आज की यह पोस्ट समर्पित है उन सभी शिक्षकों को जिन्होंने इस माटी के माधो को एक इंसान बनाया.
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बहुत पहिले राज कपूर से पूछा गया कि आपको अपना बनाया हुआ सब सिनेमा में से कउन सबसे प्यारा है. ऊ बोले कि “मेरा नाम जोकर”. ई कहने पर कि ऊ फिलिम तो चलबे नहीं किया था, राज कपूर का कहना था कि अपना बच्चा अगर बिकलांग भी हो जाए त प्यारा लगता है. तब से लेकर आज तक का मालूम केतना आदमी अपना कोनों कमजोर रचना के लिए एही बात बोलता है.
हम त केमिस्ट्री के इस्टूडेंट रहे हैं. इसलिए हमरा प्यार कार्बन के लिए बहुत जादा है. प्यार काहे, सम्मान कहिये. जेतना इज्जत हम कार्बन का करते हैं, ओतने इज्जत हम अपने पुर्बज लोग का करते हैं. कार्बन का नाम सुनते ही सबसे पाहिले कोयला ध्यान में आता है. मगर हमारे लिए त कोयला अउर हीरा दुनो कार्बन है. पेन्सिल का लोखने वाला नोंक भी त ग्रेफाईट माने कार्बन का बना हुआ होता है. अब काला अउर बदसूरत होने से हमरा प्यार कम थोडो न हो जाएगा!
कार्बन का अनोखा गुन है कि ई लोगों के साथ मिलकर रहता है. खाली बाहर के लोग के साथ नहीं, अपने परिबार से भी मेल मिलाप से रहता है. परिबार का जंजीर एतना लंबा होता है कि पहिला बार देखकर लोग घबरा जाता है. मगर एही बात हमरे पुर्बज सिखाते आये हैं हमलोग को कि आपस में मिलकर रहो और समाज में भी प्यार अउर भाईचारा बनाए रखो. इनके प्यार का ‘एरोमा’ एतना फैलता है कि का कहा जाए. सबसे मिलकर रहते हैं, खाली इसलिए कि न्यूट्रल हैं. ना पोजिटिभ ना निगेटिभ. जैसी बहे बयार, पीठ तब तैसी कीजे. ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर. हमको लगता है कि इसी सोभाव के कारन जब दू आदमी के बीच बढ़िया सम्बन्ध बना रहता है तो कहते हैं कि दुनो का केमिस्ट्री बहुत अच्छा है!
जब हम एम्.बी.ए. में एडमिसन के लिए इंटरव्यू देने गए, त हमसे जो सवाल जवाब हुआ उसका बानगी देखिए:
“आपने केमिस्ट्री में एम्.एस-सी. किया है. साधारण भाषा में बताइये कि ऑर्गनिक केमिस्ट्री और इनऑर्गनिक केमिस्ट्री में क्या अन्तर है?”
“कार्बन का स्वभाव है कि अन्य तत्वों के साथ-साथ स्वयं अपने आप के साथ भी संयोग कर यौगिक का निर्माण करता है. इसके प्रतिक्रया करने के स्वभाव अलग होते हैं और यौगिकों की संख्या असीमित. इसलिए इनका एक अलग शाखा के रूप में अध्ययन करते हैं जो ऑर्गनिक केमिस्ट्री कहलाती है.”
“अच्छा! मतलब ये कि इनऑर्गनिक केमिस्ट्री में कार्बन का अध्ययन नहीं करते!”
“करते हैं. मगर यहाँ कार्बन का अलग से अध्ययन नहीं जाता, अन्य तत्वों की तरह ही इनकी भी स्टडी करते हैं”
“कमाल है! केमिस्ट्री तो बड़ा ‘फन्नी’ सब्जेक्ट है. कार्बन तो एक है, मगर सिर्फ इसके कारन दो अलग अलग ब्रांच बना दी.”
“सर! वास्तव में एक जगह कार्बन का रोल माइनर है और दूसरी जगह मेजर है. जबकि और कोइ भी तत्व ऐसा नहीं है.”
“इससे क्या हुआ. केमिस्ट्री इज अ फन्नी सब्जेक्ट!! ये अलग अलग रोल क्या होते हैं. अजीब फन्नी सब्जेक्ट है!!”
एतना बार ‘फन्नी सब्जेक्ट’ सुनकर हमरे मन में भी गुस्सा भर गया था. अउर केमिस्ट्री से तो हम मोहब्बत करते थे, ई बात सब लोग जानता था हमरे क्लास में. हमरी महबूबा को कोइ फन्नी बोले ई बर्दास्त होने वाला बाते नहीं था. सोचे कि अब एडमिसन हो चाहे नहीं हो, जवाब त देना ही होगा.
