शनिवार, 21 अप्रैल 2012

किसन अर्जुन

अभी कल्हे-परसो टीवी पर देख रहे थे प्रोग्राम “मूभर्स एंड सेखर”... अरे ओही अपना सेखर सुमन का प्रोग्राम. एगो पाकिस्तानी हिरोइन को बोलाए हुए था, जिसके बारे में बहुत सा खिस्सा पहिलहीं से मशहूर है, नाम बीना मलिक. जब ऊ बोलने लगी त बताईं कि भारत में उनका बहुत सा लोग के साथ प्रेम सम्बन्ध बना अऊर सबके साथ ब्रेकप हो गया. अब ई ब्रेकप का माने होता है मन भर जाना, चाहे भिखमंगा के जैसा दोसरा दरवाजा देखना. हमको संतोस हुआ कि इसमें दिल टूटने जैसा कोनो बात नहीं है. बस भेकेंसी हो जाने वाला बात है कि अब जगह खाली है. बीना मलिक खुदे बोलीं कि अब हमको कोई सच्चा दोस्त का तलास है.

सिनेमा का दुनिया में ई सब टाइप का खिस्सा पहले बनाया जाता है, फिर उसको फैलाया जाता है अऊर बाद में उससे इनकार कर दिया जाता है, चाहे अफवाह बता दिया जाता है.  ऊ एगो कहावत है न कि लक्ष्य पा लेने के बाद त कोनो आनंद नहीं है, असली आनंद त जात्रा में है. आमिर खान जब अपना बीवी को छोडकर दोसरा औरत से बिआह (?) कर लिए त बात खतम हो गया, करीना कपूर जब होटल में साहिद कपूर के साथ धरा गयी थीं, त बड़ी हंगामा हुआ, मगर जब साहिद कपूर को छोड़ दी त कोनो बात नहीं, सैफ अली, जब सादी के इतना साल बाद, अमृता सिंह को छोड़ दिए त बबाल मच गया, मगर जब करीना के साथ खुल्ले आम घूमने लगे त बात खतम. अब ऊ बिआह करें कि साले-साल बिआह पोस्टपोन करें, कोनो आदमी के पेट में दरद नहीं होता है. जब तक ऊ लोग ई खबर को अफवाह बताता रहा, लोग मजा लिया; जिस दिन कन्फर्म हो गया, बात खतम.

देवयानी चौबल उर्फ देवी (खाली ‘उर्फ’ लगा देने से खूंखारियत चौगुना हो जाता है) अइसने एगो पत्रकार थीं – गॉसिप पत्रकार. जब हम लोग इस्कूल/कॉलेज में पढते थे, तब सोचते थे कि कहाँ-कहाँ का खबर निकालकर लाती है. अभी हाल में जब “द डर्टी पिक्चर” देखे, त अंजू महेन्द्रू (इनका गैरी सोबर्स के साथ, बाद में राजेस खन्ना के साथ खूब कहानी चला था) को देवयानी चौबल के रूप में देखकर पुराना टाइम याद आ गया. भगवान उनके आत्मा को सांति दे, मगर कमाल की गॉसिप पत्रकार थी. बताता है लोग कि राजेस खन्ना को ऊपर चढाने में देवी का बड़ा हाथ था.

