मंगलवार, 4 जनवरी 2011

अलविदा दोस्तो!!

गाँव में आज भी अच्छा बात को बुरा बताना सगुन माना जाता है. अब आप सोचियेगा कि बिहारी कहियो सीधा बात करबे नहीं करता है. भला अच्छा बात को खराब बताने में कौन सगुन का बात है. तो अभी लीजिये, हाथ कंगन को आरसी का, अऊर पढल लिखल को फारसी का. कोनो औरत के गोदी में उसका खूब सुंदर मोटा तंदरुस्त बच्चा देखकर तनी उसको कहिये तो कि आपका  बच्चा तो गजब तंदरुस्त है. बहुत सुंदर है आपका बच्चा.
जानते हैं औरत का जवाब देगी? सबसे पहिले तो मान लीजिये आपका इज्जत करने वाला रिस्ता होगा कहेगी कि दुबराया हुआ है बच्चा, कुछ खईबे नहीं करता है. केतनो नीमन चीज खिला दीजिये मगर मोटाता नहीं है. और उसके बाद घरे जाकर अपना बच्चा के ऊपर से नजर उतारेगी, बाँया  हाथ में राई अऊर लाल  मिर्चाई से, फिर आग में झोंक देगी.
हमरे एगो साथी थे. ऑफिस में हमरे पास आए अऊर मिठाई का डिब्बा रखकर बोले कि बेटा क्लास में टॉप किया है अऊर उसको पता नहीं केतना परसेंट नम्बर आया है. हम भी खुसी खुसी मिठाई खा लिये. अगिला दिन स्टाफ मीटिंग में हम उनके बेटा का  भी जिकिर किये, तारीफ भी कर दिये. संजोग से उनके घर जाने का मौका मिला. बेटा आया तो हम बोल बैठे कि बहुत होनहार बच्चा है. इसके बाद हम कुछ पढाई के बारे में पूछने लगे. बच्चा सच्चो बहुत तेज था. हम बहुत परभावित हुये. मगर देखे कि उसकी माँ उसको अंदर बुला ली. और जब हम जाने लगे तब भी बच्चा प्रनाम करने नहीं आया. हम पूछे तो पता चला कि सो गया.
खैर बाद में हमको समझ में गया कि बात क्या है. जब हम बच्चा का जिकिर करते तो हमरे साथी तड़ से कह देते कि पढाई में मन नहीं लगता है उसका, जब देखो तब टीवी, चाहे खेल. इस साल फेल कर जाएगा. कोनो बाप को अईसा बद्दुआ देते हुये सुने नहीं होंगे आप लोग. मगर भाई साहेब, दिन के बाद से अपना बेटा का बुराइये करते हुये सुने गये. उनका बात से हमको बहुत दुःखहोता था कि उनका बेटा अबकी साल फेल कर जाएगा. बेचारे को बहुत सदमा लगेगा. खैर एक दिन फिर ऑफिस में सबको मिठाई खिलाए, काहे कि उनका ओही बेटा फिर टॉप कर गया था. अईसा भी होता है.
ऑफिस से घर आने पर सिरीमती जी बोलीं कि सुनते हैं कौसलजी के दाँत में बहुत दर्द है. डॉक्टर बोला है कि दाँत निकालना पड़ेगा. हम बोले कि जवान लड़का है, एही उमर में सब दाँत खराब हो गया, हमको देखो...... इसके आगे हमको बोलने ही नहीं दीं. कहने लगीं, आप भी , जब देखिये तब एही बात बोलते रहते हैं. अईसे नहीं बोलना चाहिये. अब हमको समझे में नहीं आता है कि इसमें का गलत बोले हैं हम. कमाल का बात है कि आज आदमी स्वस्थ है, खुलके बोलियो नहीं पाता है कि हम स्वस्थ हैं, भगवान का दिया सब कुछ है, मगर पूछ दिये दुनिया भर का तकलीफ गिना देगा अऊर लगेगा कि दुनिया का सबसे बड़ा अभागा ओही हैं.