“सर! इट्स नॉट फन्नी! इट्स वेरी सिंपल, जस्ट लाइक यू एंड मी. आप अपने बच्चों के लिए पिता हैं, पत्नी के लिए पति, हमारे लिए शिक्षक और दूसरे प्रोफ़ेसर के लिए दोस्त या सहकर्मी. सबके साथ एक जैसा रोल तो नहीं निभा सकते आप. बस वैसे ही कार्बन है, जबतक इनऑर्गनिक केमिस्ट्री में रहता है, अकेला चुपचाप सबके साथ खडा होता है और जब ऑर्गनिक केमिस्ट्री में आता है तो पूरे परिवार और समाज के साथ.”
“थैंक्स! यू मे गो नाऊ!”
हम समझ गए थे कि रिजल्ट का होने वाला है. जो हो, एडमिसन पाने के लिए हम अपनी महबूबा को ‘फन्नी’ कहलाते हुए नहीं देख सकते थे. मगर कमाल देखिये, हमरे मोहब्बत में भी असर था, लिस्ट आया तो हमरा नाम भी सफलता सूची में था. हमको लगा कि ऊ प्रोफ़ेसर साहब अउर हमरे बीच कोइ केमिस्ट्री जरूर रहा होगा, नहीं त दूसरा कोई हमरा जवाब सुनने के बाद हमको यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर फेंक देता!
सबसे पहले ...
जवाब देंहटाएंशिक्षक दिवस पर मैं अपने सभी शिक्षकों का पुण्य स्मरण करते हुए नमन करता हूँ |
भगवान् उन सब को दीर्घजीवी बनाये ... ताकि वह सब ज्ञान का प्रकाश दूर दूर तक पंहुचा सकें |
बाकी केमिस्ट्री तो कभी भी हमारे पल्ले नहीं पड़ी ... हमेशा सर के ऊपर से ही गुजरी है ... हम तो बस इतना ही जानते है कि आपकी और हमारी केमिस्ट्री ही एक ऐसी है जो सीधा अन्दर तक गई है ... दिल के ... दादा प्रणाम आपको ... ख़ास कर आज के दिन ... आपसे भी बहुत कुछ सीखते रहते है ... उस हिसाब से आप भी हमारे गुरु ही हुए !
तत्व एक कोयले हीरे में, रख कोयला हीरा खोते न
जवाब देंहटाएंयदि सार्थक कर पाते दिन तो, रातों को उठकर रोते न
सुन्दर यादें! हमने तो कार्बन का अर्थ जीवन ही जाना। कैमिस्ट्री का विभाजन भी शायद इसी आधार पर हुआ था कि जैविक स्रोतों से प्राप्त होने वाले सभी पदार्थ ऑर्गैनिक/कार्बनिक निकले। हिन्दी में इसके लिये शायद जैविक रसायन शब्द भी उपयुक्त रहता।
@Smart Indian:
जवाब देंहटाएंधन्य हुआ आपकी इस परिभाषा को सुनकर!! कम से कम कोई तो है जो इसे फन्नी नहीं समझता!! आभार!!!
अरे बाबा रे,
जवाब देंहटाएंई कार्बनवा तो ’दिलबर के लिये दिलदार और दुस्मन के लिये तलवार’ के माफ़िक बिहेव करता दिखता है।
पढ़ाई के दौरान हम कैमिस्ट्री से और कैमिस्ट्री हमसे मुँह चुराते रहे लेकिन ये इंसानों के बीच की कैमिस्ट्री के तो हम भी कायल हैं। ’आनंद’ फ़िर से देखनी होगी:)
आगामी इंटरव्यू में भी महबूबा के बारे में फ़न्नी बात मत सुनियेगा, मोहब्बत की जीत पक्की है। हमारी अग्रिम शुभकामनाये।
ये केमेस्ट्री भी न ....मेरा पीछा क्यों नहीं छोड़ती.....बात है एक राज की ....फ़िलहाल तो शिक्षक दिवस पर नमन सभी गुरूओं को ...
जवाब देंहटाएंऊ टिचरजी के साथ कौन सा बौण्ड बना आपका?
जवाब देंहटाएंइस प्रश्न का अपने अनुभव के आलोक में विस्तृत जवाब दें। (रसायन शास्त्र के दृष्टिकोण से)
काल फेर आऊंगा कॉपी चेक करने।
रोचक संस्मरण ...
