बुधवार, 18 अगस्त 2010

मेरी आवाज़ ही पहचान है!!

आज गुलज़ार साहब का जनमदिन है. उनके हज़ारों चाहने वालों के लिए तो त्यौहार सा दिन होता है, हमरे लिए भी है. पहले एक नज़्म लिखे थे उनके लिए “सम्वेदना के स्वर” पर. बस आज ओही दोबारा आपके समने लाने का मन कर रहा है.

गुलज़ार साहब कबिता का नया ब्याकरन लिखने वाले शख्स हैं. पंचम दा, यानि स्व. आर. डी. बर्मन, एक बार उनके कबिता से तंग आकर बोले कि यार तुम किसी दिन टाइम्स ऑफ इण्डिया का कोई हेडलाइन लाकर दोगे और कहोगे इसकी भी धुन बना दो. हालाँकि ऊ पंचम दा का प्यार था. अब कोई उनके कबिता को टाइम्स ऑफ इण्डिया का हेडलाइन बोले या कुछ भी, हमरे लिए त ओही साहित्त है अऊर ओही कबीर का साखी.

न कबिता लिखने का कूबत है हममें,न नज़्म लिखने का. लेकिन गुरुदेव को जियो हज़ारों साल कहने का तो जज़्बा हईये है. तो बस एक नज़्म..दिल से!!

कब सोचा था दादी नानी के सारे अफसाने बिल्कुल झूटे होंगे,
चाँद पे कोई बुढिया रहती है, ये सब बस कोरी गप्प थी.
आज ही मैंने जाना है ये
चाँद पे रहता है एक शख्स, सफेद पजामे कुर्ते
और तिल्लेवाली एक जूती पहने,
बुढिया की अफवाह उसी ने फैलाई थी सदियों पहले.
आज ही मैंने जाना है
इक नाम भला सा है उसका
और भरी हुई है सिर से लेकर पाँव तलक
भरपूर मोहब्बत, गहरा प्यार
ज़ुबाँ पे क्यों आता ही नहीं... सम्पूरन सिंह गुलज़ार.

तुम सलामत रहो हज़ार बरस!!

26 टिप्‍पणियां:

  1. गुलज़ार जी के जन्मदिवस पर उनको बहुत बहुत बधाई ...और आपको भी ..जो इतना चाहते हैं गुलजार साहब को

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  2. मुझे पता था, आज का दिन बहुत ख़ास होगा.
    गुलज़ार जी के जन्मदिवस पर उनको बहुत बहुत बधाई और आपको इस सुन्दर पोस्ट के लिए.

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  3. मजा आ गया :) गुलज़ार सर को बहुत बधाई :)

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  4. वाह .. गुलज़ार साहब के जनम दिन को आपॉने भी गुलज़ार कर दिया आज .... बहुत बहुत बधाई इस पोस्ट की सलिल जी ...

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  5. शुक्रिया इस पोस्ट का...गुलज़ार साहब को बहुत बधाई

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  6. आपके जज़्बे को सलाम, गुलज़ार साहब को सलाम!

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  7. गुलजार जी को याद करने के लिए आभार ...
    गुलजार जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  8. Get your book published.. become an author..let the world know of your creativity or else get your own blog book!


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  9. गुलजार जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
    सलिल भाई, आपको बहुत बहुत आभार यह दिन याद दिलवाने के लिए !

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  10. गुलज़ार जी के जन्मदिवस पर उनको बहुत बहुत बधाई

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  11. अरे बाप रे बाप ..!
    ई त महा गुलजार किये हुए हैं आप अपना बिलाग पर....जे बा कि ना ..एतना फस्ट किलास जनमदिनवा तो गुलजारो बाबू सईदे मनाये होंगे....
    चलिए बहुते खुस हुए हैं हम हूँ
    और गोड़ लगते हैं....
    और ईहो ..कह रहे हैं.....लिखते रहिये आउर का...
    हाँ नई तो...!

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  12. भाई साहब
    गुलजार साहब को हर कोई चाहता है
    जब उन्होंने फिल्म मेरे अपने बनाई थी... मैं तब से उनका प्रशंसक हूं
    बहुत ही बेहतर काम किया है आपने.

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  13. बहुत बढ़िया लिखा है अपने! गुलज़ार जी की जन्मदिन याद करवाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद! गुलज़ार जी को जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयाँ!

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  14. hoon....bahut khoobe yaad dilaye...
    oonpar ham kya comment karte.......

    is khoobsurt kabita ke liye abhar.

    pranam

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  15. बहुत ही शानदार तरीके से मनाया सम्पूरण सिंह गुलज़ार का जन्मदिन....नज़्म भी बहुत अच्छी है...हमारी भी बधाई..

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  16. सलिल जी
    आप और बहुत सारे अन्य लोगों की तरह मैं भी गुलजार साहब का बहुत बड़ा फैन हूं। आपने याद दिलाया कि आज उनका जन्म दिन है। बहुत बहुत शुक्रिया। मुझे पता नहीं था।
    अक्सर उनकी नज्में जो खुद वही बोलते हैं सुनता रहता हूं। बहुत अच्छा लगता है।

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  17. भैया आपकी बिना अनुमति के और बिना बताए ही एक पोस्ट आप के बारे में लिख दी है, बुरा लगे तो माफ़ कीजिएगा!
    http://vandematarama.blogspot.com/2010/08/blog-post_20.html

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  18. देर से पहूंचा भईया,क्षमा करना।
    भरपूर मोहब्बत, गहरा प्यार
    ज़ुबाँ पे क्यों आता ही नहीं... सम्पूरन सिंह गुलज़ार.

    आपकी शैली के अनुरूप

    बधाई

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  19. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  20. क्या गज़ब नज़्म लिख गये बाबू आप...बहुत खूब.

    गुलज़ार साहब को जन्म दिवस की बहुत बहुत बधाई.

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  21. .
    आऽ त.. ई देखीए, एतना फ्लोदार कवीता लिखे हैं, आरे ऊहे... नज़्म बोलीए न !
    आऽ कहते हँय बाबू साहेब को लीखने नहिं आता हय ?
    पहिले से डीसक्लेमर लगा देने का ई आप अछ्छा तरीका सिखे हँय ।
    बकिया ग़ुलज़ार साहेब को राजी-खुसी बूझियेगा, ओही दिन मनाली में भेंटाये थे !

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  22. कौन भूल सकता है ' मिर्जा ग़ालिब ' का 'बल्लीमारा' ,
    मैंने अभी फिर से सुना |
    एक वाकया और कोटा में कोचिंग के दौरान मैंने अपना पहला एफ.ऍम.रेडियो १७ अगस्त को ही खरीदा था , क्यूंकि अगले दिन गुलजार साब का जन्मदिन था |

    सादर

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