जाने दीजिए, सिनेमा का दुनिया त आभासी दुनिया से भी जादा आभासी है. ब्लॉग का आभासी दुनिया भी गॉसिप से अछूता नहीं है. आज ओही बताने के लिए हम इतना बात बताए हैं. हमरा ब्लॉग पढ़ने वाला में बहुत सा लोग अइसा भी है जो लोग सामाजिक/व्यावसायिक दुनिया से हमसे जुड़ा है. ऊ लोग कमेन्ट नहीं करता है, मगर ब्लॉग पढता है जरूर. ई बात इसलिए कहे कि ऊ लोग का नाम बताने से भी आपलोग नहीं पहिचान पायेंगे. ऊ लोग से गाहे-बगाहे भेंट होता रहता है. कुछ रोज पहिले एगो फंक्सन में हम गए. बिस्वास कीजिये, जेतना लोग हमसे मिला, सब लोग एक्के बात पूछ रहा था. तनी आप भी सुनिए बातचीत:
“क्या बात है सलिल भाई! चैतन्य जी से कोई झगड़ा हुआ है क्या?”
“नहीं तो!!! आपसे किसने कहा?”
“छोडिये, जाने दीजिए! हम भी खबर रखते हैं!” मुस्कुराते हुए अइसे बोले जैसे एजेण्ड बिनोद हों.
“अच्छा! ज़रा मुझे भी बताइये, क्या खबर है हमारे बारे में?”
“यही कि आप लोगों में लिखने को लेकर झगड़ा हो गया है. वैसे एक बात बताऊँ सलिल जी, मैं शुरू से जानता था कि ये ज़्यादा दिन तक नहीं चलने वाला था. इगो क्लैश, यू नो!”
“मित्रवर! इगो का परित्याग करके ही हम दोनों एक हुए थे. फिर हमारे मध्य इगो की दीवार कहाँ से आयी!”
“हा हा हा! अब तो आप ये कहेंगे ही! खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे. प्लीज़ बुरा मत मानियेगा!”
“बुरा तो हमें किसी बात का नहीं लगता, मगर आप तो ऐसे कह रहे हैं जैसे आपने घोड़े के मुँह से ही सुन रखा हो ये सब. चैतन्य जी ने आपको फोन किया था या आप चंडीगढ गए हुए थे उनके पास?”
“अरे हम तो मजमून भांप लेते हैं लिफाफा देखकर!” (फिर से एजेंट विनोद) “चलिए मान लिया आपकी बात सच है, तो फिर ‘संवेदना के स्वर’ पर कुछ भी नया क्यों लिखा आप लोगों ने? बताइये-बताइये! जबकि ‘चला बिहारी..’ पर आप लगातार लिख रहे हैं!”

त ई बात है!!! हम चुप रहे, हम हंस दिए... अब ऊ लोग को हम का बताएं कि सायदे कोनो दिन अइसा होता होगा जब चैतन्य आलोक अऊर हम नहीं बतियाते होंगे, बल्कि दिन भर में बीस बार. कोनो मुद्दा ऑफिसियल या अन्-ऑफिसियल, हम दुनो सेयर करते हैं, बहस करते हैं और सलाह-मसबिरा करते हैं. हम दुनो को अफ़सोस है कि उनके साथ काम का बोझ एतना आ गया है अऊर ऑफिस का माहौल इतना अजीब हो गया है कि पहिले जेतना टाइम भी नहीं है अऊर टेंसन भी बहुत है! हमरा भी ओही हाल है, मगर हम उनके बिना ‘संवेदना के स्वर’ का कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. इहाँ तक कि ई ब्लॉग पर भी कोनो पोस्ट अइसा नहीं है, जो उनको बिना सुनाये हुए हम पोस्ट किये हों. एही नहीं, ब्लॉग जगत का कोनो गतिबिधि उनसे छूटा हुआ नहीं है. ऊ ब्लॉग जगत से दूर हैं, मगर सब खबर पूछते रहते हैं हम से.

आज हमरे ब्लॉग का दोसरा सालगिरह है. मगर ई दू साल के सफर में हम दू आदमी को कभी नहीं भुला सकते हैं. एगो हैं मनोज भारती... हमेसा हमको लिखने के लिए प्रेरित करते रहे. हमारा पोस्ट जेतना मन लगाकर ई पढते हैं, बहुत कम लोग पढता होगा. सच पूछिए त जेतना सीरियसली हम लिखते नहीं हैं, ओतना सीरियसली मनोज भारती जी पढते हैं हमारा पोस्ट.