जवाब देंहटाएंसभी गुरुओं को प्रणाम!
रोचक पोस्ट!
जवाब देंहटाएंआपको शिक्षक दिवस मुबारक हो! :)
सलिल भाई,
जवाब देंहटाएंteachers day पर आपकी रासायनिक pratikriya बहुत अच्छी लगी.
आपके मेरे प्रति स्नेह के लिए आभार.
कुछ दिनिं तक गमे जाना में रहा मुब्तिला
फिर गमें दौरां का सिलसिला चला,
हर डगर हर नगर उसको ढूँढा किया,
चैन मगर तेरे कूचे में ही मिला.
सार्थक केमिस्ट्री!! और कार्बन का अनेकांत दृष्टि से अध्यन। ला-जवाब!!
जवाब देंहटाएंयह शायद किसी पिछली पोस्ट में पढ़ चुका हूं, लेकिन फिर पढ़ना भी अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंहाइड्रोकार्बन इसी प्रेम के कारण दुनिया भर में राज कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएंमुझे केमेस्ट्री कभी समझ नहीं आती थी... बिल्टू सिंह सर के कारण बहुत ज्यादा समझ में आने लगी और अच्छा भी लगने लगा लेकिन मैं कभी केमेस्ट्री में स्ट्रोंग नहीं रहा :(
जवाब देंहटाएंbahutae badhiya , aap student rhe hain aur ham teacher chemistry ke , carbon ke ilawa chemistry me aur ka hai !
जवाब देंहटाएंयह पोस्ट विज्ञान की सामाजिक भूमिका स्पष्ट करने के लिए सटीक है. किन्तु मेरे लिए केमिस्ट्री सदा एक मिस्ट्री ही रहा. कार्बन को शायद C कहते हैं. कुछ किताबें अभी तक याद हैं जिसमें morrison-boyd और finar की किताबें प्रमुख हैं. ELBS सीरीज की किताबों के चेहरे भी याद हैं...मेरे लिए इसमें सोशियोंलोजी के status and role टाईप कुछ होता होगा...
जवाब देंहटाएंकेमिस्ट्री .......... हमारी तो कभी समझ में ही नहीं आई
जवाब देंहटाएंसटीक और शानदार प्रस्तुति , आभार
जवाब देंहटाएंअरे ये केमेस्ट्री तो बिलकुल भी फन्नी नहीं है...हम तो एवईं घबराते रहे.
जवाब देंहटाएंइस ह्यूमन केमिस्ट्री की जानकारी /शिक्षा आज मिली ,वैसी कभी न मिली
जवाब देंहटाएंबहुत खूब... केमिस्ट्री तो हम भी पढ़ें हैं लेकिन इतना बारीकी से अध्ययन नहीं किये आपके और केमिस्ट्री के बीच की केमिस्ट्री बहुत गज़ब की है...बधाई...
जवाब देंहटाएंनीरज
जीनियस हो यार ...बहुत कुछ सीखेंगे आपसे !
जवाब देंहटाएंगुरु पर्व की शुभकामनायें !
रोचक!
जवाब देंहटाएंकेमिस्ट्री को भी मैं तो रोचक ही कहूँगा, फन्नी तो कतई नहीं।
रोचक संस्मरण| शिक्षक दिवस की शुभकामनायें|
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं...शिक्षक दिवस की शुभकामनायें|
"जैसी बहे बयार, पीठ तब तैसी कीजे. ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर. हमको लगता है कि इसी सोभाव के कारन जब दू आदमी के बीच बढ़िया सम्बन्ध बना रहता है तो कहते हैं कि दुनो का केमिस्ट्री बहुत अच्छा है!"
जवाब देंहटाएंसलिल जी !!! प्यार में भी पहले केमिस्ट्री घटित होती है,तब कहीं प्यार होता है। लेकिन कुछ पहुंचे हुए लोगों का कहना है कि प्रेम स्थायी भाव है और शायद कार्बन में भी यह गुण मौजूद है...पेंसिल में जो कोमल होता है हिरे में वही कठोर हो जाता है...लेकिन है तो स्थायी न ...हर रूप में बना रहता है उसकी प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ।
शिक्षक दिवस पर अच्छा पाठ पढ़ाया ...हमेशा याद रहेगा। उन सभी गुरुजनों को श्रद्धेय नमन जिनसे हमने जिंदगी के बहुत से पाठ सिखे...आप भी उनमें एक हैं। मेरे प्रणाम स्वीकार करें।॥।
शायद केमिस्ट्री को 'फनी सब्जेक्ट' कह कर वे आपके फेवरेट विषय के प्रति आपके प्यार की परीक्षा ले रहे थे...और आपने भी वफादारी निभाई
जवाब देंहटाएंरोचक विवरण
शिक्षकों को सादर नमन ... रसायन विज्ञान कभी समझ नहीं आया ..और इसी लिए विज्ञान के क्षेत्र से अलग होना पड़ा ... आपका कैमेस्ट्री प्रेम अतुलनीय है ...
