना....स्वस्थ रहें,सुखी रहें प्रसन्न रहें...सदा सदा सदा...

    जीभ में उंगली लगाकर पन्ना पलटने का बीमारी हमको भी कभी नहीं लगा....और जो कोई हमको किताब और कलम भेंट करता तो इससे बड़का गिफ्ट हमको आज तक और कुछो नहीं लगा...हम अपना सोना गहना कसीको दे सकते हैं और जो चाहे तो वो रख ले न लौटाए..पर किताब रख ले तो सायद दुश्मनी हो जाय...

    आपका किताब प्रेम देख कर हमको त बहुतै खुशी हुआ...

    जवाब देंहटाएं
  34. बहुत बहुत बधाई और शुभकामान आपको और आपके ब्लॉग दोनों को!

    जवाब देंहटाएं
  35. wish you a very happy birth day. may all your dream come true . its nice to know that your blog is sharing his birth day with you .

    जवाब देंहटाएं
  36. गुफ्तगू के ब्लॉगर साथी सलिल जी को जन्मदिन व् ’संवेदना के स्वर’ को वर्षगाठ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई. कभी गुफ्तगू में शामिल होने के लिए भी समय निकाले.
    www.gooftgu.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  37. तुम (दोनों) जियो हज़ारों साल साल के दिन हों पचास हजार...

    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  38. अच्छा लगा इसे पढना, आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  39. सलिल जी ,
    जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई ...और संवेदना के स्वर के लिए भी बधाई ..

    और वो नॉवल मैंने भी पढ़ा है जिसके पन्ने पर ज़हर लगा दिया था :):)

    जवाब देंहटाएं
  40. आपको जन्मदिन की ढेर सारी शुभ कामनाएं.
    सलाम

    जवाब देंहटाएं
  41. आपने बताया था इसके बारे में...वैसे once again happy birthday chcha :)
    गुलज़ार साहब का नज़्म तो बस....नोट कर लिए हैं अपने डायरी में...
    :)

    जवाब देंहटाएं
  42. जन्मदिन पर बहुत-बहुत शुभकामनायें।


    एक निवेदन इस अवसर पर आपसे.........एक वृक्ष अवश्य लगायें। ताकि आपका यह जन्मदिन उसके साथ जुड़ जाय।



    एक निवेदन-
    मैं वृक्ष हूँ। वही वृक्ष, जो मार्ग की शोभा बढ़ाता है, पथिकों को गर्मी से राहत देता है तथा सभी प्राणियों के लिये प्राणवायु का संचार करता है। वर्तमान में हमारे समक्ष अस्तित्व का संकट उपस्थित है। हमारी अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा अनेक लुप्त होने के कगार पर हैं। दैनंदिन हमारी संख्या घटती जा रही है। हम मानवता के अभिन्न मित्र हैं। मात्र मानव ही नहीं अपितु समस्त पर्यावरण प्रत्यक्षतः अथवा परोक्षतः मुझसे सम्बद्ध है। चूंकि आप मानव हैं, इस धरा पर अवस्थित सबसे बुद्धिमान् प्राणी हैं, अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारी रक्षा के लिये, हमारी प्रजातियों के संवर्द्धन, पुष्पन, पल्लवन एवं संरक्षण के लिये एक कदम बढ़ायें। वृक्षारोपण करें। प्रत्येक मांगलिक अवसर यथा जन्मदिन, विवाह, सन्तानप्राप्ति आदि पर एक वृक्ष अवश्य रोपें तथा उसकी देखभाल करें। एक-एक पग से मार्ग बनता है, एक-एक वृक्ष से वन, एक-एक बिन्दु से सागर, अतः आपका एक कदम हमारे संरक्षण के लिये अति महत्त्वपूर्ण है

    जवाब देंहटाएं
  43. ब्लाफ़ के एक साल पूरा होने की और साथ में इतना सुंदर पोस्ट लिखने की भी बधाई. बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  44. baaten itni manoranjak batayee aur upar se janmdin bhi to bas hamaree ore se bahut-bahut badhyee sweekar karen.

    जवाब देंहटाएं
  45. बहुत हैप्पी वाला ब'ड्डे दाऊ ! अब स्वप्निल गुरु जैसा होशियार त हम नहीं हैं कि कोइ धाँसू नज़्म गिफ़्ट कर दें बाकि स्नेह का तोह्फ़ा है हमरे पास। और गुल्लू चाचा का नज़्म शेयर कर के आप रिटर्न गिफ्ट त पहिले ही दे दिये हैं।

    और का कहें ! बस एक दुआ ……

    "जो खयाल दिल में असीर हो
    और दुआ में भी तासीर हो
    तेरे हाथ उठते ही रब करे
    तेरे सामने ताबीर हो…"

    जनम दिन बहुत बहुत मुबारक, दाऊ ! नमन !

    जवाब देंहटाएं
  46. आपको जन्म दिन मुबारक हो और संवेदना के स्वर भी ऐसे ही प्रगति करते रहे ...........शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  47. सलिल जी,
    जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं . श्रुत परंपरा से भोजपत्र और फिर कागज... किताबें खत्म नहीं होंगी . हाँ, लगाव थोडा कम-बेशी हो सकता है.

    जवाब देंहटाएं
  48. जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं ....
    सम्वेदना के स्वर को पहली व्रर्षगांठ की ढ़रों शुभकामनाएं ....

    पोस्ट बुरी आदतों के बारे में बहुत कुछ कह्ती है.

    जवाब देंहटाएं
  49. अच्छा लगा
    जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

    http://unluckyblackstar.blogspot.com/2011/02/blog-post_13.html

    जवाब देंहटाएं
  50. किताबों के बिना जीना भी कोई जीना है।

    सलिल जी, आपको जन्म दिन की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।

    सम्वेदना के स्वर को भी शुभकामना सहित बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  51. aapaki bhaasha hame bahut bhaati hai..............