अऊर चैतन्य बाबू का त बाते अलग है. मनोज जी अगर प्रेरना हैं त चैतन्य जी आत्मा हैं. आज अगर हम ब्लॉग जगत में दू साल पूरा कर रहे हैं त उस जात्रा में एक कदम हमरा है अऊर दोसरा कदम चैतन्य जी का. बहुत दिन हो गया उनसे मिले हुए. एक दिन फोन किये कि बस आपके साथ आमने-सामने बैठकर बात करने का मन कर रहा है. हम भी सोचे कि पता नहीं कब हमरे ट्रांसफर का चिट्ठी आ जाए अऊर हम उनसे एतना दूर हो जाएँ कि आसानी से मिलना भी नहीं हो पाए. हम भी बोले कि बस आपको छूकर देखना चाहते हैं. आज पता नहीं कहाँ से पाओलो कोएल्हो का कहा हुआ एगो संबाद याद आ रहा है:

मैंने गौर से कारवाँ को रेगिस्तान पार करते देखा. इन दोनों की भाषा एक ही है. इसीलिए रेगिस्तान कारवाँ को अपने ऊपर से गुजरने देता है. वह कारवाँ के हर कदम को बड़े ध्यान से देखता-परखता है कि वह समय के साथ है कि नहीं. यदि है, तो फिर वह हमें नखलिस्तान पहुँचाने से नहीं रोकता!

सचमुच ऊ नखलिस्तान हमरे सामने है, हम दुनो ‘सखा’ के साथ-साथ चलने का नतीजा, हमरे ब्लॉग का दूसरा सालगिरह!


62 टिप्‍पणियां:

  1. जोड़ी सलामत रहे और ब्लॉग क़यामत :)
    बहुत बहुत शुभकामनाएं!

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  2. देवयानी चौबल की गॉसिप में कहीं ना कहीं कोई सच्चाई भी होती थी....दिलीप कुमार के घर की दीवारों में दरारों का भी जिक्र उन्होंने ही किया था..और तभी आस्मां से निकाह का वाकया सामने आए था...बाद में उसे तलाक देकर दिलीप कुमार ने वो मामला ही ख़तम कर दिया और सब भूल गए..

    जिन गॉसिप में सच्चाई नहीं होती वे अपनी मौत मर जाते हैं...जैसे आपके और चैतन्य जी के बीच दूरी की बात भी..पानी के बुलबुले की तरह विलीन हो जाती..

    ब्लॉग के दूसरे सालगिरह की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!

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  3. बहुत करीने से सिलेमा और असल जिन्नगी को लपेटे हो.सिनेमाई दुनिया पर तो चर्चा करना ही बेकार है क्योंकि वहाँ तो पॉपुलर होने के लिए खुद ही अपनी बे-इज्ज़ती कर लेते हैं.जितनी ज़्यादा थू-थू,उतना ही हिट !

    हाँ,आपके ब्लॉग के दो साल पूरा होने की बधाई और चैतन्य आलोक जी से आपकी मिताई लगातार कायम रहे,ऐसी कामना है !

    आपको सीरियसली न पढ़ने से कमेन्ट देने में भी कोई दिक्कत नहीं आती,यह फायदा भी तो है !

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  4. का है के लोग एतना न मोस्केल मं ज़िनगी गुज़ारता है के गॉसिप का स्टॆरोयड लिये बगैर दूसरा दिन ज़िन्दा रहने का ताकत नहीं बचता है। बतियाने के लिये कब तक सीएरियस बिसय पर मगज़ मारी किया जाय एहसे गॉसिप का थ्रिल पलीता का काम करता है। सलीमा के बारे मं हम बहुत कक्चे हैं मगर एतना जानते हैं हम भी के सलीम जावेद का जोड़ी भले ही टूट जाय पर चैतन्य आ सलिल जी का जोड़ी कब्बो नहीं टूटेगा. दू साल का अभी त बहुत लम्बा सफ़र करना है। हमार मंगलकामनायें स्वीकार करीं जा।