जवाब देंहटाएं“सर! इट्स नॉट फन्नी! इट्स वेरी सिंपल, जस्ट लाइक यू एंड मी. आप अपने बच्चों के लिए पिता हैं, पत्नी के लिए पति, हमारे लिए शिक्षक और दूसरे प्रोफ़ेसर के लिए दोस्त या सहकर्मी. सबके साथ एक जैसा रोल तो नहीं निभा सकते आप. बस वैसे ही कार्बन है, जबतक इनऑर्गनिक केमिस्ट्री में रहता है, अकेला चुपचाप सबके साथ खडा होता है और जब ऑर्गनिक केमिस्ट्री में आता है तो पूरे परिवार और समाज के साथ.”
जवाब देंहटाएंitna achcha jabab diye to aapka chayan hona tha....
केमेस्ट्री से अपनी केमेस्ट्री कभी नहीं पटी। इसलिए बीएससी अधूरी रह गई। बहरहाल यहां तो अपनी केमेस्ट्री मिलती ही है। अंदाज पसंद आया।
जवाब देंहटाएंक्या खूब कार्बन कथा लिखी है, सलिल भाई। दुनिया को समझने वाले कचरे में भी हीरा ढूंढ लेते हैं।
जवाब देंहटाएंकार्बन के चार हाथ होते हैं, चतुर्भुज, इसी कारण तो वह सृष्टि का पालनकर्ता हुआ।
हद्द हो गयी सलिल सर.... आपका भी प्रिय सब्जेक्ट केमिस्ट्री है...मेरा भी...आज तक जेतना विषय पढ़े हैं उसमें इतना सुन्दर कोई नहीं लगा...और ऑर्गनिक से तो इतना प्यार की कहिये मत...अपने मन से यौगिक का स्ट्रक्चर बना बना के उसका नाम रखते थे... आज कितना दिन बाद कुछ ऐसा पढ़े हैं जिससे एतना ज्यादा मुस्कुराने का मन किया है..... :)..सांझी के इस्टाइल में... लव यू... :)
जवाब देंहटाएंकार्बन कथा ने मन मोह लिया...शिक्षकदिवस पर ढेरों शुभकामनाएँ....
जवाब देंहटाएंये कार्बन और केमिस्ट्री का रिश्ता बहुत गहरा है जैसे छात्र और शिक्षक हा ... और ५ तारीख की आपकी इस पोस्ट ने ये साबित कर दिया केमिस्र्ती के रिएक्शन की तरह ...
जवाब देंहटाएं'मेरा नाम जोकर' देखी भी खूब गयी, सराही भी गयी...हाँ, बिकाऊ साबित नहीं हुई. फिल्म के गाने भी हिट हुए.
जवाब देंहटाएं...टीचर नामक जीव भी 'मेरा नाम जोकर' की तरह ही है, सराहना के काबिल किन्तु बॉक्स ऑफिस पर कमजोर!!
इस दिवस से भावनात्मक रिश्ता है ,मैं एक शिक्षक का पुत्र हूँ| सुन्दर लेख|
जवाब देंहटाएंआपने तो कार्बन और केमेस्ट्री के बारे में सारे ख्यालात ही बदलकर रख दिये. बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम
नमन दाऊ !
जवाब देंहटाएंहम तो फ़िजिक्स के प्रेमी रहे हैं बचपन से लेकिन strong chemical bonding केमिस्ट्री से भी रहा है… और उसमे भी Carbon को हमारे ग्रुप का सब बच्चा "परमपिता Carbon" कहता था… और ये जुमला बड़ा मशहूर था कार्बन के लिये, जैसा अपना विराट रूप धर के भगवान श्री कृष्ण ने कहा था…… "ये सारे यौगिक मेरा ही स्वरूप हैं… ये मुझसे ही पैदा होते हैं और मुझमे ही समायेंगे… :) Organic पढते वक्त ये जुमला क्लास में कोइ ना कोइ जरूर बोल देता था। "
पुन: नमन दाऊ… बहुत सी पुरानी बातें याद दिलाने के लिये :)
क्या सुन्दर उदहारण दिया आपने...