    एक निवेदन-
    मैं वृक्ष हूँ। वही वृक्ष, जो मार्ग की शोभा बढ़ाता है, पथिकों को गर्मी से राहत देता है तथा सभी प्राणियों के लिये प्राणवायु का संचार करता है। वर्तमान में हमारे समक्ष अस्तित्व का संकट उपस्थित है। हमारी अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा अनेक लुप्त होने के कगार पर हैं। दैनंदिन हमारी संख्या घटती जा रही है। हम मानवता के अभिन्न मित्र हैं। मात्र मानव ही नहीं अपितु समस्त पर्यावरण प्रत्यक्षतः अथवा परोक्षतः मुझसे सम्बद्ध है। चूंकि आप मानव हैं, इस धरा पर अवस्थित सबसे बुद्धिमान् प्राणी हैं, अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारी रक्षा के लिये, हमारी प्रजातियों के संवर्द्धन, पुष्पन, पल्लवन एवं संरक्षण के लिये एक कदम बढ़ायें। वृक्षारोपण करें। प्रत्येक मांगलिक अवसर यथा जन्मदिन, विवाह, सन्तानप्राप्ति आदि पर एक वृक्ष अवश्य रोपें तथा उसकी देखभाल करें। एक-एक पग से मार्ग बनता है, एक-एक वृक्ष से वन, एक-एक बिन्दु से सागर, अतः आपका एक कदम हमारे संरक्षण के लिये अति महत्त्वपूर्ण है।

    जवाब देंहटाएं
  52. डॉ. दिव्या श्रीवास्तव जी ने विवाह की वर्षगाँठ के अवसर पर तुलसी एवं गुलाब का रोपण किया है। उनका यह महत्त्वपूर्ण योगदान उनके प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, जागरूकता एवं समर्पण को दर्शाता है। वे एक सक्रिय ब्लॉग लेखिका, एक डॉक्टर, के साथ- साथ प्रकृति-संरक्षण के पुनीत कार्य के प्रति भी समर्पित हैं।
    “वृक्षारोपण : एक कदम प्रकृति की ओर” एवं पूरे ब्लॉग परिवार की ओर से दिव्या जी एवं समीर जीको स्वाभिमान, सुख, शान्ति, स्वास्थ्य एवं समृद्धि के पञ्चामृत से पूरित मधुर एवं प्रेममय वैवाहिक जीवन के लिये हार्दिक शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  53. सम्वेदना के स्वर के एक बरस पूरा होने पर बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  54. सम्वेदना के स्वर का लिंक ठीक कर लिजिये यहाँ आलेख में http://samvedanakeswar.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  55. आपको जनम दिन एवं ब्लाग की वर्षगांठ पर हार्दिक बढाई तथा मंगलकामनाएं.हम आपके और आपके लेखन कौशल की समृद्धि की शुभेच्छा करते हैं.

    जवाब देंहटाएं
  56. इलेक्‍ट्रानिक गिफ्ट के बाद, अब इलेक्‍ट्रानिक बधाई भी स्‍वीकारें.

    जवाब देंहटाएं
  57. आज ही जाना कि 12 फरवरी कोई सामान्य दिन नही है । तथा यह भी कि अब एक और ब्लाग को भी नियमित रूप से देखना होगा । बहुत आदर के साथ आपको जन्मदिन की अनन्त शुभ-कामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  58. आद सलिल जी,
    आपको जन्म दिन की ढेरों बधाइयाँ और संवेदना के स्वर के एक वर्ष पूरा होने पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ और मुबारकबाद !

    जवाब देंहटाएं
  59. दुई दिन बादे सही हमरा भी बधाई स्वीकार करें सलिल भाई । देखिए न प्रेम दिवस के दिन जन्म दिवस की जानकारी पा रहे हैं...एहमें भी कुछ खास राज झलकता है। बकिया आप बहुत बढ़िया लिखे हैं..दिल को छू जाये ऐसा।

    जवाब देंहटाएं
  60. तकनीक के इस्तेमाल से ही क़िताबें बचाई जा सकती हैं। मुझे लगता है,यदि ऑडियो फॉर्मेट के फाईल साइज को काफी छोटा करने की तकनीक इजाद हो जाए,तो यह श्रव्य रूप में पुस्तक का आनन्द बढ़ जाएगा। न आंखों पर ज़ोर,न किसी खास पोज में बैठने की ज़रूरत।

    जवाब देंहटाएं
  61. जनमदिन की बधाई और शुभकामनाएं बहुत बढ़िया लिखा है।

    जवाब देंहटाएं
  62. संवेदना के स्वर के एक साल पूरा होने पर बधाई |
    दुर्भाग्य से हमको आज भी कोर्स के अलावा किताब पढ़ने का परमिसन घर से नहीं मिल पाया है , कभी चोरी का आदत रहा नहीं कि छुपकर पढ़े होते तो हमारा उपन्यासों और अन्य किताबों का ज्ञान महज ३ साल(जब हम घर छोड़े) पुराना ही है , लेकिन इन ३ साल मा काफी किताबें पढ़ चुके हैं और आज भी उस दिन के इन्तेजार में हैं जब हम घर में सबके सामने बिना किसी संकोच के कोई किताब(कोर्स के अलावा) पढ़ पाएंगे और अपने घर में ई बता पाएंगे कि हम कभी कभी कवितायेँ भी लिखते हैं (जी , मेरे घर में किसी को नहीं मालूम इस बारे में और उन्हें बताने का हमारा हिम्मत भी नहीं होता) :)

    सादर

    जवाब देंहटाएं