सायरी का पहिला किताब, नहीं बुझाया आपको..  अरे भाई ट्रक का पिछवाड़ा. ओके हॉर्न प्लीज़ टाटा,फिर मिलेंगे. अनारकली लद के चली. बीवी रखो टिप टॉप, दो के बाद फुल स्टॉप. कोनो दिन ओही ट्रक ड्राइवर से तनी बोल के देखिये कि बेटा हमरा बीवी से कम टिप टॉप तुमरी अनारकली भी नहीं है. तारीफ के जवाब में आपको ओही ट्रक के सामने लटका हुआ लाहौरी तिल्लेदार जूता देखा देगा. कमाल दुनिया है.
हम भी अपना भाग को कोसते हुये सुरू में सायद एगो पोस्ट और एगो कबिता भी लिखे थे. लेकिन आज उसी का प्रायस्चित करने का टाईम गया है. किस्मत हमरे दुआरे कॉल बेल बजा रहा है. अब देखिये आझे निसा का फोन आया (हम उसको पहचानबे नहीं करते थे) बोली, “आपका एयरटेल नम्बर ड्रॉ में लकी नम्बर निकला है और हम आपको चार दिन और तीन रात के लिये पूरे परिवार के साथ सिंगापुर भेज रहे हैं.हम खुसी से पागल हो रहे थे अऊर एही फेर में मोबाईल का ललका बटन टिपा गया अऊर कॉल कट गया. हम सुनियो नहीं पाए कि निसा कहाँ बोलाई थी हमको. सोचे दोबारा नम्बर लगाते हैं, मगर फोने नहीं उठायी.
तनी दुःख हुआ, मगर लगता है कि किस्मत का चादर एकदम रफू हो गया था हमरा.  तुरते, प्रियंका का फोन आया अऊर बोली कि हमरा क्रेडिट कार्ड (जो हम कहियो इस्तेमाल नहीं किये थे) लकी ड्रॉ में फस्ट आया है अऊर हमको बिना दरखास दिये पाँच लाख रुपया मंजूर कर दिया गया है. खुसी के एक्साइटमेण्ट में फिर ललका बटन दबा गया अऊर पाँच लाख का चेक हमरा हाथ से सरक गया. महाकवि आनंद भक्षी का सायरी याद गया कि लब तक आते आते हाथों से सागर छूट जाता है.
मगर आज हम एलान करने जा रहे हैं कि कुछ दिन में ब्लॉग बंद होने जा रहा है और हम करोड़पति होने जा रहे हैं. बिस्वास नहीं हो रहा है ना. देस में हमारा कदर कोई नहीं किया, मगर अफ्रीका के नाइजीरिया में एगो करोड़पति अपना सारा दौलत हमरे नाम कर गया है. कल्हे हमको ईमेल मिला है. अऊर कमाल तो है कि दू चार ठो करोड़ति लोग एही मौसम में पंचतत्व में बिलीन हो गये हैं और सब हमको अपना वारिस बनाकर एक एक मिलियन डॉलर हमरे नाम छोड़ गये हैं. अब बस दूचार रोज में सब फॉर्मेलिटी पूरा करके आपसे मिलते हैं.
आप लोग हमरे बारे में जेतना अच्छा बात बोलिये हमको कोनो फरक नहीं पड़ने वाला है. अब ब्लॉग बंदे हो जाएगा,चाहे सेलेब्रिटी लोग जईसा किसी को रख लेंगे हमरे नाम से लिखने के लिये. अऊर खोजते हैं कोई बंगलाकोनो अईसा कोलोनी में जहाँ  अपहरन के फिरौती का रकम भी कम से कम एकाध करोड़ रुपया हो. अब एतना से कम पर कोई किस्मत वाला,चाहे बड़ा  आदमी थोड़ो बन जाता है. 