जवाब देंहटाएंअकेले में परफेसर साहब रियलाइज किये होंगे...
रोचक संस्मरण ,.क्या सुन्दर उदहारण दिया आपने..
जवाब देंहटाएंमेरा रसायन-ज्ञान भले ही केवल अम्ल-क्षार ब्यूरेट-पिपेट या रासायनिक परिवर्तनों तक ही सीमित रहा पर यहाँ आपका लेख हमेशा की तरह ही आनन्ददायी लगा ।
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंkhushee huee jaankar duniya me aur bhee bande hai jo funny shavd ka aise upyog karte hai.......
hansee hansee me kab darshan utar aata hai jeevan ka padte padte pata hee nahee chal pataa ...
aasheesh
भाई जी आपने मेरे प्रश्न का उत्तर दिया कि नहीं यही देखने आया था।
जवाब देंहटाएंशिक्षक दिवस की शुभकामनाएं।
केमिस्ट्री के प्रति आपकी अनुरक्ति ने इस पोस्ट की केमिस्ट्री को एक बहुत ही रोचक आयाम दिया है। साधुवाद।
जवाब देंहटाएंबन्हिया सवाल-जवाब रहा। आ मनोज जी का कहा त आउरो मजेदार कि काल्ह फेर आएंगे कापी चेक करे। ईहाँ त अधिकांश आदमी इस पोस्ट का मतलब समझ लिया है कि उसी से पूछा जा रहा है कि केमिस्ट्री से उसका क्या सम्बन्ध रहा है? अजीब हाल है भाई! पुछाय कुछ और बताय कुछ!
जवाब देंहटाएंज़बरदस्त पोस्ट . हमें तो वो गोल चेन वाला क्या कहते हैं बेन्जीन बहुत परेशान करता था.ऑर्थो, मेटा , पैरा अब तक झुरझुरी छुड़ाते हैं .
जवाब देंहटाएंहरि अनंत हरि कथा अनंता की तरह "कार्बन अनंत और उसकी कथा भी अनंत" . हमें तो फिजिकल केमिस्ट्री ज्यादा लुभाती थी. पर यह सत्य है कि कार्बन न होता तो हम भी न होते. ब्रह्म का स्वरूप है वह. न जाने कितने रूपों में प्रकट होकर कार्बन ही नानाविधि हमारा न केवल पोषण करता है बल्कि इस चर जगत को धारण भी करता है.
जवाब देंहटाएंमनोज भाई कॉपी चेक करने आये थे ....कोरी देख कर वापस चले गए. ऐसे गुरुओं को नाराज़ करना अच्छी बात नहीं है सलिल भाई.
सलिल भाई नमस्कार,
जवाब देंहटाएंजब तक प्रेम सरोवर पर नही आएंगे जब तक आपका भी organic एवं inorganic CEMISTRY का सूत्र किसी BIO-PRODUCT का सृजन करता रहेगा । भाई साहब कभी-कभी हम पर भी अपनी नजरें ईनायत रखें.। धन्यवाद ।
"जबतक इनऑर्गनिक केमिस्ट्री में रहता है, अकेला चुपचाप सबके साथ खडा होता है और जब ऑर्गनिक केमिस्ट्री में आता है तो पूरे परिवार और समाज के साथ."
जवाब देंहटाएंवाह क्या खूब विवेचन है!
this post made me remember my chemistry lessons!
केमिस्ट्री इज अ भेरी फन्नी सब्जेक्ट , सुनकर अमित जी के एगो डाइलोग की याद आ गयी
जवाब देंहटाएं"इंग्लिस इज अ भेरी फन्नी सब्जेक्ट ...... आई कैन टॉक इंग्लिस , आई कैन वाल्क इंग्लिस बेकोज़ इंग्लिस इज अ भेरी फन्नी सब्जेक्ट"
सादर
:-) याने आपने भी ओर्गेनिक केमेस्ट्री में ही एम एस सी किया था :-)
जवाब देंहटाएंबढ़िया.....यादें ताज़ा हो गयीं...वैसे बच्चों को पढ़ा कर अब भी जिंदा रखी है हमने केमेस्ट्री ....
सादर
अनु
इंसानी केमिस्ट्री के तो हम भी कायल हैं चचा...पर केमिस्ट्री-फिजिक्स कभी पल्ले नहीं पड़ी...| हाँ मैथ्स के दीवाने थे हम...| पर पोस्ट तो हमेशा की तरह कमाल...!!!
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