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  5. जन्मदिन त ब्लॉग का दूसरा है , लेकिन भाई हमको त हर बार सचिन का शतक लगता है और बिना लोगों को सुनाये रह नहीं पाते तो हमरे बिचार से सौ मोमबत्ती ही हर बार जले ....
    ई ब्रेकप का माने होता है मन भर जाना, चाहे भिखमंगा के जैसा दोसरा दरवाजा देखना. हमको संतोस हुआ कि इसमें दिल टूटने जैसा कोनो बात नहीं है. बस भेकेंसी हो जाने वाला बात है कि अब जगह खाली है. :)
    आमिर खान जब अपना बीवी को छोडकर दोसरा औरत से बिआह (?) कर लिए त बात खतम हो गया, करीना कपूर जब होटल में साहिद कपूर के साथ धरा गयी थीं, त बड़ी हंगामा हुआ, मगर जब साहिद कपूर को छोड़ दी त कोनो बात नहीं, सैफ अली, जब सादी के इतना साल बाद, अमृता सिंह को छोड़ दिए त बबाल मच गया, मगर जब करीना के साथ खुल्ले आम घूमने लगे त बात खतम. ( भाई तुस्सी ग्रेट हो )
    अंत में यही कहेंगे - किसी की न सुन लिखे जा ........ वरना राह चलते जो मिलता है , वह बोलता है तो सुनाई देता है ' गप्प सुनो भाई गप्प सुनो , गप्पी मेरा नाम - गधी चढ़ी खजूर पर और खाने लगी अनार .... हहाहाहा .

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  6. a-v-e hi log-bag saath na dekh parishan ho.....kayas lagana suru kar dete hain.......

    blog ke dusre sall ke liye subhkamna cha badhai .....

    chaitanya bhaijee chandigarh me hain ye yaad dilakar,
    milwane ka bhi rasta batayen....

    pranam.

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  7. ब्लॉग के दूसरे सालगिरह की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं

    MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...

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  8. :) आपके लेखन में इतनी सहजता और शैली में इतनी सरलता है कि मन प्रसन्‍न हो गया इस पोस्‍ट को पढ़कर ..ब्‍लॉग की दूसरी सालगिरह बहुत-बहुत मुबारक हो ... अनंत शुभकामनाएं आप यूं ही अपने लेखन से सबको प्रभावित करते रहें ...

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  9. आपका और चैतन्य जी का यह सफर यूं ही चलता रहे ... साल दर साल यही दुआ है हमारी ! ब्लॉग की दूसरी वर्षगांठ पर हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें स्वीकार करें !

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  10. बहुत मनोरंजक भाषा का प्रयोग कीया है आपने!...देवयानी चौबल ने अपने जमाने में तहलका मचाया था!....सुन्दर प्रस्तुति!...आभार!

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  11. इस पोस्ट में एक सौ ऐसन बात है जिस पर कुछ कहने का मन बन जाता है। और भावुक कर दिया एतना कि कुच्छो कहते नहीं बनता। कहां से सुरु करें।

    गौसिप पर एगो शे’र तोर-मरोर के

    मुहब्बत करने वालों में ये झगड़ा डाल देती है
    गौसिप दोस्ती की जड़ में मट्ठा डाल देती है

    पर हमको त यही बुझाया है कि आपको ई सब का मतलब -- बनाकर फ़कीरों का हम भेस ग़ालिब, तमाशा-ए-अहले-करम देखते हैं।

    आपका ब्लॉगिंग ब्लॉग जगत को एक नया दिसा देता है। लोग न सिर्फ़ इसको पसंद करते हैं बल्कि इस पर गर्वो करते हैं, अ‍उर हमरा जैसन लोग इरसा करते हैं कि हमसे ऐसा काहे नहीं होता।

    हमेसा के तरह से ई पोस्ट में भावना, सरलता और एक मीठा-मीठा अनुभूति का सैलाब है। डुबकर पार जाने में आनंद आता है।

    अंत में यही कहना चाहेंगे कि आपके ब्लॉग के जन्‍मदिन यानी आज से 365 दिन का एगो नया सफ़र फिर से शुरू होता है । आपका ये जात्रा मंगलमय और सफलता से भरा हो ।

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  12. ब्लॉग की दूसरी साल गिरह पर बहुत बहुत बधाई!