45 टिप्‍पणियां:

  1. अरे वाह बहुत रोचक पोस्ट लगाई है आपने तो!

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  2. बहुत जलन हो रही है आपसे ...

    अभी के अभी जा रहे है बरनोल के गोदाम में ...

    पूरे बदन पर मल कर बैठेगे तब शायद राहत मिले !!!!

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  3. सलिल भाई नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना...हमें स्पैम मेल भी कई मिलियन डालर के आफर हैं.. देखता हू उनको भुना के.. बाकि जब इतना पैसा आपके पास हो जायेगा तो बैठ के क्या कीजियेगा.. लिखियेगा और क्या.. सो इस ब्लॉग को जमाये रखिये... बाकि बहुत दुबरा गया है मेरा ब्लॉग भी.. आइयेगा ना कभी ...

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  4. आपके ब्लॉग को नज़र लग ही नहीं सकती ...यह तो सबकी नजरों का तारा है ...बाकी नुस्खे तो आपने बता ही दिए हैं ...हम भी पोस्ट पढ़ते ही नजर उतार देंगे... लेकिन इसे बंद करने की ना सोचें ...

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  5. जब खड्गसिंह जा रहे हैं तो बाबा भारती कैसे पीछे रह सकते हैं। दो-चार साल से अपने पास भी करोड़पति बनने की सूचना पड़ी हैं। पर हमने सोचा कि फायदा क्‍या सब खड्गसिंह ही ले जाएंगे। पर जब उनका इंतजाम हो गया है तो हम भी चलते हैं।
    *
    और ब्‍लागिंग-फ्लागिंग भी बहुत हो गई । चलो हम भी अलविदा कह देते हैं।

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  6. सारे महानुभव चले जायेगें तो हम बच्चो का क्या होगा।
    बिना बूढे की बारात वाला हाल हो जायेगा
    बाबूजी जब तक कैश हाथ मे नही आता तक तो लिखोगे ही। बस हम भी बेफ्रिक है।

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  7. इस तरह के तीन ई-मेल मुझे भी प्राप्त हो चुके हैं।मैंने भतीजे को बताया, जो मुंबई में रहता है, तो उसने कहा-‘पापा, ऐसे मेल को आप ओपन ही मत किया करें, तुरंत डिलीट कर दिया करें।‘
    तब जाकर बात समझ में आई।

    अब आप भीतर जाके नजर उतरवा लीजिएगा, क्योंकि हम कह रहे हैं कि आप बहुत अच्छा लिखते हैं।

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  8. सबसे पहले तो मोबाईल का ललका बटन निकाल के फेक दे ताकि अगली बार गलती से भी ना दबे | दूसरे देखिये हम भी बुरी ब्लोगिंग नहीं करते है सो कल को सेलेब्रेटी बनने के बाद ब्लॉग लिखने के लिए जरुरत हो तो हमारा नाम याद रखियेगा कहिये तो दू चार सिफारिस भेजवा दू | पेमेंट की कोनो बात नहीं है आप की नेक नियति मालूम है तभी तो इतनो के वारिस बन गये | हम तो खाली सुनते रहे ई खबर और आज भी मेल में एइसन कोनो मेल का इन्तजारे कर रहे है |

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  9. हाय साडे बिहारी नू नज़र न लग जाए..........
    खुदा खैर करे.........

    वैसे सादा वी ध्यान रखना......... जद पैसे-वैसे जा जाण ते.

    राम राम

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  10. आग लगवा दिए है ... और बैठे है चुप से ना ... अरे इस जलन का कुछ करो भई !!

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  11. लगता है हमारे बिहारी बाबू,जो रुपया ई नाइजिरियाई ठग के ले गये है, वापस ले आयेंगे।

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  12. सुंदर प्रस्तुति....... ई ये मारे कि नज़र न तनिको लग जाये..... अवुर हम आज कुछे न बोलब कि ई ब्लॉग के केहू के नज़र लागे....... बाकि ऊ इ मेल वाल किस्सा तै ये हमरे ( सबके ) ई - मेल के इन्बोक्स में भरल बाये ... पहिलका दफा रिप्लाई कईले से सुंदर फोटो के सन्हगे इक गो बढ़िया सा स्टोरी भी आवे ले और मालामाल बनले कै तरीका भी..... मगर ई सब गोलमाल बाटे ... और स्टोरी पढके ख़ाली मजा लेहले कै जरूरत बाय . दूसरका बार नो रिप्लाई .

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  13. @
    अब हम का बोलें... दुइयेगो बात सीखे हैं.. माया महा ठगिनी हम जानी अऊर सब ठाठ पड़ा रह जावेगा, जब लाद चलेगा बंजारा..

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  14. चलिए नज़र बट्टू लटका दे ब्लॉग पर और दो चार ...काजल के टीके भी दिठोना कहते है शायद

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  15. ई-मेल द्वारा मनोज जी की टिप्पणीः
    क्मेंट बॉक्स नहीं खुल रहा है!
    बंगाल मं जाते समय कहा जाता है ..असछी .. आता हूं, तुलुगु में वेल्लुवस्तानू .. जाके आता हूं।
    जता हूं, नहीं, क्योंकि कहीं वह गमन अलविदा वालान हो जाए जो अंतिम बार कहा जाता है।
    और ई का आप अलविदा का खटराग लगा रखे हैं, ई लख्पत्ती-करोरपत्ती बने न बने, जादे ऐसन मेल खोलिएगा जो रहल सहल लैप्टॉप है ऊहे अल्विद्दा कह देगा ...ऐसन भायरल अटैक होगा कि बूझिएगा ...फेर ई न कहिएगा कोई चेताया नहीं था।

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  16. अरे एक ठो मिर्ची नीबू लगाइए ब्लॉग पर जल्दी...पर टिके रहिये.

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  17. कऊने दरबान का नौकरी है का आपके पास? अप्लीकेसन कब दें हम?