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  13. सलिल भाई !
    यह परस्पर आत्मीयता और सम्वेदनाओं की कोमलता ही है, जो बड़े जतन से बाधें है इस देह के यंत्र को, वरना टूट कर बिखरते कितनी देर लगती है।
    आभासी जगत में “चला बिहारी ... “ के दो बरस मुबारक !! आपकी सोच से बन्धे होने के नाते इस ब्लोग से जुड़े सभी लोग अपने से ही लगते हैं। कितनी बार कितनी ही चर्चाओं में सबके नाम आते हैं...और हर नाम के साथ आपसे सुना उनका व्यक्तित्व और कृतित्व आंखों मे आ जाता है। (इतने सारे लोग हैं कि मै फिलहाल एक दो नाम लेने से बच रहा हूं)

    सच कहूं तो मेरे इंटरनैट आप ही हैं अब। रही “सम्वेदना के स्वर”ब्लोग की बात, तो उसका मौन तोड़ने का सहास नहीं हो रहा है। बाहर और भीतर की अराजकता व्यथित कर देने वाली हो चली है।

    उस अद्वैत को क्या कहेंगे जब आस-पास का जगत ही आभासी लगने लगे और अपने अस्तित्व पर शक होने लगे! इससे पहले कि सयाने मुझे पागल करार दें अपनी बात समाप्त करने मे ही भलाई है।
    .
    - चैतन्य आलोक


    खैर, मनोज भारती तो मेरे साथ ही इस सरकारी कारावास में सजा काट रहें है।

    आप आईये चड़ीगढ वरना हम आते हैं नोएडा, एक अरसा हो गया गले नहीं मिले!

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  14. दूसरी सालगिरह(ब्लॉग)की हार्दिक बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाएं.... :):)

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  15. ब्लॉग की दूसरी सालगिरह बहुत बहुत मुबारक!
    आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे...
    अनुभवों को इतनी सहजता से लिखना... गूढ़ बातों को हमारी अपनी सी भाषा में प्रस्तुत करना हृदयस्पर्शी है...
    यहाँ तक आये देर से पर जब आये तो एक एक पोस्ट पढ़ा और कईयों को पढ़ कर भी सुनाया फ़ोन पर...:)
    सादर!

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  16. सलिल जी ,
    ऐसा तो नहीं सोचा था पर आपके आलेख को पढकर शक ज़रूर हो रहा है :)

    उदाहरण भी ऐसे ऐसे कि शक ना भी होता हो तो हो जाये :)

    करीना लाइफ में आ जाये तो अफवाह खत्म इसका क्या मतलब निकालूँ मैं :)

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    1. बहरहाल संवेदना के स्वर वर्षों के शतक पूरे करे यही शुभकामनाएं हैं !

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    2. अली सा.
      आप तो बस आशीर्वाद दें.. आज ही चैतन्य ने पूछा कि अली सा. का कमेन्ट आया कि नहीं (क्योंकि आप ही वो इकलौते शख्स हैं जो हमें संवेदना के स्वर बंधुओ कहा करते थे/हैं; बाक़ी सभी तो शुरू से ही बाँट कर देखते थे), तो मैंने कहा कि वे जगदलपुर से बाहर गए हैं, आते ही होंगे!!
      और आप हाज़िर हैं..
      आपकी जुबान से निकली कई बातें सच हो जाती हैं.. ये शतक वाली बात भी... बस पैर छूते हैं हम आपके!!

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  17. ब्लॉग की दूसरी वर्षगांठ पर हार्दिक बधाइ :)

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  18. शुभकामनाएँ!! ब्लॉग और आप तीनों को!! :)

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  19. आपकी पोस्ट की माध्यम से तगड़ी मानसिक घुमाई हो गया, पूरा वर्तमान विश्व घूम लिये मानो।

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  20. kahaan kahaan kee cheez laaye hain is post me aap... :) dirty picture se lekar aapka office aur pablo neruda... :) aur haan...ye rajesh khanna ko hit karaane wali patrakar se pahla parichay aap hi karaye... :) anjoo mahendroo ka kahani bhi naya hai hamare liye..

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  21. बजे बधावा जोर से, 'वीणा' के दो साल ।

    बड़े 'करीने' से रखी, सब सुरताल संभाल ।

    सब सुरताल संभाल, सुनी गासिप 'चौबल' की ।

    कुछ एजेंट विनोद, खबर रखते पल-पल की ।

    जो चैतान्यालोक, मनुज भारती पठावा ।

    ब्लागे ढोल बजाय, जोर से बजे बधावा ।।

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  22. एनिवर्सरी आपकी, एक बढ़िया पोस्ट का तोहफा हमें... अब हम इतने कंजूस भी नहीं कि आपको मुबारकबाद न दें!
    पाठकों के पसंदीदा 'चला बिहारी ब्लॉगर बनने' को दूसरी वर्षगांठ पर दिली शुभकामनायें।

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  23. सालगिरह मुबारक..............

    आप जिस विषय पर लिखे हैं वो कुछ हमारे इंटरेस्ट का नहीं है मगर हम पढते बिलकुल वैसे हैं जैसे आपने लिखा...सुर में...
    सो बहुत मज़ा आया...

    सादर
    अनु

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  24. कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। अफ़वाहें कई बार grapevine का काम करती हैं लेकिन बहुधा इनके माध्यम से लोगों की इच्छायें, कामनायें, तृष्णायें भी जाहिर होती हैं। जब दोनों पक्ष परिपक्व और समान धरातल पर होते हैं तो ऐसी अफ़वाहें रिश्तों को और भी मजबूत कर देती हैं, believe me. आपसे जब भी बात हुई है, ऐसा कभी नहीं हुआ कि चैतन्य जी की बात आपने न की हो। और आवाज की pitch हर बार बता देती है कि आप दोनों के बीच कितना अपनापन है। ’सम्वेदना के स्वर’ पर कुछ समय से खामोशी है लेकिन और भी गम हैं जमाने में ब्लॉगिंग के सिवा। इस खामोशी का अंट शंट मतलब निकालने वाले अपनी मानसिकता दिखाते हैं।
    छोड़िये, हटाईये, जोर से ठहाका लगाईये और दूसरी ब्लॉगीय वर्षगांठ की बधाई स्वीकार कीजिये। अली साहब के उठाये सवाल पर प्रकाश न डालना चाहें तो हम भी कोई इसरार नहीं करते, काये कू लाजवाब करना अपनों को:)

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  25. सबसे पहले ब्लॉग सालगिरह की बधाई.
    अब अफवाह और खबर - तो कुछ तो लोग कहेंगे. यूँ ही चला चल राही यूँ ही चला चल राही..

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  26. अफवाहें ऐसी न होतीं तो उन्हें कोई अफवाह कहता?
    खैर... उन्हें हटाइए, आपको ढेर सारी बधाई हो इस ब्लॉग के दो वर्ष पूरे होने के अवसर की।

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  27. सलिल जी इन दो सालों में आपने अपने जीवन के जितने अनुभव बांटें हैं,वो हमारे लिए अमूल्य हैं। हम तो बस इतना चाहते हैं कि आप हमेशा सुकून की जिंदगी जिएं...और अपने जीवन के व्यस्ततम क्षणों में से भी कुछ क्षण इन अनुभवों को बांटने में जरूर देते रहें ताकि इन अनुभवों से हमेशा कुछ सकारात्मक और सरोकारात्मक निकलता रहे...अभी तो बहुत दूर तक इन अनुभवों को बंटना है।