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  18. सलिल भैया, होंगे आप बल, बुद्धि, विद्या, चातुर्य, प्रतिभा वगैरह-वगैरह में सीनियरमो स्ट लेकिन इस फ़ील्ड में हम आपसे साल भर सीनियर हैं:)
    पिछली जनवरी से ही हम इस विषय पर बोरिया बिस्तर समेटे बैठे हैं। और रोज दो तीन मैसेज अब भी आ जाते हैं।
    इसके अलावा आपको तो सिर्फ़ इनाम वाले मैसेज आते हैं, हम तो फ़ोन और मेल पर ऐसे ऐसे आमंत्रण-निमंत्रण पा चुके हैं कि होता कोई सरल पवित्र निष्कामी तो कई बार हैप्पी बड्डे हो चुका होता उसका।
    बाकी ये ललका वाला बटन हमारे फ़ोनवा में है नहीं और हमने तो ऐसी काल्स से भी फ़ायदा उठा लिया। जब ऐसा फ़ोन आता है तो जानबूझकर स्पीकर ऑन कर देते थे शुरू में। जब गृह मंत्रालय को पूरा डाऊटवा हो जाये तो फ़ोन उन्हें थमा कर ये यकीन पक्का करवा देते हैं कि सब माया है। अब एकाध असली फ़ोन भी आ जाये तो आराम से सुनते रहते हैं:)

    हमारा प्यार ठुकराकर आप अफ़्रीका नहीं जायेंगे, बस्स:)

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  19. बिहारी जी हम तो ऐसा कितना ही रुपया ठुकरा चुके हैं वो क्या है न कि ज्यादा मोह माया में हम पड़ते ही नहीं हैं। :-)

    पर हमारे एक मित्र को जाने कौन से तो देश में जाने कौन सी तो नौकरी मिली थी ऐसे ही ई मेल पे। इतना खुश हुए कि सारी दुनिया में हल्ला कर दिए और अर्जेँटली पासपोर्ट भी बनवा लिए। जब वहाँ से पैसा माँगा गया तब भाई को समझ आया। बच गए पर बड़े दुखी हुए बेचारे, इतना हल्ला करके फ़जीहत जो करवा लिए थे।
    आप भी सबको बता रहे हैं देख लीजिए। :-)

    आपके ब्लॉगरोल पे अपना ब्लॉग देखके तबीयत खुश हो गई। आभार :-)

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  20. ठीक है सलिल भाई, अब तो कहना ही पड़ेगा :
    "सबका सपना मनी मनी" !!

    जय हो नगद नारायण की!

    -चैतन्य

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  21. उ सब तो ठीक है, पर हमका भूलियेगा नहीं बड़े आदमी बन कर...

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  22. यदि स्पैम मेल से करोड़पति बनना होता, पता नहीं कब के बन गये होते।

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  23. Ka bade bhaiya tani sa bada hue ki chhotkuye ko bhul gye....ham ta soch rahe ki aapka phone aayega aur kahiyega dulhiin ke saath aana aue pachas lakh le jana...taki hamre blog pe bhi tala lag sake:P...........bahut khub bhaiya!

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  24. कुछ दिन में ई ब्लॉग बंद होने जा रहा है और हम करोड़पति होने जा रहे हैं ...

    भईया हमहू तुम्हार दुबई का साथी हूँ .... करोर पति बन कर भूल न जइबे ... तनिक इधर भी देख लइन ....
    का मजेदार लिखते हो भैया ... पूरी पढनी ही पढ़ती है पोस्ट ...
    अब इ न समझो की हम पूरी नहीं पढ़ते हैं आपकी पोस्टें .... जय राम जी की ....

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  25. हा हा हा हा...हम तो एक बार डर ही गए थे पोस्ट का हेडिंग पढ़ कर के ये का कह रहे हैं आप बाद में बुझाए के इसके पीछे का मतलब का है...हमारे आफिस का एक कर्मचारी जिसे नाइजीरिया वालों ने सात करोड की लाटरी खुलने का सूचना दिया इतना पगलाया के अपनी जेब से उनके मांगने पर चालीस हजार रुपया दे आया...उस के बाद नाइजीरिया वाले कहाँ गायब हुए उसे पता ही नहीं चला...आपको सावधान कर रहा हूँ...बाद में मत कहियेगा के बतलाया नहीं...


    नीरज

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  26. बस!!
    करोड़पति!!
    हमने अपने अरबपति होने का, वो भी किसी लीबिया-सोमालिया के राजा की संपत्ति पा कर, ऐलान ही नहीं किया।
    पहले हम बंद कर लें ब्लॉग?
    :)
    बहुत बढ़िया लिखा है आपने।
    अब पूछियेगा मत की इसमें नया क्या है? :)

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  27. बंद तो होई जायेगा करोडपति के चक्कर में ऐसन नंगाझोरी होगी कि एकौ दमड़ी न बचे हे हो बिहारी बाबू ..और ई इंटरनेट कनेक्स्नवा क बिलिया भी न भराई !