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  28. आज आपकी पोस्ट पढ़कर आज पता नहीं क्यों मन काफी गम्भीर हो गया ओर कुछ टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं है, सिवाय इसके कि तालियाँ बजाकर और गरमजोशी के साथ हाथ मिलाते हुए इस दूसरी वर्षगाँठ पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दूँ। पर वह सम्भव नहीं है। अतएव शब्दों से ही बधाई दे रहा हूँ और ईश्वर से कामना करता हूँ कि आपकी लेखनी अबाध चलती रहे।

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  29. अफवाहों का क्या है... उडती रहने दो... जब से आपको पढना शुरू किया है तब से आपकी एक भी पोस्ट ने निराश नहीं किया... आपकी हर पोस्ट से कुछ न कुछ अनुभव लाभ ही हुआ...
    आपको बधाई हो... चला बिहारी ब्लॉगर बनने के दो वर्ष होने पर... यूँ ही यह सौ से भी अधिक साल पुरे करे....

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  30. प्रेरणा और आत्मा के साथ आपको भी हार्दिक बधाई। ये जात्रा यूँ ही चलती रहे और हम लोग आनन्द के भागी बनें!

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  31. हम तो एक दिन लेट से आयें :(
    लेकिन आप ये बताइए की दो साल का हो गया ब्लॉग और आप कोई केक भी नहीं खिलाएं हमको????? :)

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  32. ई छुछे छुछे हैप्पी बलडे मनाइएगा हो , दुन्नो संगी गलबहियां डाल के मस्त झूमते निकल जाइएगा का ?? अरे पालटी बनती है जी । जारी रहिए ..एजेंट बिनोद से लेकर एजेंट बिक्रम बेताल तक , तो सनातनी प्रथा न है । बहुत बहुत मुबारक हो सर ।

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  33. ई ब्लगवे लोग मन से नहीं पढ़ते आप जहाँ-जहाँ टिपियाते हैं उसे भी अधिक लोग मन से पढ़ते हैं। दू चार लोगों को ढेर क्रेडिट दे के बकिया का दिल तोड़ रहे हैं आप।

    आपके स्वर मे इतनी संवेदना छुपी होती है कि संवेदना के स्वर को लोग का याद करें। शब्द शब्द भाव विभोर कर देता है। ब्लॉग तो आप तक पाठकों की प्रतिक्रिया पहुंचने का माध्यम बना है। अभिव्यक्त तो आप अंतरजाल मे हो ही रहे होते हैं।

    संवेदनशील दो प्राणियों में वैचारिक गठबंधन हो जाय तो यह वैवाहिक गठबंधन से अधिक सुख देता है, खासकर तब जब तन शिथिल हो जाय और मन की चंचलता बनी रहे।:)

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  34. ओह! वर्षगांठ वाली बात तो भूलिये गये। बहुत-बहुत बधाई।

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  35. बात लिक्लेगी तो फिर दूर तलक जायेगी,
    लोग बेबजह उदासी का सबब पूंछेंगे...

    आप चाहें सम्वेदना के स्वर पर लिखे या चला बिहारी ब्लॉगर बनने पर, हर जगह स्वागत है.

    दूसरी वर्षगाँठ पर शुभकामनायें.

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  36. ब्लॉग के दो साल पूरे होने पर बधाई .... अफवाह पर लोग ज्यादा ध्यान देते हैं जब सब पता चल ही जाता है तो पेट का दर्द खत्म हो जाता है ...

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  37. ऐसा होता हिया जब विचारिक सहजता इतनी ज्यादा हो की पता ही नहीं चले कौन कब लिख रहा है ...
    आपको दूसरी वर्षगाँठ पे बहुत बहुत बधाई ... सफर यूं ही चलता रहे ...

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  38. दो साल होगए । पता ही नही चला इतना कुछ सहज और अपना सा पढते-पढते । बस यूँ ही अनुभवों का खजाना बाँटते रहें सालों साल

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  39. सचमुच, किशन-अर्जुन सी कहानी !

    ब्लाग के दूसरे सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं, आप यूं ही लिखते रहें और हम यूं ही पढ़ते रहें।।

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  40. ब्लॉग के दो वर्ष पूरे होने की बहुत २ बधाई शुभकामनाए ........

    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...:गजल...

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  41. अफवाहें पानी के बुलबुलों की तरह होती है , ध्यान ना दें तो अपने आप फूट जाति हैं !
    आप दोनों को बहुत बधाई और शुभकामनायें !

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  42. किसान अर्जुन की जोड़ी सलामत रहे.. बढ़िया पोस्ट...

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  43. उत्तर
    1. वैसे दोनों भाई एक केक पार्टी दे ही दो सलिल ....
      केक तो बनता ही है !
      :)

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  45. बहुत बहुत बधाई! व शुभकामनाएं ...पटना तक तो पहुँच गई हूँ, आती हूँ घर भी....

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  46. बहुत बहुत बधाई सलिल जी, दो साल पूरे करने के लिए। और ब्लॉगिंग में तो सुनते हैं जब तक कोई विवाद न हो, कोई मशहूर नहीं होता। तो अफवाहें उड़ेंगी तो ब्लॉग की सेहत चकाचक रहेगी। आगे के लिए भी शुभकामनाएं कि जैसे दो साल पूरे किए हैं.. वैसे ही बीस साल भी पूरे हों..

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  47. आपका पोस्ट अच्छा लगा । भगवान से विनती है कि यह सिलसिला अहर्निश चलता रहे । धन्यवाद ।

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  48. ब्लॉग की दूसरी वर्षगांठ पर हार्दिक बधाइ

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  49. ब्लॉग के दो वर्ष पूरे होने की बहुत २ बधाई शुभकामनाए

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  50. सलिल जी देर से शुभकामनायें दे रही हूँ .....यात्रा पर थी ...नेट से दूर थी ...बहुत बहुत बधाई दो वर्ष पूर्ण होने पर ....आपका ब्लॉग पढते पढते बिहारी भाषा सीख जायेंगे ....अनवरत लिखते रहें ....!!

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  51. बहुत दिनों से पारिवारिक व्‍यस्‍तता के कारण आपकी पोस्‍ट आज पढी गयी तो मुबारकबाद भी आज ही। हम भी आपकी पोस्‍ट बड़े मगन होकर पढ़ते हैं।

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  52. बोलने की जिस शैली के कारण "बिहारी" शब्द (कम से कम दिल्ली में) एक गाली की तरह प्रयुक्त होता था और जिससे उबर गए लोग यह सुनकर इतराते नहीं थकते कि तुम्हारी शैली से बिल्कुल पता नहीं चलता कि तुम बिहार के हो,उसे लिखित रूप देने की सोचना भी एक बहुत बड़ी चुनौती थी। यह देखना सुखद है कि दो साल के इस काफ़िले में कई ऐसे लोग भी आपके मुरीद बने हैं जिनकी साहित्यिक समझ गहरी तो है मगर जो बिहारी शैली को पूरी तरह समझ नहीं पाते और फिर भी नियमित रूप से आते हैं ब्लॉग पर। आपने जता दिया है कि हर शैली पर स्थानिकता का प्रभाव होता है- चाहे वह खड़ी बोली की ही क्यों न हो। और यह भी,कि ब्लॉग रस लेने के लिए नहीं,रस बांटने के लिए है।

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  53. दो साल का होने की बधाई। अगले साल के बाद हेप्पी कॉंवेण्ट स्कूल के "प्ले-ग्रुप" में भर्ती होने का नम्बर आ जायेगा। तब तक जितनी मौज मस्ती करनी हो कर लें! :-)

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  54. sirji aapko dusar saalgiraah ka bahute bahute badhaai...

    aeese hi likhte rahiye...
    khoob shubhkaamna,
    sneha

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  55. ब्लॉग का दूसरा सालगिरह पर बहुते बधाई |
    फ़िल्मी दुनिया का गासिप तो चलिते रहेगा लेकिन हमरा दुआ है कि आपका और चैतन्य जी का जोड़ी अइसा ही सदियों बना रहे |
    आमीन

    सादर

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