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  28. अरे उस ई-मेल को सीरिअसली लीजिए और जल्दी से पईसवा निकलवा लीजिए....
    आप करोड़पति हो गए तो हम भी हो गए न :)

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  29. आपका देखा देखी सब चला जाएगा आपके पीछे पीछे.
    १९४२ में हुआ था "भारत छोड़ो आन्दोलन"
    अब लग रहा है आप लाने वाले हैं "भारत को छोड़ो आन्दोलन."
    मजेदार पोस्ट था...
    वैसे हमको अच्छा आईडिया आया कि क्यों ना एक ठो जुत्ता का फोटो तांगा जाए ब्लॉग पर.....
    वाह, what an idea sir ji!

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  30. शीर्षक देख कर तो डर गये । इस तरह के एस एम एस और मेल का खेल बहुत दिनों से चल रहा है ।

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  31. चलिए अब तो खाली इहे बच रहा है कि हम आपको भर भर के शुभकामना दे दें...ताकि जल्दी से जल्दी ऊ मिलियान्वा डालर आपके एकाउंट में आ जावे और हम मिल्यिनायर के आत्मीय कहलावें..

    त लीजिये ढेर ढेर शुभकामना !!!!

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  32. सलिल जी,
    पूरी पोस्ट पढ़ने पर समझ में आया !
    आपने जिस खूबसूरती से यह व्यंग्य लिखा है उसके लिए बार बार धन्यवाद !
    -ज्ञानचंद मर्मज्ञ

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  33. हमने तो सोचा देर से आने के लिए सॉरी बोलकर फिर कमेन्ट की शुरुआत करेंगे...पर देर से आने का फायदा ही हुआ...इतनी मजेदार पोस्ट पर उतनी ही रोचक टिप्पणियाँ पढ़ने को मिलीं.
    हम तो कहेंगे...ऐसे ही मेल आपको मिलते रहें और आप ऐसी हंसाने वाली पोस्ट लिखते रहें :)

    लगे हाथ...हम भी थोड़ा ज्ञान बघार दें....नीबू-मिर्ची टांगने और मिर्ची से नज़र उतारने के साथ-साथ दक्षिण भारत में एक और तरीका प्रचलित है.....मुट्ठी भर नमक उसके ऊपर से घुमा कर पानी से भरी बाल्टी में छोड़ देने का...अब ये टोटका कर ही डालिए....बहुत आसान है...नज़र नहीं लगेग्गी इस ब्लॉग को :)

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  34. बिहारी बाबूजी... आज हमको समझ आया कि ऑफिस में हमारे समीप ही मिश्राजी बैठते वो हमेशा अपने बारे में बुरा ही बुरा काहे बोलते हैं।

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  35. केतना लोग हमको, दिठौना, नजरबट्टू, चश्मेबद्दूर, काला टीका, नींबू मिर्ची और जूता टाँगने के लिये बोल गये... मगर हमतो एही कहेंगे जब आप लोग जैसे निगह्बान हैं तो ई सबका कोनो जरूरते नहीं है!!

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  36. सलील भाई,
    गुजारिश बा अपने पोस्ट पर एक काला टिक्का लगा दें ताकि केहू के नजर ना लग पावे।।
    आपको और क्या दूं मैं दिल के सिवाय,
    आपके पोस्ट को हमारी उमर लग जाए।
    का बताई राउर पोस्ट बहुत नीमन लागल।धन्यवाद।

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  37. करोडपति????????? लगता है आपने जरूर हिन्दी सीरियल देखने शुरू कर दिये हैं या भी अपने राजा कलमाडी से सीख लिया है कि करोडों से कम मे बात नही करते। सच कह रहे हैं सब नज़र लगी ही जानो। रोचक ही नही अति -ाति रोचक पोस्ट। बधाई।

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  38. आज के वैज्ञानिक युग में टोटके-टोने आजमाने वालों पर करारा व्यंग्य करके बहुत बड़ा उपकार किया है आपने.

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  39. मजेदार. इसके पूर्वार्ध से मिलता जुलता एगो देसिल बयना लिखे थे, "आवत को जावत देखा.... धनपत माथ पोआल !" मौका लगे तो देखिएगा. लिंक है, http://manojiofs.blogspot.com/2010/01/14.html

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  40. बाऊ जी , करोड़पति बनने कि बधाइयाँ , :)
    भूलिएगा नहीं |

    सादर

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